मोहम्मद शमी की क्रिकेट में वापसी की योजना
भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अपनी वापसी की घोषणा की है। शमी, जिन्होंने अपनी कुशाग्रता और तेज गति से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को परेशान किया है, अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली महत्वपूर्ण सीरीज में हिस्सा लेने को तैयार हैं। अपनी चोट से उबरने और वापसी को सुनिश्चित करने के लिए शमी ने एक गहन पुनर्वास कार्यक्रम अपनाया।
रणजी ट्रॉफी में प्रदर्शन
शमी अपनी चोट से उबरने के लिए अपना ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं और इस दौरान उन्होंने रणजी ट्रॉफी में कुछ मुकाबले खेलकर अपनी मैच फिटनेस को जांचने की योजना बनाई है। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में बोर्ड के कर्मचारियों की निगरानी में उन्होंने अपनी तैयारी को अंतिम रूप दिया। वह अब पूरी तरह से दर्द-मुक्त होने का दावा करते हैं और अभ्यास सत्रों में उन्होंने अच्छी प्रदर्शन दी है। उनका मानना है कि आगामी सीरीज में वह अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
चोट और पुनर्वास प्रक्रिया
मोहम्मद शमी के लिए पुनर्वास का यह समय चुनौतीपूर्ण रहा है। वनडे विश्व कप 2023 के बाद से वह किसी भी प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट का हिस्सा नहीं रहे हैं। उनके टखने में चोट के बाद सर्जरी का सहारा लेना पड़ा था। इस कठिन समय में, उन्होंने बेंगलुरु में अपने अभ्यास के दौरान पूर्ण गति से गेंदबाजी कर प्रतिक्रिया जांची। उनके प्रभावशाली प्रदर्शन ने उनके कोच और साथी खिलाड़ियों का विश्वास लौटाया है।
सीरीज़ के महत्व को लेकर शमी का उत्साह
मोहम्मद शमी के लिए यह श्रृंखला खास इसलिए भी है क्योंकि यह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रतिष्ठित बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का हिस्सा है। यह मुकाबला भारतीय टीम के लिए साख का विषय है और शमी जानते हैं कि वह अपनी टीम के लिए कितने जरूरी हैं। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी उनके इस संकल्प को देखकर उत्साहित हैं और उन्होंने शमी की चोट को लेकर व्यक्त की गई चिंता को भी कहीं पीछे छोड़ दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार टीम की स्थिति
भारतीय क्रिकेट टीम वर्तमान में कुछ शीर्ष खिलाड़ियों के संकेतक के अभाव में संघर्ष कर रही है। एशेज शैली की इस श्रृंखला पर सभी की निगाहें टिकी हैं, जिसमें शमी की जैसी गहराई की गेंदबाजी बेहद जरुरी है। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि शमी की वापसी से भारतीय गेंदबाजी विभाग के कमजोर हिस्से में सुधार होगा।
इन सबके बीच, शमी का ध्यान पूरी तरह से अपनी फिटनेस और गेंदबाजी पर है। उनकी यह तैयारी और आत्म-विश्वास न केवल उनके लिए बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी संभावनाओं से भरा हुआ साबित होगा।
एक टिप्पणी लिखें
आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी.
14 टिप्पणि
शमी वापस आ गए हैं बस अब बल्लेबाज़ों को डरना होगा।
इतनी मेहनत के बाद वापसी देखकर दिल भर गया। ये लड़का असली लड़ाकू है। ऑस्ट्रेलिया में भी वही धुआं निकाल देगा।
अरे यार ये सब फेक है न? कोचिंग स्टाफ ने फोटोशॉप कर दिया होगा। शमी का टखना अभी भी टूटा हुआ है, बस टीवी पर दिखाने के लिए नए जूते पहनाए हैं 😂
शमी की गेंदबाजी में एक अलग ही जादू है। बल्लेबाज़ को लगता है गेंद आ रही है तो वो बस घूम जाती है। वापसी पर बधाई।
इतनी बड़ी वापसी के बाद भी तुम ये लिख रहे हो? असली चैलेंज तो ऑस्ट्रेलिया में बल्लेबाज़ों को डराना है। अभी तक तो बस ट्रेनिंग थी।
यहाँ तक कि उनकी फिटनेस रिपोर्ट में भी गलतियाँ हैं। रिकवरी टाइमलाइन 18 महीने थी, लेकिन उन्होंने 14 महीने में वापसी का दावा किया है। यह जल्दबाजी खतरनाक है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वापसी? ये तो अभी तक वहाँ जीत नहीं पाए! शमी को लेकर ये सब धमाका बस नेशनलिस्ट बातचीत का धोखा है। हमें अपने खिलाड़ियों को बहुत ज्यादा ओवरहाइप नहीं करना चाहिए!
भाई, शमी का जो दिल है, वो बस गेंद के साथ दौड़ता है। टखना ठीक हुआ या नहीं, उसकी आत्मा तो पहले से ही ऑस्ट्रेलिया में है। 🙌
मोहम्मद शमी के लिए यह वापसी केवल शारीरिक ठीक होने का मामला नहीं है। यह एक मानसिक विजय है, जिसमें उन्होंने अपने आत्मविश्वास को फिर से बनाया है। उनकी रुतबा ने उन्हें चोट के बाद भी गेंदबाजी के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखने की शक्ति दी। यह असली लीडरशिप है।
शमी की वापसी? बस एक बहाना है। बोर्ड को टीवी रेटिंग्स चाहिए, न कि एक फिट गेंदबाज। उनकी गेंदें अब बस धूल उड़ा रही हैं।
इस वापसी के पीछे एक एंट्रायल फिजिकोथेरेपी फ्रेमवर्क भी शामिल है, जिसमें न्यूट्रल बॉडी पोजिशनिंग और एक्सेलेरेटेड मायोफैशियल रिलीज का उपयोग हुआ है। शमी के कोचिंग टीम ने इसे बेंगलुरु में लैब-टेस्टेड प्रोटोकॉल के साथ एडॉप्ट किया।
शमी के टखने में एक चिप लगा है जो उसे ऑस्ट्रेलिया में गेंदबाजी करने के लिए प्रेरित कर रही है। ये सब गवर्नमेंट का एक प्रोपेगंडा है 😏
क्या वापसी का मतलब सिर्फ खेलना है? या ये भी है कि एक आदमी अपनी आत्मा को फिर से जीत ले? शमी ने दर्द को अपनी गेंद के साथ जोड़ दिया है। अब वो बस गाना गा रहा है।
शमी की वापसी से बस एक बात साफ हो गई - अगर दिल में जुनून है, तो कोई चोट नहीं रोक सकती। ये लड़का नहीं, एक अग्नि है। ऑस्ट्रेलिया को तैयार रहना होगा।