ड्युर्गा पूजा: नवरात्रि के नौ रूप और व्रत की सम्पूर्ण गाइड
जब ड्युर्गा पूजा, हिंदू धर्म में दुर्गा माता को समर्पित नौ‑दिन की पावन पूजा. Also known as दुर्गा पूजा, it marks the climax of नवरात्रि, वसंत ऋतु में दुर्गा के नौ रूपों को याद करने वाला उत्सव and incorporates strict व्रत, आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाने के लिये शुद्ध भोजन से परहेज. These rituals are usually performed at पुण्यस्थल, जैसे कुंडलियों, माँ दुर्गा के मंदिर और घर के आध्यात्मिक कोने, जहाँ समुदाय के उत्सव, भजन, आरती और धूमधाम से भरपूर जश्न होते हैं।
ड्युर्गा पूजा के प्रमुख पहलू
ड्युर्गा पूजा नवरात्रि के नौ रूपों को सम्मानित करती है; प्रत्येक दिन एक अलग शक्ति का प्रतीक होता है, जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी या काली। इस कारण पूजा की विधि में प्रतिदिन अलग‑अलग मंत्र और उपवास नियम लागू होते हैं। व्रत का मुख्य लक्ष्य मन को शुद्ध करना और शक्ति को बढ़ाना है, इसलिए सात‑वी दिन का उपवास अक्सर फल‑साबुत और दूध तक सीमित रहना चाहिए। पुण्यस्थलों पर स्थापित पंडाल में मां के चित्रण या मिट्टी की मूर्तियों के साथ दीपक, पंखुड़ी और फूलों की सजावट होती है, जिससे आध्यात्मिक माहौल बनता है। उत्सव के समय बंगाल में आयरन राइस, काव्य, और गरबा जैसी लोक कला भी शामिल होती है, जिससे सामाजिक जुड़ाव मजबूत होता है।
ड्युर्गा पूजा नवरात्रि के नौ रूपों से जुड़ी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करती है; यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि सामाजिक एकता का भी मंच है। जैसे ही पूजा समाप्त होती है, विजयादशमी पर माँ दुर्गा की बंधन मोचन की कथा सुनाई जाती है, जिससे लोग बुराई पर जीत का जश्न मनाते हैं। इस दौरान कई शहरों में ‘धनुषा’ के रूप में बड़े आकार की मृदंग और पिचकारी चलती हैं, जिससे उत्सव का माहौल और जीवंत हो जाता है। हमने इस टैग पेज पर नवरात्रि के विभिन्न पहलुओं—व्रत नियम, पूजा विधि, स्थानीय रीति‑रिवाज़ और स्वास्थ्य‑संबंधी टिप्स—के बारे में लिखा है, ताकि आप अपनी ड्युर्गा पूजा को सही ढंग से मनाएँ। नीचे आप इन सबको विस्तार से कवर करने वाले लेखों की सूची पाएँगे, जिससे आपका उत्सव और भी रोचक बनेगा।
ड्युर्गा विसर्जन में दार्जिलिंग टॉय ट्रेन, 111वीं पूजा का अनोखा कदम
दार्जिलिंग में नरिन्द्र नारायण बंगाली हिंदू हॉल पूजा समिति ने 111वीं पूजा में टॉय ट्रेन से देवी दुर्गा का अनोखा विसर्जन किया, जिससे धार्मिक परम्परा और पर्यटन ने नई दिशा पाई।