नाग पञ्चमी 2025: महत्त्व, रीति‑रिवाज़ और खास बातें
क्या आप जानते हैं कि नाग पञ्चमी सिर्फ एक साधारण त्यौहार नहीं, बल्कि भारत के कई हिस्सों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है? इस दिन को विष्णु भगवान की स्नान का शुभ समय माना जाता है और साथ ही साँपों को सम्मान देने की परंपरा भी चलती आती है। 2025 में नाग पञ्चमी का तिथि 14 जुलाई है, तो चलिए देखते हैं कि इस खास दिन को लोग कैसे मनाते हैं और क्यों यह इतना महत्वपूर्ण है।
इतिहास और पौराणिक कथा
नाग पञ्चमी की जड़ें प्राचीन भारतीय ग्रन्थों में मिलती हैं। कहा जाता है कि जब विष्णु जी ने समुद्र मन्तरण के दौरान कष्ट से बचने के लिये साँपों को अपने पैर पर रखा, तो उन्होंने इस दिन को अपना स्नान करने का समय चुना। इसी कारण यह दिन ‘विष्णु स्नान’ के नाम से भी जाना जाता है। कई क्षेत्रों में माना जाता है कि इस दिन साँपों की पूजा करने से घर‑घर में सुख‑समृद्धि आती है।
पूजा‑पद्धति और खास रीति
नाग पञ्चमी पर लोग मुख्यतः दो प्रकार की पूजा करते हैं: विष्णु स्नान और साँप पूजन। सुबह जल्दी घर के पोछा, कपड़े साफ कर, नीर जले और भगवान विष्णु को दूध, शहद, घी व फूल अर्पित करें। फिर मंदिर में या घर के बाहर रखे कंकाल पिंडों (नाग) को जलाते हुए गाने‑गानों से सम्मान दें। कुछ राज्यों में ‘बन्धन पूजा’ भी होती है जहाँ बाँध कर रखा हुआ साँप का प्रतिरूप बांधकर परिवार की सुरक्षा मांगते हैं।
भोजन में अक्सर कच्ची सब्ज़ियाँ, फलों के साथ बेसन‑लड्डू और ठंडा जल पिया जाता है। कई जगहों पर ‘साँप दही’ (दही में छोटे कंकाल साँप) भी बनाकर खाया जाता है – यह सिर्फ प्रतीकात्मक होता है, असली साँप नहीं।
अगर आप बाहर यात्रा करने वाले हैं तो नाग पञ्चमी के दौरान आयोजित मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का फायदा उठाएँ। कई शहरों में इस दिन विशेष रेला (परेड) लगती है जहाँ हाथी, घोड़े और रंग‑बिरंगे झांकियों से सड़कों को रोशन किया जाता है। यह समय स्थानीय व्यंजनों को चखने और परम्पराओं को समझने का सबसे अच्छा अवसर होता है।
ध्यान रहे कि साँपों के साथ कोई भी शारीरिक संपर्क न करें, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहाँ विषैला साँप मिल सकता है। पूजा‑स्थल साफ रखें और जल बचाव के लिए छोटी मात्रा में पानी प्रयोग करें – इससे पर्यावरण को भी मदद मिलेगी।
अंत में, नाग पञ्चमी सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि भारत की विविधता का एक जीवित उदाहरण है। आप चाहे किसी भी राज्य से हों, इस दिन की रिवायतें आपके भीतर के संस्कृति प्रेमी को जगा देती हैं। तो 2025 की नाग पञ्चमी पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर ये सरल लेकिन दिलचस्प रीति‑रिवाज़ अपनाएँ और खुशियों भरा दिन बिताएँ।

नाग पंचमी 2024: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, और उपाय
नाग पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक पर्व है जो नाग देवताओं को समर्पित होता है। 2024 में नाग पंचमी 17 अगस्त को मनाई जाएगी। पूजा के शुभ मुहूर्त की जानकारी के साथ इसमें पूजा विधि, व्रत कथा, अर्पण सामग्री और काल सर्प दोष के उपाय भी शामिल हैं। यह पर्व भक्तों को नागों के बुरे प्रभाव से बचाने और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायता करता है।