नियुक्ति घोटाला क्या है? संकेत और बचाव के आसान उपाय

हर साल हजारों लोग नौकरी या सरकारी पोस्ट की विज्ञापन देखके आकर्षित होते हैं, लेकिन कई बार ये विज्ञापन झूठे होते हैं। ऐसा फंदा ही नियुक्ति घोटाला कहलाता है। अगर आप भी ऐसे विज्ञापनों से परेशान हैं तो इस लेख में बताई गई बातों को ध्यान से पढ़िए, इससे बचना आसान हो जाएगा।

घोटाले की आम चालें

सबसे पहले समझिए कि घोटालादार कैसे काम करता है। वे अक्सर सोशल मीडिया या मैसेंजर पर "सरकारी पद के लिए तुरंत भर्ती" का संदेश भेजते हैं। इनकी खासियत होती है तेज़ प्रोसेस, कम दस्तावेज और कभी‑कभी फॉर्म भरने के बाद एंट्री फीस ले लेते हैं। दूसरा तरीका है ऑनलाइन जॉब पोर्टल पर बहुत हाई सैलरी वाले विज्ञापन डालना, जहाँ आपको इंटरव्यू नहीं बल्कि बैंक ट्रांसफर करने को कहा जाता है। अक्सर वे भरोसेमंद संस्थानों जैसे "केंद्रीय सेवा आयोग" या "राज्य सरकार" के नाम का दुरुपयोग करते हैं।

तीसरा तरीका है "रेफ़रल स्कीम" जहाँ किसी दोस्त ने बताया कि उसने नौकरी पाई, अब वही आपको रेफ़र कर रहा है और फीस मांग रहा है। ये सब बातों में एक समान चीज़ होती है – तुरंत पैसा या जानकारी देना पड़ता है, बिना ठोस प्रमाण के। अगर आप इन संकेतों को नोटिस करेंगे तो घोटाले से बच सकते हैं।

बचने का आसान तरीका

पहला कदम: आधिकारिक वेबसाइट चेक करें। कोई भी सरकारी नौकरी या पद सिर्फ आधिकारिक साइट पर ही प्रकाशित होता है, जैसे ssc.nic.in, upsc.gov.in आदि। अगर आप लिंक को नहीं जानते तो सीधे गूगल में "सरकारी भर्ती 2025" डाल कर देखिए, पहले दो परिणाम आमतौर पर सही होते हैं।

दूसरा: फीस की मांग कभी भी बिना इंटरव्यू या चयन प्रक्रिया के न दें। वास्तविक संस्थान हमेशा फ़ीस ले नहीं सकते – वह तो सिर्फ आवेदन शुल्क हो सकता है और वह आधिकारिक साइट पर स्पष्ट लिखा होता है। अगर किसी ने आपसे बड़ी रकम मांगी, तो तुरंत थोक में पूछें और फिर निर्णय लें।

तीसरा: संपर्क की वैधता जाँचें। यदि आपको फोन या ईमेल आया है, तो नंबर गूगल या व्हाइट पेज पर सर्च करके देखें कि वह आधिकारिक है या नहीं। कई बार घोटालादार फर्जी कॉल सेंटर का उपयोग करते हैं।

चौथा: अपने दोस्तों और परिवार से सलाह लें। अगर कोई नौकरी बहुत आकर्षक लग रही हो, तो एक-दो भरोसेमंद लोगों को बताइए। अक्सर वे आपको ऐसे संकेत दे सकते हैं जो आपने नहीं देखे हों।

पाँचवा टिप – हमेशा अपना व्यक्तिगत दस्तावेज़ सुरक्षित रखें। पैन कार्ड, आधार या पासपोर्ट की स्कैन कॉपी कभी भी अनजान वेबसाइट पर अपलोड न करें। अगर साइट भरोसेमंद हो तो वह SSL एन्क्रिप्शन का संकेत देती है (URL https से शुरू होता है)।

इन आसान कदमों को अपनाकर आप नियुक्ति घोटाले में फँसने की संभावना काफी घटा सकते हैं। याद रखें, कोई भी वास्तविक नौकरी आपको तुरंत पैसा नहीं मांगती और ना ही बिना प्रक्रिया के चयन करती है। अगर कुछ भी अजीब लगे तो एक बार फिर जांच कर लें – आपका समय और पैसे दोनों बचेंगे।

झारखंड हाई कोर्ट ने विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच के लिए CBI को सौंपा केस

झारखंड हाई कोर्ट ने विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच के लिए CBI को सौंपा केस

झारखंड हाई कोर्ट ने विधानसभा अवैध नियुक्ति घोटाले को सीबीआई के हाथों सौंप दिया है। यह कदम एक जनहित याचिका के बाद आया है जिसमें आरोप लगाए गए हैं कि 2016 से 2022 के बीच अनुमति बिना 1,400 लोगों की नियुक्तियां की गईं। याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार की जांच को असंतोषजनक बताया और सीबीआई से स्वतंत्र जांच की मांग की।