वसंत नवरात्रि – त्यौहार, फास्टिंग और डिटॉक्स की पूरी गाइड
जब वसंत नवरात्रि, वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला नौ दिन का धार्मिक उत्सव, भी कहा जाता है वसंत नवरात्रि तो इस समय का महत्व सिर्फ पूजा‑पाठ तक सीमित नहीं रहता। यह समय नवरात्रि, देवी दुर्गा की नौ रातों की अवधि के साथ जुड़ी स्वास्थ्य‑संवर्द्धक प्रैक्टिस भी लाता है। कई लोग इस दौरान फास्टिंग, आहार में सीमित भोजन या पूरी तरह व्यंजनों को रोकना अपनाते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि फास्टिंग शरीर को डिटॉक्स, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया करने में मदद करता है। सरल शब्दों में, वसंत नवरात्रि एक ऐसा मंच बन जाता है जहाँ आध्यात्मिक पूजा और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों एक साथ चलते हैं।
वसंत नवरात्रि में क्या-क्या खास है?
वसंत नवरात्रि में सबसे पहले नौ रातों की पूजा‑पाठ होती है, जो प्रत्येक दिन की देवी शक्ति को समर्पित होती है। इस दौरान दुर्गा के विभिन्न रूपों की आरती, कथा और नरकासुर वध की कहानी सुनाई जाती है। कई गांव और शहरों में दुर्गा पूजा के साथ-साथ टॉय ट्रेन से ड्यूर्गा विसर्जन, ट्रेडिशनल रिवाज़ जब पवित्र प्रतिमा को नदी या पोखर में डुबोई जाती है जैसी नई-नई पहलें भी देखी गई हैं। ये रिवाज़ न सिर्फ सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं, बल्कि युवा वर्ग को भी उत्सव में जोड़ते हैं।
भोजन की बात करें तो वसंत नवरात्रि में शाकाहारी आहार का विशेष महत्व है। स्नैक‑बार में कचोरी, मटर के पकौड़े और बेसन के लड्डू जैसी चीज़ें मिलती हैं, लेकिन रात के खाने में हल्का और पौष्टिक भोजन जैसे जौ का खिचड़ा, फली‑फूस का साग और दाल‑भाजि पर दही के साथ खाया जाता है। ऐसा आहार फास्टिंग के साथ मिलकर शरीर को हल्का रखता है और डिटॉक्स के प्रभाव को बढ़ाता है।
यदि आप फास्टिंग शुरू करना चाहते हैं तो वसंत नवरात्रि में सबसे आसान तरीका है ‘आधा दिन उपवास’। सुबह नाश्ते को हल्का रखें—फल, नट और दही—और दोपहर के भोजन से पहले तक पानी और हल्के सूप पर टिके रहें। शाम को हल्का नारियल पानी या हर्बल चाय पिएँ, फिर हल्की सब्ज़ी या दाल का छोटा कटोरा खाएँ। इस तरह का उपवास शरीर को ऊर्जा देता है, जटिल पाचन को आराम देता है और डिटॉक्स की प्रक्रिया को तेज़ करता है।
डिटॉक्स के दौरान पर्याप्त पानी पीना अनिवार्य है। विशेषकर वसंत नवरात्रि के समय जब मौसम हल्का और ठंडा होता है, जलयोजन शरीर की नई सूजन को दूर रखता है। साथ ही नींबू, शहद या काला नमक मिलाकर पानी पीने से पाचन सुधरता है और त्वचा साफ़ दिखती है। कुछ लोग तुर्की या सौंफ़ के दाने को पानी में भिगोकर सुबह के नाश्ते में लेते हैं; यह भी डिटॉक्स में मददगार माना जाता है।
रिवाज़ के साथ स्वास्थ्य के लाभ जोड़कर वसंत नवरात्रि को यादगार बनाना आसान है। उदाहरण के तौर पर 2025 की दुर्गा पूजा में दार्जिलिंग की टॉय ट्रेन से विसर्जन ने पर्यटक और भक्त दोनों को नई अनुभूति दी। इसी तरह, 2025 की नवरात्रि फास्टिंग गाइड ने दिखाया कि कैसे सही आहार और जलयोजन से वजन घटाया जा सकता है और शरीर को डिटॉक्स किया जा सकता है। इन दो पहलुओं को मिलाकर आप न सिर्फ आध्यात्मिक शांति पा सकते हैं, बल्कि शारीरिक स्फ़ूर्ति भी महसूस करेंगे।
आपको आगे कौन‑सी जानकारी मिल सकती है? इस पेज पर नीचे दी गई लिस्ट में हम ने नवरात्रि के इतिहास, फास्टिंग के विज्ञान, डिटॉक्स के तज़ुर्बे और दुर्गा पूजा के आधुनिक रिवाज़ों को एक साथ इकट्ठा किया है। प्रत्येक लेख में व्यावहारिक टिप्स, आसान रेसिपी और विशेषज्ञों की सलाह दी गई है, ताकि आप वसंत नवरात्रि को पूरी समझ के साथ मनाएँ। अब आप अपने घर, परिवार या समुदाय में इस उत्सव को नई ऊर्जा के साथ लेकर आ सकते हैं।

Chaitra Navratri 2025: 30 मार्च‑6 अप्रैल, जानें कौन‑सी देवी की पूजा हर दिन
Chaitra Navratri 2025 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाई जाएगी। यह नौ दिन का उत्सव दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है और कई क्षेत्रों में हिन्दू नववर्ष के साथ जुड़ा है। प्रत्येक दिन अलग‑अलग रंग, उपवास और पूजा विधियाँ अपनाई जाती हैं। नौवें दिन रामनवमी का भी त्यौहार है, जिससे द्वैध खुशी मिलती है। उत्तर भारत में यह खासा धूमधाम से मनाया जाता है।