
Earth Day 2020: पहली बार पूरी दुनिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर
2020 का Earth Day 2020 शायद इतिहास का सबसे अलग पृथ्वी दिवस रहा। वैसे तो हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस समुदायों, स्कूलों और हजारों संस्थानों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता था, लेकिन कोविड-19 के कारण 50वीं वर्षगांठ को पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मनाना पड़ा। लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य सुरक्षा के माहौल में Earth Day Network ने एक 24 घंटे की वर्चुअल ग्लोबल मोबिलाइजेशन का आयोजन किया। इसमें पृथ्वी को बचाने का संदेश सिर्फ ऑनलाइन तरीकों से गया, जिसने करोड़ों लोगों को जोड़ा।
इस बार घर से ही लोगों ने वर्चुअल मार्च, डिजिटल प्रदर्शन और ऑनलाइन वॉच पार्टी जैसी गतिविधियों में भाग लिया। अलग-अलग देशों से पर्यावरण कार्यकर्ताओं, वैज्ञानिकों, कलाकारों और आम जनता की आवाज ऑनलाइन गूंजी। ऑनलाइन रैलियों और वीडियो खासतौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर छाए रहे।
डिजिटल अभियान में #EarthDay2020 और #EARTHRISE सबसे ज्यादा चर्चित हैशटैग बने। सिर्फ आम नागरिक ही नहीं, कई देशों की सरकारों, गैर-सरकारी संस्थाओं और सोशल इंफ्लुएंसर्स ने भी इन अभियानों में योगदान दिया। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद से लाखों छात्रों और युवाओं ने घर बैठे पर्यावरण की रक्षा और जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता फैलाने में नई ऊर्जा दिखाई।
ऑनलाइन शिक्षा और जागरूकता का नया रूप
पृथ्वी दिवस के इस अनूठे आयोजन में एजुकेशन पर बड़ा फोकस रहा। लाइव डिस्कशन, वेबिनार और ऑनलाइन टीच-इन के जरिए लोगों को जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक प्रदूषण, जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों की गंभीरता समझाई गई। ऑनलाइन संवादों में विशेषज्ञों ने बताया कि छोटे-छोटे कदम जैसे कचरा कम करना, पानी बचाना या पेड़-पौधे लगाना—इनमें हर कोई भाग ले सकता है।
ऑनलाइन क्लासेस और वर्कशॉप्स की पहुंच स्कूल-कॉलेजों से निकलकर घर-घर तक हुई। शिक्षकों और पर्यावरण प्रेमियों ने वीडियो कॉल्स, सोशल मीडिया पोस्ट्स और डिजिटल आर्ट के जरिए नया संदेश दिया—पृथ्वी को बचाने की जिम्मेदारी किसी एक की नहीं, बल्कि हम सबकी है।
- आभासी प्रदर्शन और डिजिटल रैलियों ने लोगों को एक नई उम्मीद दी।
- सोशल मीडिया के जरिए तेजी से जागरूकता फैली।
- पॉलिसी चेंज और पर्यावरण न्याय की मांगें भी ऑनलाइन ट्रेंड करने लगीं।
- अमेरिका की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस ने इस डिजिटल इतिहास को संजोने का भी काम किया।
Earth Day Network ने हर देश के प्रतिभागियों से अपील की थी कि वे घर पर रहकर, स्वस्थ और सुरक्षित रहें, लेकिन अपनी आवाज इंटरनेट के जरिए सबसे जोरदार तरीके से उठाएं। यह कदम बताता है कि चाहे जैसी भी परिस्थिति हो, पर्यावरण आंदोलन न रुकता है, न थमता है। डिजिटल युग में भी इसका असर और पहुंच कई गुना बढ़ गई है।
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