किच्चा सुदीप की मां का निधन
कन्नड़ फिल्म जगत में एक बेहद ही दुखद घटना हुई है। मशहूर अभिनेता किच्चा सुदीप की मां सरोजा संजीव का निधन हो गया। सरोजा संजीव पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रही थीं और आयुजनित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें बेंगलुरु स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंतिम सांस उन्होंने रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को सुबह लगभग 7 बजे ली। डॉक्टरों की हर मुमकिन कोशिश के बावजूद उनकी हालत को स्थिर नहीं किया जा सका। अंतिम संस्कार उनके घर जेपी नगर, बेंगलुरु में संपन्न हुआ, जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके करीबी और परिवार के लोग उपस्थित थे।
किच्चा सुदीप और उनका परिवार
किच्चा सुदीप अपनी मां के बेहद करीब थे और उनकी असमय मृत्यु से उन्हें भारी आघात पहुंचा है। सुदीप का परिवार पहले ही ऐसे कई मुश्किल समय देख चुका है, लेकिन सरोजा का जाना उनके लिए एक बड़ी क्षति साबित हुआ है। इस दौर में सुदीप को उनके चाहने वालों और फैन्स का भरपूर समर्थन मिल रहा है। उन्होंने हमेशा सोशल मीडिया पर अपनी मां के साथ सुंदर पलों की तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें मां-बेटे के बीच का प्यार साफ झलकता है। खासकर मदर्स डे और उनकी मां के जन्मदिन जैसे अवसरों पर वह उनके साथ कई तस्वीरें साझा करते थे।
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री का शोक
आईटी कॉरिडोर से लेकर सिनेमा की ग्लैमर दुनिया तक, सरोजा संजीव के निधन की खबर फैलते ही कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के लोग और सुदीप के साथी भी शोक व्यक्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई कलाकारों और निर्देशक ने अपना दुख व्यक्त किया है, इनमें से एक महत्वपूरण व्यक्तित्व कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी थे। उन्होंने एक मार्मिक संदेश में अपनी संवेदनाएं जताई और प्रार्थना की कि सुदीप और उनके परिवार को इस कठिन समय में धैर्य मिले। किच्चा सुदीप वर्तमान में बिग बॉस कन्नड़ के ग्यारहवें सीजन की मेजबानी कर रहे हैं, जिसे वह इस शो के रूप में अपने अंतिम सीजन के रूप में देख रहे हैं।
सरोजा संजीव का अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि
अंतिम संस्कार का आयोजन उनके बेंगलुरु के निवास पर किया गया, जहां सुदीप का पूरा परिवार एकत्रित था। बेंगलुरु की भीड़-भाड़ से दूर इस निवास स्थान पर उनका घर कई वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक प्रेरणा था। सरोजा संजीव के निधन से सुदीप के चाहने वाले भी बेहद दुखी हुए। वहीं, शहर भर से प्रशंसक उनके घर आकर उनकी श्रद्धांजलि अर्पण कर रहे हैं।
समुदाय से प्राप्त समर्थन
किच्चा सुदीप के प्रशंसक बहुत भावुक हुए हैं और वह उनके समर्थन में ढेर सारे संवेदनाएं जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर, #StayStrongSudeep जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जिसे लेखकों ने उनकी मां के प्रति श्रद्धांजलि और सुदीप के प्रति समर्थन के रूप में देखा जा सकता है। कन्नड़ सिनेमा से जुड़े कई बड़े हस्तियों ने भी सुदीप को समर्थन देने के लिए उनके घर की यात्रा की और सामाजिक माध्यमों का उपयोग करके अपनी सहानुभूति व्यक्त की।
ऐसे कठिन समय में परिवार और समुदाय का समर्थन बेहद आवश्यक है और यह देखकर दिल को सुकून मिलता है कि यह अभिनेता अपने समाज से इतना प्यार और समर्थन प्राप्त कर रहा है। उम्मीद है कि उन्हें और उनके परिवार को इस कठिन परिस्थिति में राहत मिलेगी और सरोजा संजीव की आत्मा को सुकून मिलेगा।
एक टिप्पणी लिखें
आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी.
17 टिप्पणि
आयुजनित स्वास्थ्य समस्याएं अब बहुत आम हो गई हैं। बुजुर्गों के लिए एपोलो जैसे हॉस्पिटल्स का सुपोर्ट सिस्टम अभी भी अपर्याप्त है। डॉक्टर्स की टीम ने जो किया, उसकी तारीफ है।
मैंने किच्चा सुदीप को बिग बॉस में देखा था, उनकी मां के बारे में बात करते समय उनकी आंखों में आंसू थे। ये बात दिल को छू गई।
अस्पतालों में बुजुर्गों के लिए एक्स्ट्रा केयर नहीं है। ये एक सिस्टमिक फेलियर है।
माँ का निधन हुआ तो फिल्म इंडस्ट्री क्यों इतना शोक मना रही है? 😅
कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री का ये शोक बहुत अच्छा है। हमारी संस्कृति में माँ का स्थान सबसे ऊंचा है। अगर कोई बेटा अपनी माँ के लिए इतना दुखी है, तो वो असली इंसान है।
ये सब बकवास है... सुदीप तो बस फिल्मों के लिए रो रहा है। माँ का निधन तो हर घर में होता है।
मैंने भी अपनी माँ को खोया था। जब तक आप उनके साथ रहते हैं, तब तक वो आपके दिल में जीते रहते हैं। सुदीप, आपकी माँ अब आपके दिल में हैं।
बेंगलुरु के जेपी नगर में लोग घर के बाहर खड़े होकर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। ये दृश्य देखकर लगता है कि यहाँ की संस्कृति अभी भी इंसानियत से भरी हुई है।
ये दुख देखकर मेरा दिल टूट गया! सरोजा संजीव जी की आत्मा को शांति मिले! 🙏🙏🙏 किच्चा सुदीप जी, आप बहुत मजबूत हैं! ये दुख आपको और भी बड़ा बना देगा!
हमारी भारतीय माताओं का बलिदान किसी को नहीं पता। अमेरिका में तो माँ के लिए अलग छुट्टी होती है। हमारे देश में तो बस रो लेना है।
माँ का निधन... शायद ये एक फिल्म का नाटक है। किच्चा सुदीप को तो हमेशा ड्रामा करना पसंद है। 🤷♀️
इस प्रकार की घटनाओं के बाद निजी जीवन के बारे में जनता का दखल अनुचित है। सुदीप के परिवार को व्यक्तिगत समय देना चाहिए।
मृत्यु क्या है? ये तो बस एक रूपांतरण है। हम सब एक बड़े ब्रह्मांड के टुकड़े हैं। सरोजा संजीव अब अनंत में हैं।
मैं भी बेंगलुरु से हूँ। जेपी नगर में जब भी कोई बुजुर्ग जाता है, लोग घर के बाहर खड़े हो जाते हैं। ये आदत हमारी संस्कृति का हिस्सा है।
सुदीप की माँ ने जो जीवन जिया वो एक कहानी है बस अब वो लिखी नहीं जाएगी बस ये बात है
ये सब शोक बहुत बड़ा है। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी घटनाएं तो बहुत होती हैं। एक बार फिर से नाटक शुरू हो गया।
मृत्यु का अर्थ है-प्रेम का अंत नहीं, बल्कि उसका अनंत रूपांतरण। सरोजा संजीव का प्यार, उनकी चिंताएं, उनकी दुपट्टे की खुशबू, उनकी आवाज़-ये सब अब सुदीप के हर सांस में बस गए हैं। ये अंत नहीं, ये एक नया अध्याय है।