लोकसभा में संविधान की प्रति हाथ में लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने ली शपथ

लोकसभा में संविधान की प्रति हाथ में लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा ने ली शपथ

लोकसभा में प्रियंका गांधी वाड्रा की ऐतिहासिक शपथ

प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण पल को चिह्नित करते हुए लोकसभा में संविधान की प्रति हाथ में लेकर शपथ ली। यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय राजनीति में संविधान का महत्व न केवल एक प्रतीकात्मक कार्य है बल्कि एक दृढ़ विश्वास भी है। उनका यह कदम उन राजनीतिक विचारधाराओं का समर्थन करता है जो संविधान की सुरक्षा और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह शपथग्रहण समारोह 28 नवंबर, 2024 को भारत की राजधानी दिल्ली स्थित लोकसभा में आयोजित हुआ। प्रियंका गांधी के साथ उनकी मां सोनिया गांधी, भाई राहुल गांधी और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा मौजूद थे। इस समारोह में विपक्ष के अन्य प्रमुख नेता भी शामिल रहे, जिससे यह समारोह राजनीतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण बन गया।

वायनाड लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका की विजय

प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में इतिहास रचते हुए 6,22,338 वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की। यह जीत न केवल उनके लिए व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण थी, बल्कि कांग्रेस पार्टी के लिए भी उत्साहजनक साबित हुई। उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी को पछाड़ते हुए 4,10,931 वोटों के विशाल अंतर से जीत दर्ज की। इस जीत ने कांग्रेस पार्टी की चुनावी मजबूती में नया आत्मविश्वास भरा।

वायनाड उपचुनाव राहुल गांधी के इस निर्वाचन क्षेत्र को छोड़ने के कारण आवश्यक हुआ था, जो उन्होंने रायबरेली की पारंपरिक सीट रखने का फैसला करने के बाद छोड़ा। राहुल गांधी का यह निर्णय कांग्रेस के अंदरूनी रणनीति का हिस्सा था, जो प्रियंका गांधी के राजनीतिक करियर को एक नई दिशा देने के लिए उठाया गया था।

गांधी परिवार के तीनों सदस्य हुए सांसद

गांधी परिवार की यह नई उपलब्धि यह सुनिश्चित करती है कि भारतीय राजनीति में नेहरू-गांधी परिवार का प्रभाव अभी भी बरकरार है। यह पहली बार है जब सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी वाड्रा—तीनों ही एक साथ संसद के सदस्य बने हैं। यह घटना गांधी परिवार के लिए न केवल भावनात्मक है, बल्कि राजनीतिक संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है।

उनकी उपस्थिति यह दर्शाती है कि गांधी परिवार भारतीय राजनीति के केंद्र में बना हुआ है, जो कांग्रेस पार्टी के भविष्य के लिए भी एक संकेत देता है। प्रियंका गांधी की यह विजय कांग्रेस पार्टी के लिए एक नई शुरुआत और भविष्य की नई संभावनाओं का द्वार खोलती है।

अन्य सदस्य और राजनीतिक घटनाक्रम

सभा के इसी सत्र में नांदेड लोकसभा उपचुनाव से विजेता रविंद्र वसंताराव चव्हाण ने भी अपनी शपथ ली। हालाँकि, सभा को जल्द ही स्थगित करना पड़ा क्योंकि अडानी मामले और संभल पुलिस गोलीकांड पर विपक्ष के जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। यह भारतीय संसद की कार्यवाही में राजनीतिक पक्षों के बीच तीव्रता और सामंजस्य की कमी का स्पष्ट संकेत देता है।

इस सत्र के दौरान आए राजनीतिक बदलाव और घटनाक्रम बताते हैं कि भारतीय राजनीति में परिवर्तन की बयार अभी भी बह रही है। ये घटनाएं राजनीति में सक्रियता और विपक्ष की भूमिका को उजागर करती हैं। जबकि प्रियंका गांधी के लिए यह एक नई जिम्मेदारी का समय है, यह आगामी चुनावों और राजनीतिक रणनीतियों के लिए भी कई नए सवाल खड़े करता है।

19 टिप्पणि

Khagesh Kumar
Khagesh Kumar
नवंबर 30, 2024 AT 19:36

ये शपथ बस एक रिम्बल नहीं है। ये एक संकल्प है कि संविधान हमारी जिंदगी का हिस्सा रहेगा।
कोई भी नेता इतना गहरा अर्थ नहीं दे पाता।

Ritu Patel
Ritu Patel
दिसंबर 2, 2024 AT 08:10

अरे ये सब नाटक है। जब तक आम आदमी के घर में बिजली नहीं आई तब तक ये सब फुल्ली बातें हैं।
संविधान का क्या करेगी जब बच्चे भूखे सो रहे हों?

Deepak Singh
Deepak Singh
दिसंबर 3, 2024 AT 09:19

इस शपथ के बाद, जब तक संविधान के अनुच्छेद 14, 19, और 21 का असली अर्थ नहीं समझा जाएगा, तब तक ये सब बस एक फोटो ऑपरेशन होगा।
प्रियंका ने जो किया, वो अच्छा हुआ, लेकिन अब वो करेंगी क्या?

Rajesh Sahu
Rajesh Sahu
दिसंबर 4, 2024 AT 09:40

हमारे देश के लिए ये गांधी परिवार का अंतिम नाटक है।
हमें अब नए नेता चाहिए, न कि वंशानुगत राजनीति।
हम अपने आप को अपने नेता बनाएंगे, न कि विदेशी बाबाओं के बेटे बेटियों को।

Chandu p
Chandu p
दिसंबर 4, 2024 AT 13:22

इस दिन को याद रखो।
एक लड़की ने संविधान को हाथ में लिया, और उसने देश को एक नई उम्मीद दी।
ये शपथ केवल शपथ नहीं, ये एक नया आधुनिक भारत की शुरुआत है।
हर युवा के लिए ये एक संदेश है - तुम भी कर सकते हो।
🙏

Gopal Mishra
Gopal Mishra
दिसंबर 5, 2024 AT 00:53

प्रियंका गांधी की शपथ ने राजनीति को एक नए आयाम में ले गया है, जहां संविधान का सम्मान व्यक्तिगत विरासत से परे जाता है।
इसके साथ ही, गांधी परिवार के तीनों सदस्यों का एक साथ संसद में आना भारतीय राजनीति के इतिहास में एक अनोखा घटनाक्रम है, जो न केवल पारिवारिक एकता को दर्शाता है, बल्कि एक नए पीढ़ी के नेतृत्व की ओर भी इशारा करता है।
इस तरह की उपस्थिति, जहां व्यक्तिगत अभिमान राष्ट्रीय जिम्मेदारी के साथ जुड़ जाता है, भारत के लिए एक आशाजनक संकेत है।
राहुल गांधी का रायबरेली छोड़कर वायनाड में प्रियंका को आगे बढ़ाना एक रणनीतिक और भावनात्मक दोनों तरह का फैसला था।
इसके पीछे केवल चुनावी गणित नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण था।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस शपथ के समय विपक्ष के नेता भी उपस्थित थे - जो दर्शाता है कि यह एक राष्ट्रीय घटना थी, न कि केवल एक दलीय।
संविधान की शपथ लेना अब केवल एक रूटीन नहीं, बल्कि एक अनुशासन है, जिसे हर नया सांसद अपने अंदर बसाना चाहिए।
इस तरह की शपथें जब वास्तविकता में बदलती हैं, तो हम सच्चे लोकतंत्र की ओर बढ़ते हैं।

Swami Saishiva
Swami Saishiva
दिसंबर 5, 2024 AT 20:51

अरे ये सब बातें किसके लिए? जब तक गांधी परिवार नहीं बंद होगा, भारत आगे नहीं बढ़ेगा।

Swati Puri
Swati Puri
दिसंबर 7, 2024 AT 15:50

इस शपथ के संदर्भ में, वायनाड की जीत एक गैर-पारंपरिक राजनीतिक जीत है, जिसमें वंशानुगत नेतृत्व के बजाय निर्वाचित लोकतंत्र का बल दिखाई देता है।
यह एक राजनीतिक रणनीति का उदाहरण है जहां व्यक्तिगत अभिमान और जनता की इच्छा के बीच संतुलन बनाया गया है।

megha u
megha u
दिसंबर 7, 2024 AT 19:52

ये सब अडानी के लिए धुंध बनाने की चाल है।
जब तक बीजेपी नहीं गिरेगा, तब तक कोई शपथ फायदा नहीं देगी।
👀

pranya arora
pranya arora
दिसंबर 8, 2024 AT 03:44

शपथ लेना बस एक कार्य नहीं, बल्कि एक अंतर्दृष्टि है।
जब एक व्यक्ति संविधान को हाथ में लेता है, तो वह अपने अंदर के भय को भी छूता है।
क्या हम वास्तव में उस दर्शन का सम्मान करते हैं, जिसे हमने बनाया है?

Arya k rajan
Arya k rajan
दिसंबर 8, 2024 AT 19:54

ये देखकर लगता है जैसे भारत फिर से खुद को ढूंढ रहा है।
प्रियंका के साथ एक नई ऊर्जा आई है।
कुछ लोग इसे नाटक कहेंगे, लेकिन जो दिल से चाहते हैं, वो जानते हैं कि ये एक नया दौर शुरू हुआ है।

Sree A
Sree A
दिसंबर 9, 2024 AT 09:36

वायनाड जीत ने साबित कर दिया कि गांधी नाम अभी भी एक वोटिंग एसेट है।
लेकिन अब ये नाम भी बस नाम हो जाएगा अगर कोई काम नहीं करेगा।

DEVANSH PRATAP SINGH
DEVANSH PRATAP SINGH
दिसंबर 10, 2024 AT 20:50

इस शपथ को एक राष्ट्रीय घटना के रूप में देखना चाहिए।
यह राजनीति के बाहर जाता है और एक सामाजिक संकल्प बन जाता है।

SUNIL PATEL
SUNIL PATEL
दिसंबर 11, 2024 AT 21:28

संविधान की शपथ लेना बहुत अच्छा है, लेकिन अगर वही लोग अनुच्छेद 124A का दुरुपयोग करते हैं, तो ये सब बकवास है।

Avdhoot Penkar
Avdhoot Penkar
दिसंबर 12, 2024 AT 04:34

अरे ये सब बस फोटो शूट है।
अगर राहुल गांधी ने वायनाड नहीं छोड़ा होता, तो क्या ये शपथ होती? 😏

Akshay Patel
Akshay Patel
दिसंबर 12, 2024 AT 11:35

ये गांधी परिवार का अंतिम बचाव है।
हमारे देश को ऐसे परिवारों की जरूरत नहीं, बल्कि योग्य लोगों की जरूरत है।
संविधान का नाम लेकर नहीं, काम से देश बचाओ।

Raveena Elizabeth Ravindran
Raveena Elizabeth Ravindran
दिसंबर 12, 2024 AT 22:46

प्रियंका की जीत बस इसलिए हुई क्योंकि वो गांधी है।
अगर कोई और निकला होता, तो लोग उसे भूल जाते।
ये सब फेक न्यूज है।

Krishnan Kannan
Krishnan Kannan
दिसंबर 14, 2024 AT 19:34

शपथ लेने के बाद अब देखना होगा कि क्या वो वायनाड के लोगों के लिए कुछ कर पाती हैं।
मेरे दोस्त का बेटा वहां से है।
वो कहता है, लोग बस बातें नहीं, बिजली और पानी चाहते हैं।

Dev Toll
Dev Toll
दिसंबर 15, 2024 AT 13:21

इस शपथ के बाद वायनाड के लोगों को देखना होगा।
अगर वो जाते हैं, तो ये एक शुरुआत है।
अगर नहीं, तो ये एक फोटो है।

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