रामजी लाल सुमन के बयान के खिलाफ राजस्थान में विरोध, करणी सेना ने जलाए पुतले

रामजी लाल सुमन के बयान के खिलाफ राजस्थान में विरोध, करणी सेना ने जलाए पुतले

रामजी लाल सुमन के बयान पर राजस्थान में बवाल

राजस्थान में भारतीय संस्कृति और इतिहास से जुड़ी भावनाओं पर चोट पड़ने से हंगामा बरपा हुआ है। समज्वादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा दिए गए बयान ने हिंदू संगठनों को भड़काने का काम किया है। उनके द्वारा राणा सांगा को 'ग़द्दार' कहे जाने पर करणी सेना समेत कई हिंदू संगठनों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।

राजपूत राजा राणा सांगा के खिलाफ की गई टिप्पणी ने न केवल करणी सेना बल्कि अन्य कई संगठनों को भी सड़कों पर लाने के लिए मजबूर कर दिया है। नाराज समूहों ने तेजी से पुतले जलाए और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा, जिसमें सुमन और सपा के वरिष्ठ नेता अखिलेश यादव से सार्वजनिक माफी की मांग की गई है।

इतिहास की व्याख्या पर टकराव

रामजी लाल सुमन के अनुसार उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह ऐतिहासिक साक्ष्यों पर आधारित है। उनके बयान देने के बाद से व्याप्त अशांति और विरोध के बीच उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनके पास क्षमायाचना करने का कोई कारण नहीं है। सुमन का तर्क है कि राणा सांगा ने बाबर को आमंत्रित किया था, जिसे वे एक ऐतिहासिक तथ्य के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।

इस मामले ने राजनीतिक गर्माहट पैदा कर दी है, जहां दोनों ही पक्ष अपने-अपने विचारों का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं। करणी सेना ने तो इतने पर ही नहीं रोकी, बल्कि संबंधित सांसद पर हमले के लिए इनाम की भी घोषणा कर दी है। वहीं, प्रशासन ने इस घटना के मद्देनजर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर रखी है, जिसके अंतर्गत सुमन की संपत्ति पर हमले किए गए थे।

इस प्रकरण ने साफ कर दिया है कि ऐतिहासिक विवाद राष्ट्र की सामाजिक तानेबाने पर किस तरह प्रभाव डाल सकते हैं। राजनीतिक दलों और संगठनों के लिए यह समय की जरूरत है कि वे इन विवादों को गंभीरता से लें और समझदारी से समाधान निकालें।

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