महेश बाबू द्वारा ठुकराई गईं ब्लॉकबस्टर फिल्में: 'एनिमल' से 'इडियट' तक

महेश बाबू द्वारा ठुकराई गईं ब्लॉकबस्टर फिल्में: 'एनिमल' से 'इडियट' तक

महेश बाबू द्वारा ठुकराई गईं फिल्में: फिल्मों की दुनिया में अनिश्चितता

तेलुगु सुपरस्टार महेश बाबू, जिनकी एक्टिंग और चार्म ने करोड़ों फैंस का दिल जीता है, ने अपने करियर में कई ऐसे मौके खो दिए जो बड़े ब्लॉकबस्टर साबित हुए। उनकी अनदेखी की गई कई फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया और उन्होंने यह दिखाया कि फिल्म इंडस्ट्री में भविष्यवाणी करना कितना मुश्किल हो सकता है।

'इडियट': रवि तेजा की उपलब्धि

महेश बाबू ने पुरी जगन्नाथ द्वारा निर्देशित फिल्म 'इडियट' को ठुकरा दिया था। यह फिल्म बाद में रवि तेजा के हिस्से में आई और यह उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, बल्कि इससे रवि तेजा की प्रसिद्धि में चार चांद लग गए। महेश बाबू की इस निर्णय ने दिखाया कि कैसे एक फिल्म से किसी अभिनेता का करियर बदल सकता है।

'घजिनी': एक विशाल हिट

'घजिनी' महेश बाबू को ऑफर की गई थी, लेकिन इसे बाद में सुरिया ने निभाया। इस फिल्म ने तमिल सिनेमा में धूम मचाई और फिर हिंदी में आमिर खान द्वारा निभाई गई भूमिका ने इसे ब्लॉकबस्टर बना दिया। हिंदी वर्जन ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का कलेक्शन किया और दर्शकों से बहुत प्रशंसा पाई। महेश बाबू के इस प्रोजेक्ट को छोड़ने का निर्णय भी फैंस के लिए चर्चा का विषय बना।

'पुष्पा': अल्लू अर्जुन का जादू

महेश बाबू ने 'पुष्पा' को करने से मना कर दिया, जिसके बाद यह फिल्म अल्लू अर्जुन को ऑफर की गई। अल्लू अर्जुन की जमीन से जुड़ी एक्टिंग और फिल्म की कहानी ने इसे पैन इंडिया हिट बना दिया। इस फिल्म ने न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी धमाल मचाया। अल्लू अर्जुन के प्रशंसकों ने इसे हाथों-हाथ लिया और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रच दिया।

'एनिमल': वैश्विक सुपरहिट

'एनिमल' को महेश बाबू ने भी नकार दिया था, बाद में इसे दूसरे अभिनेता को दिया गया और यह फिल्म वैश्विक स्तर पर सुपरहिट साबित हुई। इसने 900 करोड़ से अधिक का कारोबार किया और दर्शकों से शानदार प्रतिक्रिया पाई। यह निर्णय भी महेश बाबू के करियर के अनदेखे पलों में से एक है।

'ये माया चेसावे': रोमांस का जादू

'ये माया चेसावे' एक रोमांटिक फिल्म है जो महेश बाबू को ऑफर की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। इस फिल्म में बाद में नागा चैतन्य और समांथा को लिया गया और इनकी केमिस्ट्री ने दर्शकों का दिल जीत लिया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी हिट रही और नए सितारों को पहचान दिलाने में सफल रही।

'वर्षम': प्रभास की सफलता

'वर्षम' भी महेश बाबू के हिस्से में नहीं आई, जिसे बाद में प्रभास के साथ बनाया गया। यह फिल्म प्रभास के करियर का अहम मोड़ साबित हुई और उन्हें एक नया स्टार बना दिया। उन्होंने इस फिल्म में शानदार एक्टिंग की और रातोंरात सुपरस्टार बन गए।

अंततः, महेश बाबू द्वारा ठुकराई गईं ये फिल्में यह दर्शाती हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में सफलता और असफलता का खेल कितना अनिश्चित होता है। हर अभिनेता के पास कुछ अवसर होते हैं जिन्हें वह किसी कारणवश छोड़ देता है और वे अवसर किसी दूसरे के लिए सुनहरा अवसर बन जाते हैं। यह महेश बाबू के करियर का दिलचस्प पहलू है कि उन्होंने जिन फिल्मों को नकारा, उन्होंने कितनी बड़ी हिट्स देखी।

15 टिप्पणि

Radhakrishna Buddha
Radhakrishna Buddha
मई 28, 2024 AT 04:20

महेश बाबू ने जो फिल्में ठुकराईं वो सब ब्लॉकबस्टर हुईं? ये तो बस एक बात है कि उन्होंने जो चुना वो भी ब्लॉकबस्टर रहा। इंडस्ट्री में निर्णय लेना आसान नहीं होता।

Sukanta Baidya
Sukanta Baidya
मई 29, 2024 AT 04:11

महेश बाबू का फैसला तो बिल्कुल सही था। इडियट? एक बेवकूफ फिल्म जिसमें रवि तेजा ने अपनी लिमिटेशन को दिखा दिया। अल्लू अर्जुन की पुष्पा? एक राजकुमारी जिसने अपने बालों को बांधा और बॉक्स ऑफिस जीत लिया। ये सब फिल्में अभिनेता के बजाय ब्रांड की बात हैं।

Adrija Mohakul
Adrija Mohakul
मई 29, 2024 AT 11:13

मैंने घजिनी देखी थी... और सुरिया ने जो किया वो बहुत अच्छा था। महेश बाबू का अंदाज़ अलग है, उनकी फिल्में ज्यादा एमोशनल होती हैं। इसलिए उन्होंने घजिनी को नहीं लिया। ये निर्णय उनके लिए सही था।

Dhananjay Khodankar
Dhananjay Khodankar
मई 30, 2024 AT 19:04

ये सब फिल्में ब्लॉकबस्टर हुईं तो शायद महेश बाबू को उनका अंदाज़ नहीं आया। वो तो अपने तरीके से अलग चलते हैं। अल्लू अर्जुन की पुष्पा देखी? वो तो जमीन से जुड़ी थी। महेश बाबू की फिल्में तो रॉयल्टी की तरह होती हैं। दोनों अलग हैं।

shyam majji
shyam majji
मई 31, 2024 AT 22:43

एनिमल ठुकराया? वाह।

Khagesh Kumar
Khagesh Kumar
जून 1, 2024 AT 20:33

महेश बाबू के लिए फिल्में चुनना एक कला है। वो बस वो ही करते हैं जो उनके दिल को छू जाए। ब्लॉकबस्टर बन गईं तो अच्छा हुआ, लेकिन उनका फैसला उनका था। इंडस्ट्री में हर कोई अपनी राह चलता है।

Ritu Patel
Ritu Patel
जून 3, 2024 AT 02:09

ये सब फिल्में ब्लॉकबस्टर हुईं क्योंकि महेश बाबू ने उन्हें नहीं लिया। अगर वो लेते तो ये फिल्में फ्लॉप हो जातीं। ये तो बहुत बड़ी बात है। इंडस्ट्री में एक अभिनेता का नाम ही फिल्म की किस्मत बदल देता है।

Deepak Singh
Deepak Singh
जून 4, 2024 AT 14:36

यह लेख बिल्कुल गलत है। महेश बाबू ने इडियट को नहीं ठुकराया - यह फिल्म उनके लिए नहीं बनाई गई थी। और पुष्पा का ऑफर उन्हें नहीं गया था। ये सब फेक न्यूज़ है। आप लोग बिना फैक्ट चेक किए लिखते हैं।

Rajesh Sahu
Rajesh Sahu
जून 5, 2024 AT 07:00

हिंदी में बनी फिल्मों को तेलुगु अभिनेता के साथ जोड़कर लिखना बेवकूफी है! घजिनी तमिल है, पुष्पा तेलुगु है, एनिमल हिंदी है - ये सब अलग इंडस्ट्री हैं! महेश बाबू को इनकी ऑफर कैसे गई? ये लेख तो बस एक भारतीय राष्ट्रवाद का धोखा है!

Chandu p
Chandu p
जून 5, 2024 AT 10:31

महेश बाबू के फैसले को समझो। वो अपने रोल्स को बहुत गहराई से चुनते हैं। उनकी फिल्में दर्शकों के दिल में बसती हैं। जो फिल्में ब्लॉकबस्टर हुईं, वो भी अपने तरीके से अच्छी थीं। लेकिन महेश बाबू की फिल्में तो दिल की बात कहती हैं। ❤️

Gopal Mishra
Gopal Mishra
जून 6, 2024 AT 20:37

फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर का चयन बहुत महत्वपूर्ण होता है। महेश बाबू के लिए फिल्म का टोन, कहानी, और निर्देशक की दृष्टि सब कुछ मायने रखता है। जब उन्होंने इडियट को नहीं लिया, तो शायद उन्हें लगा कि यह उनके अंदाज़ के खिलाफ है। और जब रवि तेजा ने यह फिल्म बनाई, तो उनका अंदाज़ उसके लिए बिल्कुल सही था। यह एक अलग तरह की सफलता है।

Swami Saishiva
Swami Saishiva
जून 7, 2024 AT 15:39

महेश बाबू ने जो फिल्में ठुकराईं, वो सब ब्लॉकबस्टर हुईं? ये तो बस उनकी असफलता का एक आविष्कार है। वो फिल्में ब्लॉकबस्टर इसलिए हुईं क्योंकि उन्होंने उन्हें नहीं लिया। वो अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं।

Swati Puri
Swati Puri
जून 8, 2024 AT 23:37

फिल्म चयन के बारे में डिस्कशन में अक्सर बॉक्स ऑफिस रिजल्ट्स को प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन एक्टर के लिए कैरियर लंबे समय का होता है। महेश बाबू के लिए अपनी ब्रांड वैल्यू को बनाए रखना ज्यादा महत्वपूर्ण था। ये फिल्में ब्लॉकबस्टर हुईं तो उनके लिए एक बार अच्छा फैसला था।

megha u
megha u
जून 10, 2024 AT 09:51

ये सब फिल्में ब्लॉकबस्टर हुईं क्योंकि महेश बाबू के नाम से डर लगता था। कंपनियां जानती थीं कि अगर वो ले लेंगे तो फिल्म फ्लॉप हो जाएगी। इसलिए उन्हें ठुकरा दिया गया। 😈

pranya arora
pranya arora
जून 12, 2024 AT 07:43

हर अभिनेता के लिए फिल्म चुनना एक आत्म-खोज का सफर होता है। महेश बाबू ने जो फिल्में ठुकराईं, शायद उन्हें लगा कि वो उनकी आत्मा के खिलाफ हैं। ब्लॉकबस्टर होना या न होना, ये तो बाहरी मापदंड है। असली सफलता तो अंदर से आती है।

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