
टेस्ट डेब्यू और राष्ट्रीय चयन
जुलाई 2025 में नारायण जगदेवसन को भारत की टेस्ट स्क्वॉड में पहली बार बुलाया गया, और यह मौका रिषभ पैंट की पाँव की फ्रैक्चर के बाद आया। 29 साल के इस विकेटकीपर‑बेट्समैन को इंग्लैंड के खिलाफ पाँचवें टेस्ट में जगह मिली, जहाँ उन्हें टीम की बैकअप विकेटकीपर की भूमिका निभानी थी। यह चयन सिर्फ चोट का विकल्प नहीं, बल्कि कई सालों की घरेलू मेहनत का फल है।
नारायण का जन्म 24 दिसंबर 1995 को तमिलनाडु में हुआ था। 2016 में उन्होंने तमिलनाडु के लिए प्रथम बार पेशवाकीली में पदार्पण किया, और तब से वह विभिन्न फ़ॉर्मेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका बल्ले का हाथ और ग्लोववर्क दोनों ही टीम को संतुलन देते हैं, इसलिए कोच स्टाफ ने उनका चयन किया।

डोमेस्टिक रिकॉर्ड और आईपीएल यात्रा
पहले क्लासिक क्रिकेट में उन्होंने 54 मैचों में 3,686 रन बनाए, जिसका औसत 50.49 है। इस आंकड़े में 11 शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं—एक तेज़ और स्थिर बल्लेबाज़ी का प्रमाण। लिस्ट‑ए में 64 मैचों में 2,728 रन, औसत 46.23 और 9 शतकों के साथ उनका रिकॉर्ड और भी प्रभावशाली है। टी20 में 66 मैचों में 1,475 रन की जमा‑पूँजी, औसत 31.38 और 10 अर्धशतकों ने उन्हें एक बहुमुखी खिलाड़ी बना दिया है।
Narayan Jagadeesan का सबसे बड़ा गौरव है एक‑डे क्रिकेट में सबसे बड़ा स्कोर बनाकर विश्व रिकॉर्ड रखना। यह उपलब्धि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने में मददगार साबित हुई।
आईपीएल में वह 2020 से चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का हिस्सा हैं। अब तक 13 मैचों में 162 रन बनाए, जिसमें उच्चतम स्कोर 39 रहा। जबकि यह आँकड़ा अभी तक उनके घरेलू प्रदर्शन जैसा चमक नहीं दिखाता, लेकिन CSK की किडनियों में समय बिताकर उन्होंने अपनी तकनीक को निखारा है।
तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) में उनका प्रदर्शन और भी दिलचस्प है। 57 मैचों में 1,988 रन, 1 शतक, 18 अर्धशतकों के साथ उनका स्ट्राइक रेट 125.8 रहा। उन्होंने कुल 257 सीम, जिसमें 202 चौके और 55 छक्के शामिल हैं, मारकर लीग में अपना जलवा बिखेरा है। यह आँकड़े दर्शाते हैं कि सीम हिट करने की उनकी क्षमता बहुत तेज़ है, जो बड़े अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी काम आएगी।
विकेटकीपर की भूमिका में उनका हाथ साफ़ और भरोसेमंद है। कई मौकों पर उन्होंने तेज़ स्टम्पिंग और सुरक्षित कैचिंग का परिचय दिया है, जिससे टीम को अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है। इसलिए रिषभ पैंट की अनुपस्थिति में उनका चयन सिर्फ एक आकस्मिक विकल्प नहीं, बल्कि टीम में एक स्थायी बैकअप बनाने की दिशा में कदम है।
- पहला क्लासिक: 3,686 रन, औसत 50.49, 11 शतक
- लिस्ट‑ए: 2,728 रन, औसत 46.23, 9 शतक
- टी20: 1,475 रन, औसत 31.38, 10 अर्धशतक
- आईपीएल: 162 रन (13 मैच), हाईस्कोर 39
- TNPL: 1,988 रन (57 मैच), 1 शतक, 18 अर्धशतक, स्ट्राइक रेट 125.8
अब सवाल यह है कि क्या वह इस टेस्ट के बाद स्थायी रूप से टीम में जगह बना पाएँगे। अगर वह घरेलू फ़ॉर्मेट में दिखाए गए स्थिर प्रदर्शन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोहराते हैं, तो यह भी संभव है कि वह अगली श्रृंखला में भारत के मुख्य विकेटकीपर बन जाएँ। क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें इस युवा सितारे पर टिकी हैं, और बग़ैर आश्चर्य के वह भारत की नई आशा बन कर उभरे हैं।
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