राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के प्रमुख सुभोध कुमार सिंह को केंद्र सरकार ने उनके पद से हटा दिया है। यह कदम NEET और UGC-NET परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक के आरोपों के बीच उठाया गया है। नए महानिदेशक के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला को नियुक्त किया गया है। यह फैसला देशभर में छात्रों और अभिभावकों के बीच NEET पेपर लीक और अंकों में गड़बड़ियों के कारण हुए व्यापक विरोध के बीच आया है।
NEET परीक्षा विवाद
इस वर्ष की NEET परीक्षा में सवाल पत्र लीक होने की खबरें आई थीं, जिसके बाद परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए थे। कुछ राज्यों में परीक्षा से एक दिन पहले पेपर लीक होने की खबरें सामने आई थीं। इसके साथ ही, NEET के परिणाम भी विवादों में घिर गए जब 67 उम्मीदवारों ने 720/720 अंक प्राप्त किए। यह आंकड़ा पहले कभी नहीं देखे गए और इस पर भी काफी सवाल उठाए गए।
इस मामले को लेकर छात्रों ने विभिन्न मंचों पर अपनी नाराजगी जताई। इसके अलावा परीक्षा में 1,500 से ज्यादा छात्रों को अनुचित रूप से ग्रेस मार्क्स देने के लिए भी NTA की आलोचना की गई। इन मुद्दों के कारण विभिन्न अदालतों में भी मामले दर्ज हुए और उच्चतम न्यायालय ने न केवल NTA की कार्यप्रणाली की आलोचना की, बल्कि इसे 'संस्थागत विफलता' भी कहा।
UGC-NET परीक्षा की रद्दीकरण
UGC-NET परीक्षा, जो कई छात्र और शोधार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, को भी NTA द्वारा रद्द कर दिया गया। यह निर्णय परीक्षा की अखंडता पर उभरे सवालों के कारण लिया गया। छात्रों में गहरी निराशा और नाराजगी व्याप गयी, क्योंकि उनकी कठिन मेहनत के बावजूद उनका भविष्य अनिश्चित हो गया था।
शिक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए इसे NTA की 'संस्थागत विफलता' करार दिया। जिससे स्पष्ट हुआ कि शिक्षा मंत्रालय इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रहा है। मंत्री ने विरोधों और जांचों के बाद एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया है। इस समिति का नेतृत्व पूर्व ISRO अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन कर रहे हैं, जो इन घटनाओं की पूरी समीक्षा करेंगे और NTA की कार्यप्रणाली में सुधार के सुझाव देंगे।
उच्च स्तरीय समिति
डॉ. के राधाकृष्णन, जो अपने क्षेत्र के बहुत ही अनुभवी और प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, को इस समिति का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। यह समिति NEET और UGC-NET परीक्षाओं में हुई अनियमिता और NTA की कार्यप्रणाली की विस्तृत समीक्षा करेगी। साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े।
इस प्रकार की घटनाएं जहां छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए तनावपूर्ण होती हैं, वहीं यह सरकार के लिए भी एक पहेली होती है कि शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को कैसे बहाल किया जाए।
भविष्य की प्रक्रिया
नए महानिदेशक प्रदीप सिंह खरोला को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह इन समस्यायों को गंभीरता से लें और NTA की कार्यप्रणाली में सुधार लाएं। शिक्षा मंत्रालय और समिति के सहयोग से यह आशा की जा रही है कि NTA की कार्यप्रणाली में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
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