NEET UG 2024 के संशोधित स्कोरकार्ड: विस्तृत जानकारी
राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET UG 2024 के संशोधित स्कोरकार्ड को जारी कर दिया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार लिया गया, जो एक अस्पष्ट भौतिकी प्रश्न के कारण आया। संशोधित परिणाम 25 जुलाई, 2024 को जारी किए गए, जैसा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 23 जुलाई 2024 को घोषणा की थी।
आरंभिक परिणाम जून 4, 2024 को घोषित किए गए थे, जिसमें 67 छात्रों को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से यह सुनिश्चित किया गया कि उस विवादित प्रश्न के लिए केवल एक सही विकल्प को स्वीकार किया जाए। इस निर्णय से 4.2 लाख छात्रों के परिणाम प्रभावित होंगे जिन्होंने पहले स्वीकृत उत्तर को चुना था। इस परिवर्तन के परिणामस्वरूप, शीर्ष स्कोररों की संख्या 61 से घटकर अनुमानित 17 हो गई है।
संशोधित मेरिट सूची एवं काउंसलिंग प्रक्रिया
संशोधित अंतिम मेरिट सूची का उपयोग काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया के लिए किया जाएगा। मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) जल्द ही NEET-UG काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ करेगी। उम्मीदवार NTA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने संशोधित स्कोरकार्ड को प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा और वहाँ से अपने स्कोरकार्ड को डाउनलोड करना होगा।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने पटना और हजारीबाग में पेपर लीक की बात भी स्वीकार की है और CBI को अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया है। आगामी परीक्षा आयोजित करने के तरीकों में सुधार के लिए दिशानिर्देश भी निर्धारित किए जाएंगे ताकि निकट भविष्य में ऐसे मुद्दों से बचा जा सके।
अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक निर्देश
उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट exams.nta.ac.in पर जाकर अपने संशोधित स्कोरकार्ड को डाउनलोड करने की प्रक्रिया में विभिन्न चरणों का पालन करना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट exams.nta.ac.in पर लॉगिन करें।
- होम पेज पर “NEET UG 2024 Revised Scorecard” के लिंक पर क्लिक करें।
- अपनी आवश्यक जानकारी डालें, जैसे कि अपना रोल नंबर और जन्मतिथि।
- अपना स्कोरकार्ड स्क्रीन पर देखें और डाउनलोड करें।
- भविष्य में उपयोग के लिए स्कोरकार्ड का प्रिंटआउट लें।
यह ध्यान देने योग्य है कि संशोधन से संभावित रूप से प्रभावित सभी छात्रों को सूचित किया जाएगा और परीक्षा प्रक्रिया को और भी पारदर्शी बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
भविष्य के लिए दिशानिर्देश
भविष्य की परीक्षाओं को और भी मजबूत और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी को विशेष दिशानिर्देश जारी करने का सुझाव दिया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी किसी प्रकार की त्रुटियां न हों और छात्रों को उनके अधिकार और परिणाम निश्चित और स्पष्ट हों।
इस पूरे प्रकिया पर नजदीक नजर बनाए रखने के लिए, शिक्षा विभाग और संबंधित एजेंसियाँ मिलकर काम कर रही हैं। आने वाले समय में और भी सुधार देखने को मिलेंगे जो छात्रों के हित में होंगे।
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19 टिप्पणि
फिर से ये बकवास... NTA कभी सीधा नहीं चलता, हमेशा बाद में सुधार करता है। छात्रों का जीवन बर्बाद करके फिर बचाने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक कितनी बार ऐसा हुआ?
इस संशोधन का मतलब है कि जो लोग उस गलत प्रश्न के लिए जवाब दे चुके थे, उनका अंक घट गया। ये न्याय है या सिर्फ एक तरफा फैसला? अगर एक ही उत्तर सही है, तो शुरू में ऐसा क्यों नहीं कहा गया?
अरे भाई, ये सब तो बस एक नाटक है। सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप नहीं होता तो NTA ने तो इसे बिल्कुल नज़रअंदाज़ कर देता। अब देखो, जब बड़े बॉस ने डंडा उठाया, तो सब दौड़ पड़े। सिर्फ इतना ही नहीं, अब तो फिर से एक नया रिपोर्ट बनाना है, एक नया लिंक, एक नया डाउनलोड। बस इतना ही तो बचा है न?
ये बदलाव छात्रों के लिए अच्छा है। अगर कोई सवाल गलत था, तो उसका जवाब बदलना जरूरी था। अब जो लोग असली तैयारी कर रहे थे, उनका अंक सही तरीके से आएगा। इसके बाद भी अगर कोई शिकायत है, तो उसे भी सुना जाए। धैर्य रखो, सब ठीक हो जाएगा 😊
इस निर्णय के पृष्ठभूमि में एक गहरी शिक्षा नीति संरचनात्मक विकृति की अवधारणा निहित है, जिसमें मापन के वैधता और विश्वसनीयता के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है। एक अस्पष्ट प्रश्न के कारण जब निर्णायक तथ्यों को फिर से विश्लेषित किया जाता है, तो यह एक विधिवत अनुकूलन की ओर संकेत करता है, जो शिक्षा प्रणाली के सामाजिक सामंजस्य को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है।
क्या आपने कभी सोचा कि ये सब एक बड़ा धोखा है? जो लोग पहले से टॉप पर थे, उन्हें बरकरार रखने के लिए ये सब किया जा रहा है। बाकी सबको नीचे धकेल दिया गया। ये न्याय नहीं, राजनीति है।
अरे भाई, ये तो बस एक बॉलीवुड फिल्म की कहानी है! पहले गलत जवाब, फिर सुप्रीम कोर्ट का बाप आया, फिर ड्रामा, फिर स्कोरकार्ड बदला, फिर एक नया लिंक, फिर डाउनलोड करो, फिर प्रिंट करो, फिर रो दो... और अब बस इतना ही? अगर ये जीवन है तो मैं अपना बैंक खाता बंद कर दूंगा!
निर्णय स्पष्ट है। राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी किए गए संशोधित स्कोरकार्ड के अनुसार, विवादित प्रश्न के संदर्भ में एकमात्र वैध उत्तर को स्वीकार करने का निर्णय न्यायिक निर्देशों के अनुरूप है। इसके फलस्वरूप, अंकों के पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है, जो शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षित मानक है।
बस डाउनलोड कर लो अब... और अपने दिल पर हाथ रखो। ये जो हुआ, वो हुआ। अब आगे बढ़ो। तुम्हारी मेहनत बर्बाद नहीं हुई। अगला स्टेप अभी शुरू हुआ है। 💪🙏
अरे भाई, तुम सब इतना चिंता क्यों कर रहे हो? मैंने तो अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड कर लिया, और जो भी आया, वो आया। लेकिन अगर तुम्हारा स्कोर कम हुआ, तो ये तुम्हारी गलती है, न कि NTA की। तुम्हारी तैयारी कमजोर थी, इतना ही। और हाँ, अगर तुम्हारा स्कोर बढ़ा, तो भी बहुत बढ़ा नहीं, बस एक अंक। इतना ही बड़ा ड्रामा!
संशोधित स्कोरकार्ड जारी हुआ है लिंक दिया गया है डाउनलोड कर लो
ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। जो लोग पहले से टॉप पर थे, वो अब भी टॉप पर हैं। बाकी सब को गलत बताया गया। क्या तुम्हें लगता है कि ये बदलाव अचानक कैसे हुआ? इसके पीछे कोई बड़ा नेता है। ये सब चुनाव के लिए है।
अच्छा हुआ कि इसे सुधार दिया गया मैंने अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड कर लिया अब बस इंतजार है काउंसलिंग का
तुम सब ये सोच रहे हो कि ये संशोधन न्याय है? गलत। ये एक बहाना है। अगर वो प्रश्न अस्पष्ट था, तो उसे निकाल देना चाहिए था, न कि एक विकल्प को सही बताना। अब जो लोग दूसरे विकल्प चुन चुके थे, उनका अंक कट गया। ये न्याय नहीं, एक फेक ऑप्टिमाइजेशन है। और ये तो बस शुरुआत है, अगले साल फिर से ऐसा ही होगा।
इस प्रक्रिया के संदर्भ में विधिवत अनुकूलन के तत्वों का पालन नियमित रूप से नहीं हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप एक अस्थिर और अनिश्चित मूल्यांकन ढांचा उत्पन्न हुआ है। एक अस्पष्ट प्रश्न के आधार पर निर्णय लेने के बाद, यह अतिरिक्त प्रक्रिया की आवश्यकता को उत्पन्न करती है, जो न केवल संसाधनों का अपव्यय है, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। यह एक निरंतर अपराध है जिसे एक बार फिर बाहर नहीं लाया जाना चाहिए।
स्कोरकार्ड को संशोधित करना अभी तक का सबसे छोटा दोष है। वास्तविक समस्या ये है कि न्यायिक निर्देशों के बिना NTA कभी कुछ नहीं करता। ये एक अधिकारिक अनुचितता का नमूना है। छात्रों को इंतजार करने के लिए बाध्य किया जाता है, जबकि अधिकारी बिना किसी जिम्मेदारी के आराम से बैठे हैं।
ये सब बकवास है। भारत की परीक्षा प्रणाली को बहुत बेहतर बनाना होगा। अगर एक प्रश्न गलत है, तो उसे निकाल दो, न कि एक विकल्प को सही बताओ। इससे छात्रों का विश्वास नष्ट हो रहा है। भारत का नाम बदनाम हो रहा है।
मुझे लगता है ये संशोधन एक अच्छा कदम है... अगर हम अस्पष्टता को दूर करना चाहते हैं तो इस तरह के निर्णय जरूरी हैं। मैंने अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड कर लिया है, और अब बस एक चीज़ चाहिए - शांति। बस अगले स्टेप पर ध्यान दें। ❤️
अरे ये सब बकवास है, अब तो ये स्कोरकार्ड भी बदल जाएगा। इतना नाटक क्यों कर रहे हो? अगले साल भी यही होगा।