बजट 2024 अपेक्षाएँ: आर्थिक सर्वेक्षण और केंद्रीय बजट की महत्वपूर्ण जानकारी

बजट 2024 अपेक्षाएँ: आर्थिक सर्वेक्षण और केंद्रीय बजट की महत्वपूर्ण जानकारी

परिचय

आर्थिक बजट 2024 और आर्थिक सर्वेक्षण 2024 को लेकर देशवासियों में भारी उत्सुकता है। यह बजट सितंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली नव-निर्वाचित सरकार का पहला बड़ा आर्थिक दस्तावेज होगा। इससे जनता की तमाम आशाएँ और अपेक्षाएँ जुड़ी हुई हैं, ख़ासकर तब जब मोदी सरकार को इस बार के लोकसभा चुनाव में अपेक्षाकृत कम बहुमत मिला है।

आर्थिक सर्वेक्षण 2024

आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के प्रस्तुतिकरण की तारीख़ 22 जुलाई 2024 तय की गई है। वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि इस सर्वेक्षण में पिछले वित्तीय वर्ष की आर्थिक स्थिति का व्यापक विश्लेषण किया जाएगा। इसमें विभिन्न क्षेत्र जैसे कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग की प्रगति का उल्लेख होगा। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण देश की मितव्ययों के लिए दिशा-निर्देशक सिद्ध हो सकता है।

बजट 2024 की उम्मीदें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत होने वाला बजट 2024 मात्र एक आर्थिक दस्तावेज नहीं, बल्कि अगले पाँच वर्षों के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बजट को 'अमृत काल' के लिए निर्णयात्मक बताया है। उनके अनुसार, यह बजट न केवल उनकी सरकार के वादों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

आयकर राहत की उम्मीदें

इस बजट में आम जनता को आयकर में राहत मिलने की उम्मीद है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आयकर की दरें घटाई जाती हैं, तो इससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और आर्थिक उन्नति होगी। कई मीडिय रिपोर्ट्स बताते हैं कि इस बार मोदी सरकार आयकर छूट सीमा को बढ़ा सकती है, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिल सके।

राजनीतिक प्रभाव और जनअपेक्षाएँ

राजनीतिक प्रभाव और जनअपेक्षाएँ

लोकसभा चुनाव 2024 में अपेक्षाकृत कम बहुमत मिलने के बाद, यह बजट मौजूदा सरकार के लिए एक मौका है कि वे जनता का विश्वास पुनः अर्जित कर सकें। सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं पर ज़्यादा जोर दे सकती है, जिससे आमजन को सीधा फ़ायदा हो। इसके अतिरिक्त, सुधारवादी नीतियों और संरचनात्मक परिवर्तन के भी संकेत मिल रहे हैं, जो दीर्घकालीन सपोषणीय विकास के मार्ग को प्रशस्त कर सकते हैं।

मानसून सत्र और बजट सत्र का महत्व

यह बजट सत्र संसद के मानसून सत्र की शुरुआत का संकेत है, जो न केवल विधायी कार्यकलापों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि विभिन्न नीतिगत निर्णयों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस बार का चर्चात्मक बिंदु 'आम आदमी' के साथ-साथ 'विकास की गाथा' को आगे बढ़ाना है।

संभावित क्षेत्रों पर जोर

इस बार के बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है। खासतौर पर, स्वास्थ्य से सेवाएँ, 'आयुष्मान भारत' योजना के विस्तार के तौर-तरीकों पर जोर दिया जा सकता है। शिक्षा में नई नीतियों और डिजिटल शिक्षा की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपेक्षा है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने और किसानों के लिए नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है।

निष्कर्ष

सारांश में, बजट 2024 एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जो मोदी सरकार के प्रगति के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह सरकार के लिए एक सुनहरा अवसर है कि वे जनता की आशाओं पर खरे उतर सकें और आर्थिक विकास को नए उच्चतम स्तर पर पहुंचा सकें। अब बस इंतजार है 22 जुलाई और 23 जुलाई का जब आर्थिक सर्वेक्षण और बजट पेश होगा और देश का भविष्य तय होगा।

11 टिप्पणि

Swami Saishiva
Swami Saishiva
जुलाई 24, 2024 AT 20:53

ये बजट तो बस नए नाम का पुराना दवा है। जनता को राहत चाहिए, न कि वादे। फिर से आयुष्मान भारत का नाम लेकर क्या फायदा? कागज़ पर तो सब कुछ बढ़िया लगता है।

Swati Puri
Swati Puri
जुलाई 24, 2024 AT 21:27

आर्थिक सर्वेक्षण में कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में संरचनात्मक असमानताओं को दर्शाना ज़रूरी है। अगर बजट में एमएसएमई और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाया जाए, तो लंबी अवधि में GDP ग्रोथ में स्थिरता आएगी।

megha u
megha u
जुलाई 26, 2024 AT 18:36

ये सब बजट वाले तो बस चुनाव के बाद लोगों को शांत करने के लिए बनाते हैं... 🤡 असल में किसानों की आमदनी तो गिर रही है। कोई नहीं देख रहा।

pranya arora
pranya arora
जुलाई 27, 2024 AT 11:45

क्या हम सिर्फ बजट के नंबरों में ही विकास देख रहे हैं? या हम उस वातावरण को भी समझ रहे हैं जिसमें एक आम आदमी सुबह उठता है और सोचता है कि आज का खाना कहाँ से आएगा? आर्थिक नीतियाँ जब इंसान के दर्द को नहीं छूतीं, तो वो केवल शब्दों का खेल बन जाती हैं।

Arya k rajan
Arya k rajan
जुलाई 28, 2024 AT 09:03

मुझे लगता है अगर बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर ज़्यादा ध्यान दिया जाए, तो ये असली बदलाव ला सकता है। बस थोड़ा अधिक विश्वास और कम नाराजगी चाहिए।

Sree A
Sree A
जुलाई 29, 2024 AT 00:50

Fiscal deficit 6.8% तक रखना ज़रूरी है। अगर बजट में टैक्स रिलीफ बढ़ाया गया तो उसके लिए revenue mobilization के लिए GST रिफॉर्म्स और digital tax compliance की ज़रूरत है।

DEVANSH PRATAP SINGH
DEVANSH PRATAP SINGH
जुलाई 30, 2024 AT 11:48

हमें बजट को बस एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि एक सामाजिक समझौता समझना चाहिए। अगर ये बजट सिर्फ शहरी बीच के लिए है, तो गाँव वाले फिर से पीछे रह जाएंगे।

SUNIL PATEL
SUNIL PATEL
अगस्त 1, 2024 AT 08:14

इतनी बातें करने की ज़रूरत नहीं। जो बजट बनाया जा रहा है, वो देश के लिए सही है। जो नहीं समझते, वो बस बदलाव से डरते हैं।

Avdhoot Penkar
Avdhoot Penkar
अगस्त 1, 2024 AT 12:36

अरे भाई, बजट तो हमेशा ही बाजार के लिए होता है। किसानों को तो बस एक टीवी पर दिखाया जाता है 😒

Akshay Patel
Akshay Patel
अगस्त 2, 2024 AT 09:43

ये बजट देश के लिए ज़रूरी है। जो लोग इसकी आलोचना करते हैं, वो देशद्रोही हैं। हमें बस अपने नेताओं पर भरोसा करना चाहिए।

Raveena Elizabeth Ravindran
Raveena Elizabeth Ravindran
अगस्त 2, 2024 AT 20:51

bujat 2024? phir se same old same old... kisan ko kuch nahi milega... aur hum sab ko tax badhega... 😴

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