मोहम्मद नबी का अंतरराष्ट्रीय करियर
अफगानिस्तान के अनुभवी खिलाड़ी मोहम्मद नबी ने जब 2009 में स्कॉटलैंड के खिलाफ अपनी ओडीआई करियर की शुरुआत की, तो किसी ने नहीं सोचा था कि वे आगे जाकर अफगानिस्तान क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेंगे। उन्होंने अपने करियर में 165 वनडे मैचों में भाग लिया, जिसमें उन्होंने 3549 रन बनाए और 171 विकेट भी लिए। नबी की नेतृत्व क्षमता ने उन्हें 2013 से 2015 तक टीम का कप्तान भी बना रखा, जिसमें उन्होंने टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
अफगानिस्तान क्रिकेट में नबी का योगदान
अफगानिस्तान क्रिकेट के लिए नबी का योगदान अद्वितीय रहा है। उन्होंने न सिर्फ अपने खेलने की क्षमता से बल्कि अपनी स्ट्रैटेजिक कामयाबी से भी टीम को मजबूत बनाया। नबी ने तीन विश्व कप टूर्नामेंटों में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व किया है, जिसने उनकी गेम और देशभक्ति को अलग मंच पर प्रदर्शित किया है। उनकी हालिया परफॉर्मेंस, जैसे कि बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में 84 रन बनाना और एक महत्वपूर्ण विकेट लेना, उनके खेल के लिए उनकी समर्पण को दिखाता है।
आगे की योजना
नबी ने 2025 के चैंपियंस ट्रॉफी के बाद वनडे से संन्यास लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस बारे में कुछ महीने पहले अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड को सूचित किया था, और बोर्ड ने इस निर्णय का स्वागत किया है। हालांकि ओडीआई से संन्यास लेने के बाद भी, नबी अपने टी20 करियर को जारी रखने की योजना में हैं, जहां भी उनकी उच्चतम क्षमता की जरूरत होगी।
फैंस और क्रिकेट जगत का समर्थन
नबी के इस फैसले पर फैंस और क्रिकेट जगत में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ उनकी गृह स्थिति को देखते हुए उनके निर्णय की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या टीम आने वाले समय में उनके बिना संतुलित रह पाएगी। जो भी हो, नबी ने एक मिसाल कायम की है कि कैसे खेल के प्रति समर्पण और दृढ़ता आपको एक सफल खिलाड़ी बनने में मदद कर सकती है।
अभिनंदन और भविष्य की शुभकामनाएं
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पूरे क्रिकेट समुदाय ने नबी को उनके करियर के लिए बधाई दी है और उत्तम स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की कामना की है। उम्मीद है कि नबी अपनी टी20 करियर को भी उसी उत्साह और जोश के साथ आगे बढ़ाएंगे, जिसे वे अब तक दिखाते आए हैं। उनके संन्यास के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट में एक नया अध्याय खुलेगा, लेकिन यह निश्चित है कि नबी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मोहम्मद नबी का खेल के प्रति जुनून और योगदान खेल प्रेमियों के लिए हमेशा एक प्रेरणा बना रहेगा। उनके जैसी खेल भावना, राष्ट्रप्रेम और दृढ़ता ही उन्हें एक अद्वितीय खिलाड़ी बनाती है।
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10 टिप्पणि
नबी का करियर देखकर लगता है जैसे कोई अफगानिस्तान के लिए एक जीवित इतिहास बन गया है। उन्होंने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि एक पीढ़ी को भी प्रेरित किया। अब टी20 में भी वो वैसे ही रहेंगे, ये बात तो पक्की है।
2025 के बाद ओडीआई से निकलना सही फैसला है। उम्र आ गई है, अब युवाओं को मौका देना होगा। नबी ने अपना काम कर लिया, अब बस शांति से बैठ जाएं।
ओडीआई से रिटायर हो रहे हैं तो फिर टी20 में क्यों आ रहे हैं यार ये तो बस लोगों को नहीं छोड़ पा रहे हैं अपना फेम नहीं छोड़ पा रहे
ये लोग हमेशा ऐसा करते हैं जब उनकी फॉर्म गिरने लगती है तो रिटायरमेंट का नाम लेते हैं। नबी की अब बल्लेबाजी भी नहीं चलती, विकेट भी नहीं ले रहे। बस नाम बचाने के लिए इतना बड़ा ऐलान।
भारत के खिलाफ जब भी खेले तो नबी का खेल बेहतर होता था। अब जब वो नहीं खेलेंगे तो अफगानिस्तान के लिए बड़ा खो गया। हमारे खिलाफ भी वो अच्छा खेलते थे, उनकी वजह से हमारी टीम भी बेहतर बनी।
ये सब नाम लेकर बहुत अच्छा लगता है लेकिन असली में उनका अंतरराष्ट्रीय करियर बहुत ओवररेटेड रहा है। उनके आंकड़े तो अच्छे हैं, लेकिन उन्होंने कभी टॉप टीम के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन नहीं किया।
इंसान जब अपने आप को बहुत बड़ा समझने लगता है तो वो रिटायरमेंट का नाम लेकर अपनी इज्जत बचाने की कोशिश करता है। नबी ने अच्छा खेला, लेकिन ये निर्णय ज्यादा भावुक है। वो अभी भी खेल सकते थे।
नबी के बिना अफगानिस्तान की टीम क्या होगी? ये सवाल बहुत बड़ा है। लेकिन अगर वो टी20 में रहे तो ये नया टीम भी उनके खेल से सीखेगा। एक बार उनकी बैटिंग देखो, फिर सोचो।
कभी नबी के बारे में बात नहीं होती थी, अब जब वो जा रहे हैं तो सब उनकी तारीफ कर रहे हैं। ये तो इंसानी चाल है।
नबी ने जो किया, वो बहुत कम लोग कर पाते हैं। एक देश जहां क्रिकेट का इतिहास 15 साल पुराना है, वहां एक खिलाड़ी ने अपने आप को इतिहास बना दिया। ये कोई रिटायरमेंट नहीं, ये एक नया अध्याय है।