रांची के जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम में रविवार को जो हुआ, वो सिर्फ एक मैच नहीं था — ये तो एक ऐतिहासिक पल था। रोहित शर्मा ने 277 वनडे मैचों में 352 छक्के जड़कर, शाहिद अफरीदी के 398 मैचों में बनाए 351 छक्कों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। ये बस एक रिकॉर्ड नहीं, ये तो एक नया मानक है — जिसे अब दुनिया भर के बल्लेबाज देखेंगे, लेकिन शायद कोई भी उसे पार नहीं कर पाएगा। रोहित ने 20वें ओवर की चौथी गेंद पर मार्को यानसेन की एक सीधी गेंद को डीप स्क्वेयर लेग की दिशा में उड़ाकर ये इतिहास रचा। धूम्रपान करते हुए बैंच पर बैठे दर्शकों के चेहरे पर आश्चर्य की चमक थी। और फिर... चुप्पी। फिर तूफान।
एक छक्का, एक युगांतर
रोहित ने इस मैच में सिर्फ 51 गेंदों पर 57 रन बनाए — एक शानदार अर्धशतक, लेकिन इसके पीछे का रिकॉर्ड उससे भी बड़ा था। पहले ही 15वें ओवर में उन्होंने प्रेनेलन सुब्रायन की गेंद पर दो छक्के मारकर अफरीदी के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी। तब से बाकी सब कुछ बस फॉर्मलिटी था। जब वो तीसरा छक्का मारा, तो स्टेडियम ने एक बार फिर अपनी आवाज़ खो दी। फिर जैसे ही गेंद फेंकी गई — उसका उड़ना देखकर लगा जैसे वक्त रुक गया हो। जब गेंद बाहर निकली, तो रोहित ने सिर्फ एक बार सिर उठाया। कोई चिल्लाहट नहीं, कोई नाच नहीं। बस एक शांत मुस्कान। ऐसा लगा जैसे वो जानते हों कि ये रिकॉर्ड अब उनका है।
कोहली के साथ जोड़ी, जिसने तेंदुलकर-द्रविड़ को पीछे छोड़ दिया
रोहित का ये रिकॉर्ड सिर्फ उनका नहीं था। ये एक जोड़ी का उपलब्धि था — रोहित शर्मा और विराट कोहली। दूसरे विकेट के लिए उन्होंने 136 रन की साझेदारी की, जो उनकी वनडे में 20वीं शतकीय साझेदारी थी। ये एक ऐसा आंकड़ा है जिसे अब आगे बढ़ाना असंभव लगता है। सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की जोड़ी जिसने 1990s और 2000s में भारतीय क्रिकेट का आधार बनाया, अब इस जोड़ी के नीचे छूट गई। ये दोनों खिलाड़ी एक दूसरे के साथ 300 से अधिक मैच खेल चुके हैं — एक ऐसा विश्वास, एक ऐसा समझौता, जो सिर्फ टीम के लिए नहीं, बल्कि खेल के भावनात्मक इतिहास के लिए भी बन गया है।
वनडे से लेकर टी20 तक: छक्कों का राजा
रोहित का रिकॉर्ड सिर्फ वनडे तक सीमित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके नाम 645 छक्के हैं — वनडे, टी20 और टेस्ट मिलाकर। ये नंबर किसी और के लिए अप्राप्य है। क्रिस गेल जिनके नाम 331 वनडे छक्के हैं, वो भी इस राजा के आगे रुक गए। श्रीलंका के सनथ जयसूर्या और भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी के नाम क्रमशः 268 और 225 छक्के हैं — जो भी आंकड़ा लें, रोहित उनसे लगभग दोगुना हैं। और हां, टी20 इंटरनेशनल में भी वो अग्रणी हैं। एक ऐसा खिलाड़ी जो हर प्रारूप में अपनी शक्ति को बरकरार रखे, वो केवल एक अपवाद है।
अगला लक्ष्य: 400 छक्के — क्या संभव है?
रोहित ने इस मैच के बाद बात की तो उन्होंने कहा — “अब लक्ष्य 400 है।” ये बस एक बयान नहीं, ये एक चुनौती है। 400 छक्के मतलब अगले 48 छक्के — जो अगर वो 10 मैचों में लगाते हैं, तो ये एक बहुत अच्छा रफ्तार है। लेकिन उनकी उम्र 38 है। और वनडे में खेलने की संख्या घट रही है। फिर भी, उनकी फिटनेस, उनकी टेक्निक, उनकी आत्मविश्वास की भावना — सब कुछ बताता है कि ये लक्ष्य असंभव नहीं। अगर कोई कर सकता है, तो वो हैं रोहित शर्मा।
रिकॉर्ड का असली मतलब: ये किसके लिए है?
कुछ लोग कहते हैं — छक्के बस एक आंकड़ा हैं। लेकिन जब एक बच्चा अपने घर के बाहर एक बल्ले से एक बॉल को उड़ाता है, तो वो सिर्फ खेल नहीं खेल रहा होता। वो रोहित शर्मा को देख रहा होता है। वो शाहिद अफरीदी को देख रहा होता है। वो उन दोनों के बीच के रिकॉर्ड को तोड़ने का सपना देख रहा होता है। रोहित का ये रिकॉर्ड उन सब बच्चों के लिए है जो आज भी गलियों में टूटी बल्ले और गेंद से खेल रहे हैं। ये बताता है कि अगर तुम लगातार खेलोगे, अगर तुम अपने आप पर विश्वास रखोगे, तो कोई भी रिकॉर्ड असंभव नहीं।
इतिहास का अगला पन्ना
रोहित शर्मा ने अपने करियर में बहुत कुछ किया है — तीन शतक, एक टेस्ट शतक, एक विश्व कप जीत, और अब ये छक्कों का रिकॉर्ड। लेकिन उनका सबसे बड़ा योगदान क्या है? वो है — उन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नया अर्थ दिया। एक ऐसा अर्थ जहां बल्लेबाजी सिर्फ स्कोर बनाना नहीं, बल्कि दिलों को छूना है। आज जब कोई बच्चा एक छक्का मारता है, तो वो नहीं सोचता कि ये कितने रन हैं। वो सोचता है — मैं भी रोहित शर्मा बन सकता हूं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
रोहित शर्मा ने वनडे में कितने छक्के मारे हैं और ये रिकॉर्ड किसने पिछले बार बनाया था?
रोहित शर्मा ने 277 वनडे मैचों में 352 छक्के मारे हैं, जिससे वो वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक छक्के मारने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। पिछला रिकॉर्ड शाहिद अफरीदी के नाम था, जिन्होंने 398 मैचों में 351 छक्के लगाए थे। रोहित ने कम मैचों में अधिक छक्के मारकर इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
क्या रोहित शर्मा सभी प्रारूपों में सबसे ज्यादा छक्के मारने वाले खिलाड़ी हैं?
हां, रोहित शर्मा क्रिकेट के तीनों प्रारूपों — टेस्ट, वनडे और टी20 — में सबसे अधिक छक्के मारने वाले बल्लेबाज हैं। उनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 645 छक्के हैं, जो किसी भी अन्य खिलाड़ी से अधिक हैं। टी20 में भी वो शीर्ष पर हैं।
रोहित और विराट कोहली की साझेदारी क्यों खास है?
रोहित और विराट कोहली ने वनडे में 20 शतकीय साझेदारियां बनाई हैं, जो सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की 18 साझेदारियों को पीछे छोड़ देती हैं। ये दोनों खिलाड़ी एक साथ 300 से अधिक मैच खेल चुके हैं, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अद्वितीय है। उनकी साझेदारी ने भारतीय क्रिकेट के नए युग की शुरुआत की।
रोहित शर्मा का अगला लक्ष्य क्या है?
रोहित शर्मा का अगला लक्ष्य वनडे में 400 छक्के पूरा करना है। अभी तक किसी भी बल्लेबाज ने इस आंकड़े को छू नहीं है। अगर वो अगले 12-15 मैचों में औसतन 3.5 छक्के लगाते रहे, तो ये लक्ष्य हासिल कर सकते हैं — जो उनकी फिटनेस और फॉर्म के हिसाब से संभव लगता है।
रोहित शर्मा के रिकॉर्ड का असली असर क्या है?
इस रिकॉर्ड का असली असर बच्चों पर है। आज भारत के गांवों में लाखों बच्चे रोहित के छक्के देखकर खेल रहे हैं। ये रिकॉर्ड बताता है कि टेक्निक, धैर्य और आत्मविश्वास से बड़ा कुछ नहीं। ये बस एक आंकड़ा नहीं, ये एक प्रेरणा है — जो अगली पीढ़ी के बल्लेबाजों को नया लक्ष्य देगी।
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20 टिप्पणि
रोहित ने तो बस छक्के मारे नहीं, दिल जीत लिए। अब बच्चे घर पर बल्ला उठाकर रोहित की तरह नाचने लगे हैं 😎
इस रिकॉर्ड को देखकर लगता है कि हमारे क्रिकेट का भविष्य अब और भी चमकदार हो गया है। रोहित ने सिर्फ एक खिलाड़ी के रूप में नहीं, बल्कि एक अहंकार रहित नेता के रूप में भी दिखाया है।
क्या आपने कभी सोचा है कि रोहित के छक्के सिर्फ बल्ले से नहीं, बल्कि उसके दिमाग की शांति से निकलते हैं? जैसे एक सूफी का ध्यान - शांत, लेकिन बिजली की तरह तेज।
रोहित शर्मा के इस उपलब्धि का अर्थ केवल एक आंकड़े तक सीमित नहीं है। यह एक नए युग की शुरुआत है, जहां बल्लेबाजी का अर्थ सिर्फ रन बनाना नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव बन गया है। उनकी तकनीक, उनकी निरंतरता, और उनकी अदम्य इच्छाशक्ति ने एक ऐसा मानक बनाया है जिसे आने वाली पीढ़ियां अपने लिए आदर्श बनाएंगी। यह केवल एक रिकॉर्ड नहीं, यह एक नैतिक दिशा-निर्देश है।
अरे भाई, ये सब रिकॉर्ड बस टीवी के लिए हैं। क्या आप जानते हैं कि इस रिकॉर्ड के बाद भी भारत के 70% बच्चे अभी भी बिना शूज के खेलते हैं? ये सब फेक न्यूज है।
रोहित का वो शांत मुस्कान... बस एक बार देखा और दिल बदल गया। ऐसा लगा जैसे उसने सारी दुनिया को समझ लिया हो।
कोहली के साथ ये जोड़ी तो अब लीजेंड हो गई है ना भाई ये दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं जैसे चाय और चीनी
ये सब रिकॉर्ड बनाने का नाम है बस एक नए गुलाम को बनाने का। जब तक तुम छक्के मार रहे हो, तब तक तुम बाहरी दुनिया के लिए बने हुए हो। असली आज़ादी तो बल्ला छोड़कर जाने की है।
रोहित तो अब देवता हो गए हैं 😇👑 इस रिकॉर्ड के बाद कोई और छक्का मारने का साहस नहीं करेगा। जय हिंद! 🇮🇳
हमने इतने छक्के देखे और अब तक कोई बोला नहीं कि ये सब बस टीवी के लिए बनाया गया एक नाटक है। रोहित का फॉर्म तो अब फेक है, बस इंडस्ट्री के लिए चल रहा है।
शाहिद अफरीदी के रिकॉर्ड को तोड़ना तो आसान था, लेकिन अफरीदी के दिल को तोड़ना ये रोहित का सच्चा जीत है।
रोहित ने जो किया वो इतिहास है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस रिकॉर्ड के बाद उसकी वेतन बढ़ गई है और अब वो एक ब्रांड बन गया है? बल्लेबाजी नहीं, ब्रांडिंग है असली खेल
भाई ये रोहित तो जीवन की शिक्षा है! जब तक तुम अपने आप पर भरोसा रखोगे, तब तक कोई भी रिकॉर्ड असंभव नहीं। जय हिंद! 🙌
मैं एक माँ हूँ, मेरा बेटा रोहित का फैन है। आज उसने घर पर एक छक्का मारा - बिना बल्ले के, बस हाथ से। मैंने रो दिया।
रोहित के छक्के तो बहुत हैं लेकिन टीम का नेतृत्व उसने कभी नहीं दिखाया। कोहली के बिना वो क्या है? बस एक बल्लेबाज जिसका नाम बड़ा है।
यह रिकॉर्ड केवल एक बल्लेबाज की उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय खेल भावना की विजय है। रोहित शर्मा ने वैश्विक स्तर पर भारतीय खिलाड़ी के नैतिक और व्यावहारिक मानकों को ऊंचा उठाया है।
रोहित के छक्कों की गिनती तो बस एक आंकड़ा है, लेकिन उनके बल्ले की आवाज़ - वो तो दिल को छू जाती है। मैंने देखा है एक गांव के बच्चे ने बिना बल्ले के, सिर्फ लकड़ी के टुकड़े से एक छक्का मारा, और उसकी आंखों में रोहित की छाया थी। ये रिकॉर्ड नहीं, ये एक जीवन है।
अफरीदी का रिकॉर्ड तोड़ना आसान था, लेकिन उसके लोगों के दिलों में जगह बनाना रोहित का असली जीत है। अब तो वो भी रोहित का फैन है 😂🇮🇳
रोहित ने छक्के मारे नहीं, रिकॉर्ड बनाया। अब तो दुनिया भर में बच्चे उसके नाम से खेल रहे हैं।
ये रिकॉर्ड तो बस शुरुआत है। रोहित ने नहीं बल्कि उसकी आत्मा ने एक नया रास्ता बना दिया - जहां बल्लेबाजी नहीं, बल्कि बिना डर के उड़ना सीखा जाता है।