भारत और जिम्बाब्वे के बीच चौथे T20I की रोमांचक शुरुआत
13 जुलाई, 2024 को हरारे में खेले जा रहे T20I सीरीज के चौथे मैच में भारतीय क्रिकेट टीम ने एक बार फिर टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। कप्तान शुभमन गिल ने टॉस जीतकर यह लगातार चौथा टॉस जीतने का रिकॉर्ड बनाया। यह मैच सीरीज के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण था क्योंकि भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज को 3-1 की अजेय बढ़त तक पहुँचाना चाहती थी।
तुषार देशपांडे का अंतरराष्ट्रीय पदार्पण
मुम्बई के तेज गेंदबाज तुषार देशपांडे ने इस मैच में भारत की ओर से अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया। उन्हें भारतीय टीम के कोच साज बहुले के हाथों ग्रीन कैप दी गई। तुषार का पिछले आईपीएल सीजन बेहद शानदार रहा था, जहां वे चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने थे। तुषार ने टीम में अवेश खान की जगह ली।
टीम की संरचना और नई रणनीतियाँ
भारतीय टीम की संरचना में चार ओपनर बल्लेबाज और चार प्रमुख गेंदबाज शामिल थे। इसके साथ ही शिवम दुबे और अभिषेक शर्मा को अतिरिक्त गेंदबाजी समर्थन के लिए शामिल किया गया। कप्तान गिल ने मैच के पहले यह ज़रूर माना कि टीम को मृत्युकाल ओवरों (डेथ ओवर्स) में अपने प्रदर्शन को सुधारने की आवश्यकता है, इस स्थान पर टीम अब तक संघर्ष कर रही थी।
जिम्बाब्वे की तैयारियां और बदलाव
जिम्बाब्वे टीम की कमान सिकंदर रजा के हाथों में थी, जिन्होंने स्पष्ट रूप से यह कहा कि इस मैच का महत्व सीरीज को 2-2 पर बराबरी करने के लिए है। उन्होंने अगले टी20 विश्व कप 2026 के दृष्टिकोण से इस मैच को बेहद महत्वपूर्ण माना। जिम्बाब्वे ने अपनी टीम में एक परिवर्तन किया, वेमिंगटन मसाकादजा की जगह सर्वराउंडर फराज अखराम को शामिल किया गया।
मैच का प्रारूप और भारतीय प्लेयिंग XI
भारतीय प्लेयिंग XI इस प्रकार थी: शुभमन गिल (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, अभिषेक शर्मा, रुतुराज गायकवाड़, संजू सैमसन (विकेटकीपर), शिवम दुबे, रिंकू सिंह, वाशिंगटन सुंदर, रवि बिश्नोई, तुषार देशपांडे, और खलील अहमद।
दर्शकों और प्रशंसकों के लिए यह मैच बहुप्रतीक्षित था, और सभी की निगाहें तुषार देशपांडे के प्रदर्शन पर थीं। क्या वे अपने पहले मैच में ही अपने आईपीएल के फॉर्म को बरकरार रखेंगे? यह देखने लायक होगा।
मैच की शुरुआत पर भारतीय गेंदबाजों ने जोरदार प्रदर्शन किया और शुरुआती विकेटों के जरिये जिम्बाब्वे पर दबाव बनाया। टीम के गेंदबाज खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे।
देशपांडे की तेज गेंदबाजी और सही लाइन-लेंथ को देखकर उनका आत्मविश्वास झलक रहा था। भारतीय उम्मीदों के अनुसार उन्होंने अपनी सभी क्षमताओं का परिचय दिया और बल्लेबाजों के लिए मुसीबतें खड़ी कीं। उनकी आक्रामक गेंदबाजी में एक अलग ही चमक और उनींदी नजर आई।
मैच के मध्य के ओवरों में जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के सामने ज्यादा सफलता नहीं मिली। रजा और अन्य अनुभवी बल्लेबाज भी सही तालमेल में नहीं आ सके और टीम हमेशा रन बनाने के लिए संघर्ष करती नजर आई।
मैच के अंतिम ओवरों में भारत की रणनीति के अनुसार टीम ने अपने मृत्युकाल ओवरों (डेथ ओवर्स) में सुधार किया। गेंदबाजों ने संजीदगी और योजना के साथ गेंदबाजी की, जिससे जिम्बाब्वे का रन रेट सीमित रहा।
दर्शकों में उत्साह और उम्मीदें
हरारे के मैदान में भारतीय समर्थकों का उत्साह देखने लायक था। हर चौके-छक्के और हर विकेट पर दर्शक झूम उठते थे। तुषार देशपांडे का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण भारतीय खिलाड़ियों और प्रशंसकों दोनों के लिए गर्व का क्षण था।
वैसे यह देखना दिलचस्प होगा कि इस प्रदर्शन से भारतीय टीम को टी20 विश्व कप 2026 के लिए कितनी आत्मीयता मिलेगी, और क्या वे आगे आने वाले मैचों में भी इसी मेहनत और रणनीति को बरकरार रख पाएंगे।
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