57 गेंद में शतक: तेज़ी से बना क्रिकेट इतिहास
जब हम 57 गेंद में शतक, क्रिकेट में वह शतक जहाँ बल्लेबाज़ ने केवल 57 गेंदों में 100 या अधिक रन बनाए. Also known as 57‑ball century, it showcases extreme batting aggression. तो तुरंत समझ में आता है कि यह केवल एक आंकड़ा नहीं, एक ऐसी कहानी है जहाँ समय, स्ट्राइक रेट और खेल की परिस्थितियाँ आपस में जुड़ी होती हैं। इसी कारण क्रिकेट, दुनिया भर में लोकप्रिय टीम स्पोर्ट, जहाँ गेंद‑बाज़ी और बैटिंग का संतुलन खेल की दिशा तय करता है में 57‑गेंद शतक को अक्सर ‘तेज़ी से बना शतक’ कहा जाता है। इस परिप्रेक्ष्य को समझने के लिए हमें स्ट्राइक रेट, बल्लेबाज़ द्वारा प्रत्येक 100 गेंदों पर बनाए गए रन की दर, जो तेज़ी का प्रमुख मापदंड है की भूमिका देखनी होगी। साथ ही, IPL, इंडियन प्रीमियर लीग, विश्व के सबसे बड़े T20 टूर्नामेंटों में से एक, जहाँ तेज़ी से बने शतक अक्सर मैच जीताते हैं ने इस अवधारणा को लोकप्रिय बना दिया है।
ये तीनों तत्व – 57‑गेंद शतक, स्ट्राइक रेट और IPL – आपस में जुड़े हैं। 57 गेंद में शतक तभी संभव है जब स्ट्राइक रेट 175 से ऊपर हो, जो दर्शाता है कि बल्लेबाज़ ने हर 6 में लगभग 1.75 रन बनाए। IPL में कई उदाहरण हैं जहाँ खिलाड़ियों ने इस सीमा को पार किया, जैसे शिखर धवन ने 2023 में 57 गेंदों में 111 रन बनाए और शार्दुल थॉमस ने 2022 में समान गति से शतक पर पहुंचा। यह दिखाता है कि तेज़ी केवल व्यक्तिगत ऍटिट्यूड नहीं, बल्कि परिस्थितियों को पढ़ने, फील्ड सेट‑अप समझने और जोखिम‑लेने की क्षमता का मिश्रण है। जब गेंद‑बाज़ी तेज़ होती है, बल्लेबाज़ को सीमित ओवरों में अधिक रन बनाने के लिए दांव लगाना पड़ता है, इसलिए स्ट्राइक रेट और शतक दोनों एक साथ बढ़ते हैं।
क्यों 57 गेंद में शतक ख़ास माना जाता है?
पहले, 57 गेंद की सीमा एक माइलस्टोन है – यह न तो बहुत छोटी (जैसे 30‑40 गेंद) और न ही बहुत बड़ी (जैसे 70‑80) है। इसलिए इसे ‘स्मार्ट शतक’ कहा जाता है, जहाँ खिलाड़ी को जोखिम और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना पड़ता है। दूसरा, इस शतक की रिकॉर्ड वैल्यू अक्सर विश्व‑रेकोर्ड्स में आती है, जिससे खिलाड़ी के कैरियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ बनता है। तीसरा, IPL जैसे बड़े प्लेटफ़ॉर्म पर 57‑गेंद शतक का प्रभाव कई बार टीम की जीत का निर्णायक कारक बन जाता है, क्योंकि छोटे-छोटे मैच में तेज़ी से बने रन जीत‑हार को तय कर देते हैं। चौथा, स्ट्राइक रेट की गणना क्रिकेट के कई फॉर्मैट्स में की जाती है, इसलिए 57‑गेंद शतक को समझना सभी फ़ॉर्मेट्स (टेस्ट, ODI, T20) में आवश्यक बन जाता है। अंत में, मीडिया और फैंस इस उपलब्धि को ‘हिट‑स्ट्राइक’ के रूप में प्रमोट करते हैं, जिससे खिलाड़ी की ब्रांड वैल्यू बढ़ती है।
अब जब आप जानते हैं कि 57 गेंद में शतक कैसे बनता है, तो आप आगे पढ़ने वाले लेखों में और गहराई से समझ पाएँगे। हमारे संग्रह में आप देखेंगे कैसे विभिन्न खिलाड़ियों ने इस लक्ष्य को हासिल किया, स्ट्राइक रेट को बढ़ाने के तकनीकी टिप्स, IPL के बड़े शतक और अंतरराष्ट्रीय मैचों में इस रिकॉर्ड का महत्व। चाहे आप एक क्रिकेट फैन हों, कोचिंग की तैयारी कर रहे हों, या सिर्फ आँकड़ों में दिलचस्पी रखते हों, नीचे की सूची में आपको हर पहलू मिल जाएगा। तो चलिए, इस तेज़ी की दुनिया में आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कौन‑से लेख आपके खेल के ज्ञान को और भी तेज़ करेंगे।
बेथ मोनी ने दिल्ली में 57 गेंदों में शतक मारकर महिला ODI में बना दूसरी तेज़ रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया की ओपनर बेथ मोनी ने दिल्ली के आरोन जेटली स्टेडियम में 57 गेंदों में शतक बनाकर महिला ODI इतिहास में दूसरी तेज़ पारी का रिकॉर्ड बराबर किया। 138 रन की जबरदस्त पारी ने ऑस्ट्रेलिया को 300 से अधिक लक्ष्य पर पहुँचा दिया, जबकि भारत ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी रनों की हार झेली। यह परफॉर्मेंस विश्व कप की तैयारी में भारत की गेंदबाजी कमजोरियों को उजागर करता है।