बेथ मोनी ने दिल्ली में 57 गेंदों में शतक मारकर महिला ODI में बना दूसरी तेज़ रिकॉर्ड

बेथ मोनी ने दिल्ली में 57 गेंदों में शतक मारकर महिला ODI में बना दूसरी तेज़ रिकॉर्ड

मैच का सारांश

दिसंबर 2024 में सीधे दिल्ली के आरोन जेटली स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चला तीसरा और अंतिम ODI, जिसने दोनों टीमों की तैयारी पर नई रोशनी डाल दी। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग का फैसला किया और पावरप्लेमेँ ही 77 रन जुटा लिए, जिससे भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बढ़ गया।

ऑस्ट्रेलिया की लाइन‑अप में तेज़ी से रन बनाने वाली खिलाड़ी बेथ मोनी ने ही नहीं, बल्कि ग्रेस हैरिस, एलेन वाटसन और एमी जेम्सन ने भी लगातार गोलरों को बधिर कर दिया। भारत की गेंदबाजी में राधा यादव, रेणुका सिंह ठाकुर और क्रांति गौड़ के नामी दांवों के बावजूद, शॉट्स की सटीक ताल और पावरहिटिंग ने उन्हें जवाब नहीं दिया।

मैच के अंत में ऑस्ट्रेलिया ने 309/2 का स्कोर बनाकर अंततः 309 रनों पर समाप्त किया, जबकि भारत को इस रिकॉर्ड‑भंग लक्ष्य को चुराने के लिए 45 ओवर में 138 रन पर रोकना पड़ा, जिससे उनका अब तक का सबसे बड़ा ODI पराजय दर्ज हुआ। यह रिकार्ड पहले दिसंबर 2024 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 371 रनों की हार के बाद बना।

बेथ मोनी की बेमिसाल पारी

बेथ मोनी की बेमिसाल पारी

Mooney ने शुरुआती ओवरों में ही आक्रामक खेल दिखाते हुए 57 गेंदों में शतक कर दिया, जो कि Karen Rolton के बराबर है और Meg Lanning के 45‑गेंद शतक के बाद दूसरा तेज़ करियर बनाता है। उन्होंने 138 रन बनाते हुए 75 गेंदों में 17 चौके और 9 छक्के लगाये, जिससे उनका स्ट्राइक रेट 184.00 तक पहुंच गया।

उनकी पारी में प्रमुख विशेषताएं थीं:

  • पहले 20 गेंदों में 65 रन, जिससे टीम को एक मजबूत मंच मिला।
  • शतक के बाद भी गति नहीं घटी; उन्होंने 50+ रन का दूसरा भाग 30 गेंदों में पूरा किया।
  • टीम के कुल स्कोर का 45% से अधिक हिस्सा अकेले वह ही निर्मित कर गया।

Mooney का आउट होना 45वें ओवर में रन‑आउट पर हुआ, पर उसके बाद ग्रेस हैरिस ने 24 रन की तेज़ पारी चली, जिसे बाद में डीप्ती शर्मा ने लीन कर दिया। भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी ओवरों में कुछ काबिलियत दिखाई, पर उनके पास पहले ही बहुत बड़ा अंतर था।

इस पारी के बाद विश्व कप के लिये भारत को अपनी गेंदबाजी रणनीति को फिर से सोचना पड़ेगा। राधा यादव की लाइन‑ड्रॉइंग और रेणुका सिंह की विभिन्न स्पीड के मिश्रण ने Mooney को सीमित नहीं किया, जबकि क्रांति गौड़ की मध्य गति ने भी शॉट्स को रोक नहीं पाई। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की हार से भारत को कुशल स्पिनर और तेज़ गेंदबाज दोनों की जरूरत होगी, ताकि वे बॉल की भिन्नता और गति से विरोधी को चौंका सकें।

ऑस्ट्रेलिया की इस जीत ने यह साफ़ कर दिया कि उनके पास विश्व कप में एक मजबूत बैटिंग लाइन‑अप है, जबकि भारत को अपनी गेंदबाजी के साथ-साथ मध्य क्रम के स्थिर प्रदर्शन में खामियां दूर करनी होंगी। आगे के दो मैचों में भारत को इस अंतर को कम करने की कोशिश करनी पड़ेगी, ताकि वह विश्व कप में शीर्ष पायदान पर पहुंच सके।

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