आयकर समय सीमा: 2025‑2026 के टैक्स डेडलाइन की पूरी जानकारी
जब हम आयकर समय सीमा, वित्तीय वर्ष के भीतर आय कर दाखिल करने की अंतिम तिथियों को दर्शाता है. इसे अक्सर टैक्स डेडलाइन कहा जाता है, तो यह आपका पहला कदम है। भारत में वित्तीय वर्ष, 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च तक चलता है. इस अवधि में आयकर रिटर्न, व्यक्ति या कंपनी द्वारा अपनी आय को घोषित करने का फॉर्म भरना अनिवार्य है, चाहे आपका स्रोत वेतन, व्यवसाय या फ्रीलांसिंग से आया हो। कई लोग टीडीएस (TDS), स्रोत पर कर कटौती की प्रक्रिया को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह आपके अंतिम टैक्स लायबिलिटी को घटाने में बड़ा रोल रखता है।
आयकर समय सीमा के बारे में सही जानकारी रखने से न केवल दंड से बचाव होता है, बल्कि रिफंड के प्रोसेस को भी तेज़ किया जा सकता है। पहला सेमांटिक ट्रिपल यह है: आयकर समय सीमा वित्तीय वर्ष की समाप्ति को दर्शाती है। दूसरा ट्रिपल: आयकर समय सीमा का पालन टैक्स दंड को रोकता है। तीसरा ट्रिपल: टीडीएस रसीदें आयकर रिटर्न में क्रेडिट के रूप में काम करती हैं। इन कनेक्शन को समझना फ़ायदे का सौदा है, क्योंकि हर साल 31 जुलाई, 30 सितंबर और 31 डिसेंबर जैसे प्रमुख दायरें होते हैं। इन तिथियों को याद रखकर आप बिना झंझट के अपना टैक्स क्लियर कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़ और ऑनलाइन पोर्टल
आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए सबसे पहले आयकर पोर्टल (https://www.incometax.gov.in) पर लॉग‑इन करना होता है। यहाँ आपका PAN, बैंक अकाउंट और पिछले साल की फॉर्म 16 या फॉर्म 16A अपलोड करना शुरू हो जाता है। यदि आपके पास टेडीएस कटौती की रसीद नहीं है, तो एचआर या क्लाइंट से पूछना फायदेमंद रहेगा, क्योंकि ये रसीदें आपके कुल कर योग्य आय को घटाती हैं। इसके अलावा, यदि आप सेवानिवृत्ति या एस्टेट प्लानिंग कर रहे हैं, तो सास‑ससुर के साथ संयुक्त रिटर्न फाइल करने के विकल्प भी देख सकते हैं। यह सब एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर आसानी से मैनेज हो जाता है, जिससे समय सीमा का पालन तनाव‑रहित बनता है।
हमारी साइट पर आप सिर्फ टैक्स से जुड़ी खबरें ही नहीं, बल्कि मौसम, खेल, राजनीति और टेक्नोलॉजी से संबंधित भी अपडेट पा सकते हैं। इस विविधता का मतलब है कि आप एक ही जगह पर सभी आवश्यक सूचना ले सकते हैं, चाहे वह आयकर समय सीमा की याद दिलाने वाला अलर्ट हो या कांवड़ यात्रा जैसी स्थानीय खबरें। नीचे की सूची में हम उन लेखों को इकट्ठा किए हैं जो आपके वर्तमान टैक्स प्लानिंग, वित्तीय वर्ष की शुरुआत, या TDS संबंधित सवालों का हल पेश कर सकते हैं। पढ़ते रहिए और अपने टैक्स जिम्मेदारियों को सरल बनाइए।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में कर ऑडिट रिपोर्ट की समय सीमा बढ़ाने की याचिका
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 30 सितंबर 2025 को समाप्त होने वाली कर ऑडिट रिपोर्ट की समय सीमा बढ़ाने की याचिका दायर हुई है। राजस्थान और कर्नाटक की अदालतों ने पहले ही समान राहत दी है। टैक्स प्रोफेशनल्स तकनीकी गड़बड़ी, घटती समय‑सीमा और वार्षिक बाढ़ से जूझ रहे हैं। कई सांसद और कर संगठनों ने भी सीबीडीटी से विस्तार की माँग की है। कोर्ट के फैसले पर राष्ट्रीय स्तर की प्रतिक्रिया ताज़ा है।