भारतीय शेयर बाजार – क्या चल रहा है?

क्या आपने सुना कि इस अप्रैल में BSE और NSE तीन दिन बंद रहेंगे? महावीर जयंति, डॉ. अंबेडकर जयन्ती और गुड फ्राइडे को ट्रेडिंग रुक जाएगी। इससे इक्विटी, डेरिवेटिव, कमोडिटी व करंसी सब पर असर पड़ेगा। ऐसे कैलेंडर बदलावों को पहले से जानना आपके ट्रेड़ को बचा सकता है।

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आजकल शेयर बाजार में कुछ बड़ी कंपनियों के परिणाम भी चर्चा में हैं। उदाहरण के तौर पर, Waaree Energies ने Q3 FY25 में 14% उछाल दिखाया। उनका लाभ बढ़ा, राजस्व 116.6% तक गया और EBITD में जबरदस्त वृद्धि हुई। ऐसे आंकड़े निवेशकों को नई संभावनाओं का संकेत देते हैं।

एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि ब्रिक्स देशों ने अपना खुद का क्रॉस‑बॉर्डर पेमेंट सिस्टम तैयार किया है। इससे डॉलर पर निर्भरता घटेगी और भारतीय निर्यात‑आयात में लागत कम होगी। 2026 तक भारत इस पहल को लीड करेगा, तो व्यापारियों के लिए बड़ा फायदा होने वाला है।

दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय टैरिफ़ से भारतीय बाजार में हलचल बनी हुई है। ट्रम्प की नई टैक्स नीति ने सेंसिक्स और निफ्टी दोनों पर गिरावट लाई। इससे निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर आयात‑निर्भर सेक्टर में।

निवेशकों के लिए जरूरी टिप्स

पहला नियम – कैलेंडर देखें। ट्रेडिंग बंद होने वाले दिन पहले अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करें, ताकि अचानक कीमतों में गिरावट न झेलनी पड़े।

दूसरा – परिणाम पर नजर रखें। जब कोई कंपनी लगातार बेहतर क्वार्टर रिपोर्ट दिखाए, तो उसका स्टॉक खरीदने का विचार कर सकते हैं। लेकिन हमेशा जोखिम प्रबंधन के साथ ही कदम बढ़ाएँ।

तीसरा – वैरिएबल इंटरेस्ट रेट वाले सेक्टरों में टैरिफ़ बदलाव से बचें। अगर आप सेंसिक्स या निफ्टी जैसे इंडेक्स फंड में निवेश कर रहे हैं, तो छोटे‑छोटे पोर्टफोलियो को विविध बनाकर जोखिम घटाएँ।

चौथा – अंतरराष्ट्रीय पहल का फायदा उठाएँ। ब्रिक्स की नई पेमेंट प्रणाली से भारतीय निर्यातियों के लिए कम लेन‑देन लागत होगी, जिससे लाभ मार्जिन बढ़ सकता है। ऐसे सेक्टर में निवेश करने पर विचार करें।

अंत में, बाजार में उतार‑चढ़ाव हमेशा रहेगा। लेकिन सही जानकारी और समय पर फैसले लेकर आप अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं। रोज़ाना अपडेट पढ़ें, कैलेंडर याद रखें और परिणामों का विश्लेषण करें – यही आपके निवेश की जीत की चाबी है।

स्विगी का IPO प्राइस बैंड Rs 371-390 के बीच निर्धारित: जानिए पूरी जानकारी

स्विगी का IPO प्राइस बैंड Rs 371-390 के बीच निर्धारित: जानिए पूरी जानकारी

स्विगी का प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) नवंबर 6 से 8 के बीच खुलने जा रहा है। प्राइस बैंड को Rs 371 से 390 प्रति शेयर के बीच निर्धारित किया गया है। स्विगी का उद्देश्य इस IPO के माध्यम से लगभग 1.35 बिलियन डॉलर (लगभग 11,700 करोड़ रुपये) जुटाने का है। यह उनके प्रारंभिक लक्ष्य से 25% कम है। इसमें प्राथमिक घटक और बिक्री के लिए पेशकश (OFS) शामिल हैं।