Lord Vishnu: हिन्दू धर्म की संपूर्ण श्मशान शक्ति
जब Lord Vishnu, सृष्टि के संरक्षणकर्ता और विश्व को संतुलित रखने वाले देवता, भी कहा जाता है तो कई लोग तुरंत Vishnu शब्द सोच लेते हैं। उनके बारे में समझना उतना ही जरूरी है जितना उनकी पूजा‑पाठ। Trimurti, हिंदू त्रिकूट जिसमें त्रिमूर्ति के तीन रूप – ब्रह्मा, विष्णु और शिव शामिल हैं में उनका स्थान स्पष्ट करता है कि किस तरह ब्रह्मा सृष्टि, विष्णु पालन और शिव संहार को संभालते हैं। यह त्रिमूर्ति संबंध Lord Vishnu को केवल एक देवता नहीं, बल्कि विश्व के निरंतर कार्य का मुख्य आधार बनाता है।
मुख्य संबंधित अवधारणाएँ
विष्णु के दस प्रमुख अवतार Dashavatar, विष्णु के विभिन्न रूप जो विभिन्न युगों में धरती की रक्षा करते हैं में राम, कृष्ण, नृषंकर आदि शामिल हैं। इन अवतारों की कहानियाँ दर्शाती हैं कि कैसे Vaishnavism, विष्णु को प्रमुखतम देवता मानने वाला हिंदू संप्रदाय ने सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य में परिवर्तन लाए। वैष्णव धर्म के अनुयायी अक्सर Vishnu Sahasranama, विष्णु के हजार नामों की सूची का जाप करते हैं, जिससे उनके विश्वास और शक्ति का गहरा संबंध स्थापित होता है।
इन सभी तत्वों के बीच कई सार्थक संबंध बनते हैं: "Lord Vishnu" "धार्मिक स्थलों" को प्रेरित करता है, "Dashavatar" समय‑समय पर सांस्कृतिक पुनरुत्थान लाते हैं, और "Vaishnavism" सामाजिक एकजुटता बढ़ाता है। जब हम इन संबंधों को समझते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि कैसे पुरानी कथाएँ आज के जीवन में भी मार्गदर्शन देती हैं। जैसे कि भारत में कई प्रसिद्ध मंदिर – पंदितानाथ, जगन्नाथ, सतुर रहस्य – सभी विष्णु के विभिन्न रूपों को समर्पित हैं, और प्रत्येक मंदिर में स्थानीय रीति‑रिवाज़ों का अपना रंग होता है।
अब आप इस पेज पर आगे पढ़ेंगे तो विभिन्न लेख, समाचार और विश्लेषण मिलेंगे जो "Lord Vishnu" से जुड़ी नई घटनाएँ, धार्मिक कार्यक्रम और सांस्कृतिक पहलुओं को कवर करते हैं। चाहे आप विष्णु के पौराणिक पहलुओं में गहराई चाहते हों या समकालीन वैष्णव संगम की खबरें, यहाँ का संग्रह आपका मार्गदर्शन करेगा। तैयार हो जाइए, क्योंकि आगे आने वाले लेख आपको इस शाश्वत देवता की विविधता और उनकी वर्तमान प्रासंगिकता की एक समग्र तस्वीर पेश करेंगे।

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पापंकुश एकादशी 2025 का मुख्य व्रत दिन 3 अक्टूबर है, विभिन्न स्रोतों में अलग‑अलग समय‑सारिणी रहती है; दान‑धर्म और विष्णु मंत्र पढ़कर पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्त हो सकता है।