पंचांग – तिथि, नक्षत्र और भारतीय घटनाओं का पूरा गाइड

जब हम पंचांग, हिन्दू कैलेंडर जिसका प्रयोग तिथि, समय और ग्रहों की स्थिति जानने के लिए किया जाता है. Also known as हिन्दू पंचांग, it दैनिक सूर्योदय‑सूर्यास्त, चंद्रमा और नक्षत्र की जानकारी देता है, जिससे पूजा‑पाठ, उत्सव और सरकारी कार्य‑क्रम तय होते हैं. पंचांग का मुख्य कार्य दो चीज़ें हैं – दिन‑दर्शक (तिथि‑विक्रम) और ग्रह‑स्थिति (भा​विष्यवाणी)। इसीलिए जब आप चुनाव की तारीख, क्रिकेट मैच की शेड्यूल या मानसून की रेन‑फोरकास्ट देखते हैं, तो पीछे पंचांग की गणना होती है। उदाहरण के तौर पर सदर बाज़ार चुनाव 2025 की घोषणा, बांग्लादेश एटिसलात कप की तिथियां और भारी बारिश अलर्ट 17 सितंबर 2025 सब पंचांग के तालमेल से तय होते हैं।

पंचांग के दो प्रमुख घटक तिथि, चंद्र महीने की दिनांक जो महीने के शुरुआती और अंत को निर्धारित करती है और राशिफल, सूर्य तथा ग्रहों के प्रभावों के आधार पर दैनिक जीवन‑गाइड प्रदान करता है हैं। तिथि न केवल पूजा‑पाठ में उपयोग होती है, बल्कि सरकारी योजनाओं, स्कूलों की बंदी और चुनाव‑केंद्रित कार्य‑क्रमों के तय‑समय में भी अहम भूमिका निभाती है। राशिफल, जो पंचांग के ग्रह‑स्थिति डेटा से निकला है, लोगों को स्वास्थ्य, करियर और रिश्तों में दिशा देता है। इसी तरह नक्षत्र (जैसे अश्विनी, मिथुन) और योग (जैसे वर-विहारी) पंचांग के अतिरिक्त घटक हैं, जो आध्यात्मिक उत्सव, जैसे पापंकुश एकादशी या नवरात्रि के समय‑निर्धारण में मदद करते हैं।

पंचांग को सिर्फ एक कैलेंडर नहीं, बल्कि एक कार्य‑साधन मानें जिसका असर राजनीति, खेल, मौसम और आध्यात्मिक जीवन पर पड़ता है। हमारे संग्रह में आपको सदर बाज़ार चुनाव 2025 की तिथि‑विवरण, बांग्लादेश महिला क्रिकेट की जीत की शेड्यूल, कांवड़ यात्रा 2025 के बंद स्कूल‑डेटा, और भारी बारिश अलर्ट 17 सितंबर 2025 जैसी मौसम‑सूचनाएं मिलेंगी – सभी पंचांग से जुड़ी। साथ ही पापंकुश एकादशी, नवरात्रि, और महावीर जयंती जैसी धार्मिक तिथियों का सही समय‑निर्धारण भी यहाँ मिलेगा। इस विस्तृत गाइड के बाद आप आसानी से यह समझ पाएँगे कि किसी भी बड़े इवेंट की योजना बनाते समय पंचांग क्यों अनिवार्य है, और कैसे आप अपने दैनिक जीवन में तिथि और राशिफल का उपयोग कर सकते हैं। अब आगे नीचे की सूची देखें, जहाँ हमने उन सभी लेखों को इकठ्ठा किया है जो पंचांग से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट, विश्लेषण और वास्तविक‑जीवन उदाहरण पेश करते हैं।

संकष्टी चतुर्थी 17 जनवरी 2025: सूर्य-चन्द्र क्षण, शुभ मुहूर्त व उपाय

17 जनवरी 2025 को संकष्टी चतुर्थी के शुभ क्षण, व्रत समय, नक्षत्र और प्रमुख उपाय को लेकर अचल्य कृष्णा दत्त शर्मा और पंडित शैलेंद्र पांडे की विशिष्ट सलाह।