रक्त कैंसर क्या है? लक्षण, कारण और उपचार
रक्त कैंसर वह बीमारी है जिसमें रक्त के बनावट या उत्पादन वाले कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं। ये बेमेल कोशिकाएँ हड्डी में उत्पन्न होती हैं या सीधे रक्त प्रवाह में फैलती हैं। जब आप इस बारे में पहली बार सुनते हैं, तो अक्सर डर लगता है, पर सही जानकारी और समय पर इलाज बहुत मददगार होता है। चलिए समझते हैं कि यह रोग कैसे शुरू होता है और हमें क्या करना चाहिए.
रक्त कैंसर के मुख्य प्रकार
रक्त कैंसर को तीन बड़े वर्गों में बाँटा जाता है: ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मल्टीपल मायलोमा। ल्यूकेमिया रक्त की सफ़ेद कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जिससे थकान, बुखार और आसानी से खून बहना जैसे लक्षण दिखते हैं। लिंफोमा लिम्फ नोड्स में बढ़ोतरी पैदा करता है; अक्सर गर्दन या अंडरआर्म में सूजन देखी जाती है। मल्टीपल मायलोमा हड्डी के मैरो को नुकसान पहुँचाता है, जिससे हड्डियों में दर्द और एनीमिया हो सकता है. प्रत्येक प्रकार की पहचान डॉक्टर द्वारा रक्त परीक्षण, बायोप्सी और इमेजिंग से होती है.
रोग की पहचान और इलाज
समय पर निदान सबसे बड़ी ताकत है। अगर आपको लगातार थकावट, अनजाने में चोटों से खून बहना या बार‑बार बुखार जैसा महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ. सामान्य जांच में CBC (पूरा रक्त गणना) और बायोप्सी शामिल होते हैं। आजकल जीन टेस्टिंग भी मदद करती है ताकि सही दवा चुन सकें.
उपचार के विकल्प रोग की स्टेज, उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं। ल्यूकेमिया में अक्सर कीमोथेरेपी या टार्गेटेड ड्रग्स इस्तेमाल होते हैं; कुछ मामलों में हेमाटोपोइटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट भी किया जाता है. लिंफोमा के लिए रेडिएशन और इम्यूनोथेरापी काम आती है, जबकि मल्टीपल मायलोमा में बायोलॉजिकल एजन्ट्स और नई दवाइयाँ प्रभावी होती हैं। उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर आपको संभावित साइड इफ़ेक्ट्स के बारे में बताएगा, जिससे आप तैयार रह सकें.
रोकथाम की बात करें तो पूरी तरह बचाव संभव नहीं है, पर कुछ आदतों से जोखिम घटाया जा सकता है. तंबाकू और शराब का सेवन कम करना, संतुलित आहार लेना और नियमित व्यायाम रक्त के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। साथ ही, यदि परिवार में किसी को इस बीमारी की इतिहास है तो समय‑समय पर स्क्रीनिंग करवाना फायदेमंद रहता है.
अंत में यह याद रखें कि रक्त कैंसर का इलाज अब पहले से ज्यादा सफल हो गया है. कई लोगों ने सही उपचार के बाद सामान्य जीवन फिर से शुरू किया है. यदि आपको या आपके किसी परिचित को संदेह है, तो देर न करें—डॉक्टर से मिलें और जरूरी जांच कराएँ. जानकारी और समय दोनों ही इस लड़ाई में आपकी ताकत हैं.

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का निधन: रक्त कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद दुनिया को कहा अलविदा
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का 71 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने 1975 से 1987 के बीच 40 टेस्ट और 15 एकदिवसीय मैच खेले। गायकवाड़ ने कोच और चयनकर्ता के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीसीसीआई सचिव जय शाह ने शोक व्यक्त किया है।