पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। 71 साल की आयु में उन्होंने रक्त कैंसर से जूझते हुए अपने जीवन का अंतिम अध्याय बंद कर दिया। गायकवाड़ के निधन के साथ ही भारतीय क्रिकेट जगत में एक युग का अंत हो गया है। उनके निधन की खबर से क्रिकेट प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है।
अंशुमान गायकवाड़ का क्रिकेट करियर
अंशुमान गायकवाड़ ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 1975 से 1987 के बीच 40 टेस्ट मैच और 15 वनडे मैच खेले। अपने करियर में वे एक मजबूत ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में जाने जाते थे। उनका डेफेंसिव बैटिंग का स्टाइल अपने समय में काफी चर्चित था और उन्होंने कई उपयोगी पारी खेली जिनसे भारतीय क्रिकेट टीम को मजबूती मिली। उनकी क्रिकेट करियर का सबसे यादगार क्षण तब आया जब भारत ने 1983 में वर्ल्ड कप जीता।
कोच और चयनकर्ता के रूप में योगदान किया
गायकवाड़ का क्रिकेट जगत में केवल खिलाड़ी के रूप में ही नहीं, बल्कि कोच और राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने भारतीय टीम को 1999 के उस ऐतिहासिक क्षण के दौरान कोचिंग दी जब अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ एक इनिंग में 10 विकेट हासिल किए थे। उनका कोचिंग कैरियर कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने हर बार अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, गायकवाड़ ने बीसीसीआई में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। वह आईसीए के प्रतिनिधि के रूप में बीसीसीआई एपीक्स काउंसिल के सदस्य भी थे।
रक्त कैंसर से लड़ाई और समुदाय का सहयोग
पिछले एक साल से गायकवाड़ रक्त कैंसर से जूझ रहे थे। इलाज के लिए वे लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती थे और जून 2024 में भारत लौट आए थे। बीसीसीआई ने उनके इलाज के लिए 1 करोड़ रुपये की सहायता दी थी और 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्यों ने भी आर्थिक सहायता प्रदान की थी। गायकवाड़ ने बीमारी के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ी लेकिन अंततः वे आज हमारे बीच नहीं रहे।
प्रधानमंत्री और क्रिकेट जगत ने दी श्रद्धांजलि
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीसीसीआई सचिव जय शाह समेत कई प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गायकवाड़ ने भारतीय क्रिकेट में अमूल्य योगदान दिया है और उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी। जय शाह ने भी उनके योगदान और संघर्ष की प्रशंसा की।
अंशुमान गायकवाड़ को उनके योगदान और उनके प्रिय क्रिकेट खेलने की शैली के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को न सिर्फ अपने खेल से, बल्कि कोच और चयनकर्ता के रूप में भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनका जीवन और संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा है।
उनके निधन से भारतीय क्रिकेट में एक महान खिलाड़ी, गाइड और मित्र का जाना सदमा है। उन्हें हमेशा उनकी शक्ति, संघर्ष और क्रिकेट के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाएगा।
अंशुमान जी, आपको हमेशा याद करेंगे और आपकी आत्मा को शांति मिले, यह हमारी प्रार्थना है।
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