सावन माह – बारिश और मौसम की समझदारी भरी गाइड
जब सावन माह, जुलाई‑अक्टूबर के बीच भारत में मानसून के सक्रिय चरण को कहते हैं. इस समय को श्रावण भी कहा जाता है, और यह कृषि, जलस्रोत एवं दैनिक जीवन पर गहरा असर डालता है।
सावन माह का प्रमुख लक्षण भारी बारिश, तीव्र बौछारें और लगातार गिरती वर्षा है, जो अक्सर मौसम विभाग, राष्ट्रीय मौसम सेवा, जो सटीक पूर्वानुमान और चेतावनी जारी करती है की ओर से अलर्ट ट्रिगर करती है। जब ये अलर्ट आते हैं, तो बाढ़, जलभराव और बाढ़ जोखिम बाढ़ जोखिम, भारी वर्षा के कारण उत्पन्न जल स्तर में संभावित बढ़ोतरी का अनुमान लगाते हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन जलरोधी उपायों को तेज़ी से लागू करता है।
सावन माह के दौरान माहौल सिर्फ बारिश तक सीमित नहीं रहता; यह तापमान में उतार‑चढ़ाव, हवा की दिशा में बदलाव और कभी‑कभी बिजली तूफान भी लाता है। उदाहरण के लिये, 17 सितंबर 2025 को उत्तराखंड‑हिमाचल में भारी बारिश के कारण मौतें हुईं, जबकि दिल्ली‑NCR में हल्की बादल वाली स्थिति थी। ऐसे विविध पैटर्न यह दर्शाते हैं कि सावन में हर क्षेत्र की जरूरतें अलग‑अलग हो सकती हैं। इसलिए, स्थानीय मौसम विभाग के अपडेट को नियमित रूप से पढ़ना, मोबाइल अलर्ट सेट करना और समुदाय के साथ सूचना साझा करना महत्वपूर्ण कदम है।
सावन में सुरक्षित रहने के मुख्य सुझाव
1. कालिक अपडेट को फॉलो करें – स्थानीय FM रेडियो, सरकारी वेबसाइट और आधिकारिक ऐप्स पर मौसम अलर्ट देखें। 2. घर के आसपास जल निकासी की जाँच करें – गटर साफ रखें, निचले सतह को ऊँचा रखें और आवश्यकतानुसार रेत की दीवारें बनाएं। 3. यात्रा योजना बनाते समय जलभराव वाले रास्ते से बचें – मुख्य सड़कों की स्थिति और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी रखें। 4. बाढ़ के जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिये एम्बुलेंस और बचाव दलों के संपर्क नंबर पहले से सेव कर रखें। 5. कृषि करने वालों के लिये – फसल की किस्म, बीज रोपण समय और जल संरक्षण तकनीकों का सही चयन करना फसल नुकसान को कम करता है।
इन टिप्स को अपनाकर आप सावन माह के चरम समय में भी अपने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। आगे की सूची में आप विभिन्न राज्यों में हुई बारिश की घटनाएँ, मंडल स्तर पर जारी चेतावनियाँ और बाढ़ से बचाव के सफल केस देखेंगे, जिससे आपका ज्ञान और व्यावहारिक समझ दोनों बढ़ेंगे। अब आगे देखें और जानें कि भारत के विभिन्न हिस्सों में इस मौसम ने कैसे कदम बढ़ाए हैं।
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