SEBI क्या है? – निवेशकों को चाहिए ये जानकारी
अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं तो SEBI आपका सबसे बड़ा दोस्त या दुश्मन बन सकता है, यह इस पर निर्भर करता है कि आप उसके नियमों को जानते हैं या नहीं। SEBI यानी Securities and Exchange Board of India, भारतीय स्टॉक मार्केट की निगरानी करने वाली मुख्य संस्था है। इसका काम बाजार को पारदर्शी रखना, धोखाधड़ी रोकना और छोटे‑बड़े निवेशकों के अधिकार बचाना है।
बहुत से लोग सिर्फ़ ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म या ब्रोकर्स को देखते हैं, पर SEBI की हर घोषणा सीधे आपके पोर्टफोलियो को प्रभावित करती है। इसलिए जब भी कोई नई गाइडलाइन आती है, आपको तुरंत पता होना चाहिए कि उसका असर क्या होगा। यही कारण है कि इस टैग पेज में हम SEBI से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें और टिप्स इकट्ठा करते हैं।
SEBI की मुख्य जिम्मेदारियां
पहला काम – नियमन. SEBI सभी स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरी और ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर नियम बनाता है। ये नियम कीमतों को मनमाने तौर पर बदलने से रोकते हैं और मार्केट में झूठी खबरें फैलाने वाले लोगों को सजा दिलाते हैं।
दूसरा – निगरानी. हर ट्रेड का डेटा SEBI के पास रहता है, इसलिए अगर कोई असामान्य लेन‑देन् दिखता है तो तुरंत जांच शुरू हो जाती है। इस वजह से बड़े स्कैम अक्सर जल्दी पकड़े जाते हैं।
तीसरा – उपभोक्ता संरक्षण. यदि आप ब्रोकरेज फर्म के साथ धोखा महसूस करते हैं, तो SEBI आपके केस को सुनता है और आवश्यक उपाय करता है। उन्होंने कई बार ब्रोकर लाइसेंस रद्द कर दिए हैं क्योंकि वो निवेशकों की पूँजी सुरक्षित नहीं रख पाए थे।
2025 के ट्रेडिंग हॉलिडे और SEBI के फैसले
2025 में कुछ खास तारीखों पर ट्रेडिंग बंद रहेगा, जो सीधे आपके ट्रेडिंग प्लान को बदल देगा। अप्रैल महीने में तीन छुट्टियां हैं – 10 अप्रैल (महावीर जयन्ती), 14 अप्रैल (डॉ. अंबेडकर जयन्ती) और 18 अप्रैल (गुड फ्राइडे)। इन दिनों BSE, NSE और MCX सभी बंद रहेंगे। इसका मतलब है कि आप इन तिथियों में कोई भी खरीद‑बिक्री नहीं कर पाएँगे, इसलिए पहले से स्टॉक्स का पोर्टफोलियो री‑बैलेन्स करना ज़रूरी है।
इसके अलावा SEBI ने हाल ही में डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर कुछ नए मार्जिन नियम लागू किए हैं। अगर आप फ्यूचर्स या ऑप्शंस में निवेश करते हैं तो अब कम से कम 15 % अतिरिक्त मार्जिन रखना पड़ेगा, ताकि बाजार की अस्थिरता के समय आपके अकाउंट में पर्याप्त सुरक्षा रहे।
एक और अपडेट – SEBI ने एंटिटी‑लेवल इनसाइडर ट्रेडिंग पर कड़ी निगरानी का ऐलान किया है। अगर कोई कंपनी के अंदरूनी लोग शेयर बेचते हैं तो उन्हें 24 घंटे पहले सार्वजनिक रूप से घोषणा करनी होगी, नहीं तो जुर्माना दोहरा हो सकता है। यह नियम छोटे निवेशकों को बड़े खिलाड़ियों की अनैतिक चालों से बचाने के लिए बनाया गया है।
इन सभी बदलावों को ध्यान में रखकर आप अपने ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को एडेप्ट कर सकते हैं। सबसे पहले, अपनी ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म पर नोटिफ़िकेशन ऑन रखें ताकि किसी भी नई घोषणा की तुरंत जानकारी मिल सके। दूसरा, हर महीने के अंत में पोर्टफोलियो रिव्यू करें और हॉलिडे या नए नियमों के अनुसार स्टॉक्स को री‑बैलेंस करें। तीसरा, अगर आप एंटिटी इनसाइडर ट्रेडिंग जैसी जटिल चीज़ों से बचना चाहते हैं तो केवल भरोसेमंद कंपनियों में निवेश करें और उनका वार्षिक रिपोर्ट पढ़ें।
संक्षेप में, SEBI आपके निवेश को सुरक्षित रखने के लिए कई स्तर पर काम करता है – नियम बनाना, निगरानी करना और जब ज़रूरत पड़े तो दंड देना। अगर आप इन नियमों को समझते हैं और उनके अनुसार अपना पोर्टफोलियो मैनेज करते हैं तो बाजार में जोखिम कम रहेगा और रिटर्न बेहतर हो सकता है। आगे भी इस टैग पेज पर SEBI से जुड़ी नई खबरें, गाइडलाइन और टिप्स मिलती रहेंगी – पढ़ते रहिए और स्मार्ट इनवेस्टिंग की राह पर चलिए।

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा मामले में Shares Bazaar को SEBI ने रद्द किया पंजीकरण
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने Shares Bazaar नामक दलाल फर्म का पंजीकरण रद्द कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब यह फर्म अवैध पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा (PMS) चला रही थी। बार-बार चेतावनी और नोटिस के बावजूद, फर्म ने SEBI के निर्देशों के पालन में विफल रही और अंततः नियामक के संपर्क में भी नहीं रही। इससे निवेशक हितों को सुरक्षित रखने के लिए SEBI की सख्त नीति सामने आती है।