टेस्ला: क्या नया? – भारत में इलेक्ट्रिक कारों की दिशा
अगर आप इलेक्ट्रिक गाड़ी के बारे में सोच रहे हैं तो टेस्ला का नाम सुनते ही दिमाग में Model 3 या Model Y आता है। लेकिन सिर्फ नाम नहीं, उनके टेक्नोलॉजी और चार्जिंग समाधान भी खास होते हैं। भारत में अभी बहुत कम टेस्ला डीलरशिप खुली हैं, फिर भी लोगों की दिलचस्पी बड़ी है। इस लेख में हम टेस्ला के हालिया कदमों को देखेंगे और जानेंगे कि ये भारतीय ड्राइवरों पर कैसे असर डालते हैं।
टेस्ला के प्रमुख मॉडल और उनकी खासियत
Model 3 अभी तक भारत में सबसे सुलभ टेस्ला गाड़ी मानी जाती है, इसकी रेंज 350‑400 किमी तक मिलती है और चार्जिंग टाइम भी तेज़ है। Model Y को SUV की तरह समझें, इसका स्पेस बड़ा है और फेमिली के लिए उपयुक्त है। दोनों में ऑटोपायलट का बेसिक वर्जन शामिल है, जिससे ट्रैफिक जाम में आराम मिलता है। टेस्ला लगातार बैटरियों की ऊर्जा घनत्व बढ़ाने पर काम कर रहा है, इसलिए भविष्य में रेंज और भी बेहतर होगी।
भारत में चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रक्चर – अब कब आसान होगा?
टेस्ला ने अभी तक अपना सुपरचार्जर नेटवर्क भारत में नहीं बनाया, लेकिन कुछ बड़े शहरों में साझेदारी की खबरें आ रही हैं। कई निजी कंपनियां टेस्ला के साथ मिलकर हाई‑स्पीड चार्जिंग पॉइंट सेट कर रही हैं। अगर आप दिल्ली या मुंबई में रहते हैं तो 30‑40 मिनट में 80 % बैटरी भरना संभव हो सकता है। सरकार भी EV इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दे रही है, इसलिए अगले दो‑तीन साल में टेस्ला के चार्जर दिखने लगेंगे।
अब बात करते हैं कीमतों की। आयात शुल्क और स्थानीय करों के कारण टेस्ला कारें अभी 80 लाख रुपये से शुरू होती हैं, जो बहुत लोगों के बजट से बाहर है। लेकिन अगर भारत में असेंबली प्लांट बनता है तो कीमत घट सकती है। कई उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि 2026‑27 तक टेस्ला की एंट्री‑लेवल मॉडल 40 लाख रुपये के आसपास हो सकती है। यह रेंज उन लोगों को आकर्षित करेगी जो पर्यावरण के प्रति जागरूक और लागत में समझदारी चाहते हैं।
टेस्ला सिर्फ कार नहीं, बल्कि सॉफ़्टवेयर अपडेट्स पर भी भरोसा करता है। हर महीने नई फ़ीचर अपडेट आती है, जिससे गाड़ी की परफॉर्मेंस बेहतर होती है। अगर आप अपडेट के साथ चलना पसंद करते हैं तो टेस्ला आपके लिए फायदेमंद रहेगा। भारत में इंटरनेट कवरेज बढ़ रहा है, इसलिए OTA (ओवर‑द‑एयर) अपडेट्स सुगम हो रही हैं।
टेस्ला का पर्यावरणीय असर भी कई लोग देखते हैं। बैटरियों की रीसायकलिंग तकनीक से कचरा कम होता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटता है। अगर आप कार खरीदते समय कार्बन फुटप्रिंट देख रहे हैं, तो टेस्ला एक साफ विकल्प देता है।
अंत में यह कहना सही रहेगा कि टेस्ला भारत में अभी शुरुआती चरण में है, पर इसकी टेक्नोलॉजी और ब्रांड वैल्यू इसे भविष्य की गाड़ी बनाती है। अगर आप इलेक्ट्रिक कार खरीदने का सोच रहे हैं तो मॉडल 3 या Model Y को एक बार टेस्ट ड्राइव जरूर करें। जल्द ही टेस्ला के स्थानीय सपोर्ट और सर्विस नेटवर्क भी खुलेंगे, जिससे रख‑रखाव आसान होगा।
तो तैयार हो जाइए, क्योंकि इलेक्ट्रिक कारों का दौर अभी शुरू हुआ है और टेस्ला इस बदलाव में अहम भूमिका निभा रहा है।

टे्स्ला के एआई/ऑटोपायलट टीम के निदेशक अशोक एलुस्वामी: चेन्नई का गर्व, एलोन मस्क के ट्वीट से हुआ चयन
अशोक एलुस्वामी, चेन्नई में जन्मे रोबोटिक्स इंजीनियर, टेस्ला के एआई/ऑटोपायलट टीम के निदेशक हैं। उन्हें एलोन मस्क ने अपने ट्वीट के माध्यम से भर्ती किया था। उनके पास कंप्यूटर विज़न और संवेदनशीलता से संबंधित प्रौद्योगिकीयों में विशेषज्ञता है और उन्होंने कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय से रोबोटिक्स सिस्टम डेवलपमेंट का अध्ययन किया है। इससे पहले वे WABCO और Volkswagen में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं।