तुंगभद्रा बांध की पूरी जानकारी – क्या है फ़ायदा और कैसे जाएँ

अगर आप महाराष्ट्र के जल संसाधन या ट्रेवल प्लानिंग में रूचि रखते हैं तो तुंगभद्रा बांध आपके लिस्ट में होना चाहिए। यह बाँध न सिर्फ खेतों को पानी देता है बल्कि बिजली भी पैदा करता है और आसपास का इलाका एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट बन गया है। नीचे हम इसे आसान शब्दों में समझते हैं, ताकि आप जल्दी से योजना बना सकें।

बांध का इतिहास व उद्देश्य

तुंगभद्रा बांध 1980 के दशक में शुरू हुआ था, जब सरकार ने पानी की कमी को देखते हुए बड़े जल प्रोजेक्ट बनाने का फैसला किया। मुख्य लक्ष्य दो चीज़ें थे – सिंचन और विद्युत उत्पादन. आज इसका रिज़र्वोयर लगभग 1.5 करोड़ क्यूबिक मीटर पानी रखता है, जो कई जिलों की फसल को बचाता है। बिजली के मामले में यह लगभग 30 मेगावॉट क्षमता देता है, जिससे स्थानीय गांवों में रोशनी और छोटे उद्योग चलते हैं।

बांध का जल स्तर साल भर बदलता रहता है, इसलिए मौसम के अनुसार पानी निकालने की योजना बनाई जाती है। मोनसून आने पर जलस्तर तेज़ी से बढ़ता है और बाढ़ नियंत्रण के लिए रिलीज़ वैव्स खुले जाते हैं। इस सिस्टम ने कई बार गांवों को भारी बारिश से बचाया है।

पर्यटन और यात्रा सलाह

बांध के किनारे पर अब एक छोटा गेटवे बना हुआ है जहाँ आप पैदल या साइकिल से घूम सकते हैं। सुबह की हवा में झील का नज़ारा बहुत ही शान्तिपूर्ण लगता है, इसलिए फोटोग्राफी शौकीनों को यहाँ काफी पसंद आता है। अगर आप परिवार के साथ जा रहे हैं तो पिकनिक एरिया में बेंच और टॉयलेट्स उपलब्ध हैं – बस थोड़ा साफ़‑सुथरा रखिएगा।

पहुँचने की सबसे आसान तरीका है मुंबई‑पुना रोड पर निकल कर पुणे से 80 किमी आगे जाना। निजी कार या ऑटो से आप सीधे बैंड स्टॉप तक पहुँच सकते हैं, जहाँ पार्किंग भी फ्री है। स्थानीय बसें भी आती-जाती रहती हैं, लेकिन समय‑समय पर शेड्यूल चेक करना अच्छा रहेगा क्योंकि मौसमी ट्रैफ़िक कभी‑कभी देर कर देता है।

खाने‑पीने की बात करें तो पास में कुछ छोटे स्टॉल्स मिलेंगे जहाँ आपको दही वाले भात या ताज़ा जूस मिल सकता है। अगर आप एग्ज़ीक्यूटिव टूर चाहते हैं तो बैंड के ऑफिस से एक छोटा फ़ी लेकर गाइडेड वॉक कर सकते हैं, जिसमें डैम की इंजीनियरिंग और जल प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी।

एक बात याद रखें – पानी के करीब रहने वाले क्षेत्रों में प्लास्टिक बैग न छोड़ें, क्योंकि यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। साफ‑सफ़ाई रखिए और अपने साथ लाए हुए कचरे को वापस ले जाएँ। इस तरह आप न केवल सुंदर जगह का आनंद लेंगे बल्कि उसका संरक्षण भी करेंगे।

तो अगली बार जब मौसम ठीक हो, तो तुंगभद्रा बांध की यात्रा प्लान करें। यहाँ आपको जल शक्ति, खेती‑बाड़ी और ट्रैवल तीनों का मिश्रण मिलेगा – एकदम संतुलित अनुभव।

कर्नाटक में तुंगभद्रा बांध का क्रेस्ट गेट बहने से बाढ़ का खतरा

कर्नाटक में तुंगभद्रा बांध का क्रेस्ट गेट बहने से बाढ़ का खतरा

कर्नाटक के विजयनगर जिले में स्थित तुंगभद्रा बांध का एक क्रेस्ट गेट अचानक बह जाने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। भारी बारिश की वजह से बांध लगभग अपनी पूर्ण क्षमता पर था, जिससे इसमें करीब 100 टीएमसी पानी संगृहीत था। अधिकारियों ने हालांकि बांध की सुरक्षा की स्थिति को सुरक्षित बताया है। मरम्मत कार्य शुरू करने से पहले आधे से अधिक पानी निकलना आवश्यक है।