वक्फ संशोधन विधेयक 2025 – क्या बदलेगा?

आपने कभी सोचा है कि आपका छोटा‑सा दान भी बड़े बदलाव ला सकता है? सरकार ने अभी हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश किया है, जिससे दानों की प्रक्रिया आसान और ज्यादा पारदर्शी होगी। इस लेख में हम बताते हैं कि कौन‑से नए नियम आए हैं, क्या आपके कर रिटर्न पर असर पड़ेगा और यह समाज को कैसे फाइदा पहुंचाएगा।

मुख्य प्रावधान

सबसे पहले देखें मुख्य बिंदु:

  • दाताओं को अब 50% तक की अतिरिक्त कर छूट मिलेगी, अगर दान डिजिटल माध्यम से किया गया हो।
  • वक्फ ट्रस्टों को वार्षिक रिपोर्ट ऑनलाइन जमा करनी होगी, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति सार्वजनिक रहेगी।
  • छोटे स्तर के सामाजिक संस्थानों को अब फंड‑रजिस्ट्री में आसानी से पंजीकरण मिल सकेगा, बिना लंबी कागजी कार्रवाई के।
  • किसी भी दान पर 3 साल की ‘रिटेंशन पीरियड’ समाप्त हो गई है; अब तुरंत उपयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है।
  • सरकार ने एक विशेष ग्रांट फंड बनाया है, जो वक्फ‑प्रोजेक्ट्स में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।

इन बदलावों से दान देने वाले और प्राप्त करने वाले दोनों की जिंदगी आसान होगी। डिजिटल ट्रैकिंग से धन के लुप्त होने का डर कम होगा, और पारदर्शिता बढ़ेगी।

आम जनता के लिए क्या मतलब?

आप सोच रहे होंगे कि इस विधेयक से आपको क्या फाइदा मिलेगा। अगर आप साल में ₹10,000 या उससे अधिक दान देते हैं, तो अब आपके टैक्सेबल इनकम पर 50% तक की छूट मिल सकती है – यानी लगभग ₹5,000 बचत। यह लाभ सिर्फ तभी मिलता है जब आप ऑनलाइन ट्रांसफर या मान्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से दान करें।

दूसरी ओर, छोटे चैरिटी ग्रुप्स के लिए पंजीकरण प्रक्रिया अब दो‑तीन दिन में पूरी हो जाएगी। इसका मतलब है कि आपका स्थानीय स्कूल या स्वास्थ्य कैंप जल्दी फंड हासिल कर सकेगा और काम शुरू कर देगा। आपके समर्थन से सीधे तौर पर इन प्रोजेक्ट्स को लाभ मिलेगा।

एक बात और – यदि आप किसी वक्फ ट्रस्ट के माध्यम से दान करते हैं, तो आपको वार्षिक रिपोर्ट का लिंक मिल जाएगा। इससे आप देख पाएँगे कि आपका पैसा कहाँ खर्च हुआ, कौन‑से प्रोग्राम चलाए गये और क्या परिणाम मिले। यह भरोसा बनाता है और भविष्य में और अधिक योगदान देने की इच्छा जगाता है।

तो अगली बार जब कोई सामाजिक काम का मौका आए, तो डिजिटल दान के विकल्प को चुनें। आप न सिर्फ कर बचत करेंगे, बल्कि अपने योगदान की पारदर्शिता भी देख पाएँगे। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 यही आसान रास्ता बना रहा है – आपके छोटे कदम बड़े बदलाव बन सकते हैं।

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर अमित शाह ने नीतीश की कौन-सी बात मानी? जेडीयू समर्थन को तैयार

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर अमित शाह ने नीतीश की कौन-सी बात मानी? जेडीयू समर्थन को तैयार

लोकसभा में 12 घंटे की बहस के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 288-232 से पारित हुआ। अमित शाह ने साफ कहा कि कानून का लागू होना prospective होगा, जिससे जेडीयू की मुख्य आपत्ति दूर हुई। गैर-मुस्लिमों की भूमिका केवल प्रशासनिक निगरानी तक सीमित रहने की बात भी स्पष्ट की गई। उसके बाद जेडीयू ने समर्थन दिया। बिल पारदर्शिता, ऑडिट और डिजिटल पोर्टल जैसे बदलाव लाता है।