BCCI ने अफ़ग़ान क्रिकेटरों की मौत पर कठोर बयान, पाकिस्तान के हवाई हमले ने खेल को हिला दिया

BCCI ने अफ़ग़ान क्रिकेटरों की मौत पर कठोर बयान, पाकिस्तान के हवाई हमले ने खेल को हिला दिया

जब BCCI ने 18 अक्टूबर 2025 को अफ़ग़ान क्रिकेटर कबीर अहा, सिबघतुल्लाह और हारून की मौत पर दुख व्यक्त किया, तो खेल जगत में आश्चर्य की लहर दौड़ गई। यह बयान देवजित सैकिया, सचिव द्वारा जारी किया गया, जिसमें पाकिस्तान द्वारा पक्तिका प्रांत के उरगुन जिले में किए गए हवाई हमले को ‘निडर और भयानक’ कहा गया। उसी दिन अफ़ग़ान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने भी समान भावनाएँ जताईं और अपने टीम को आगामी त्रि‑राष्ट्रीय श्रृंखला से निकाल दिया।

पृष्ठभूमि: पाकिस्तान‑अफ़ग़ान तनाव का इतिहास

पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच तनाव अक्टूबर 11, 2025 को सीमा टकराव से फिर तेज़ हो गया। दोनों पक्षों ने सौ करोड़ सैनिकों को तैनात किया, और एक 48‑घंटे का संधि‑विराम भी टुट गया। दोहा में चल रही शांति वार्ता के दौरान भी, दुर्दम्य संघर्ष ने दो देशों के बीच भरोसा तोड़ दिया। इस माहौल में पक्तिका के उरगुन और बरमल जिलों में हुए हवाई हमले ने संदेह को और बढ़ा दिया।

हवाई हमला और अफ़ग़ान क्रिकेटरों की मौत

पाकिस्तान द्वारा पक्तिका प्रांत में हवाई हमला के दौरान, उरगुन में एक छोटे से घर पर रह रहे तीन युवा खिलाड़ी घायलों में मर गए। मृतकों में कबीर अहा, सिबघतुल्लाह और हारून शामिल थे। प्रारम्भिक रिपोर्ट्स ने कहा था कि इस हमले में आठ खिलाड़ियों की मौत और चार घायल हुए, परंतु ACB और BCCI ने केवल तीन मौतों की पुष्टि की।

आघातपूर्ण फुटेज दिखाता है कि खिलाड़ियों ने शराना में एक दोस्ताना मैच खेला था, फिर घर लौटते समय उनका घर वध हो गया। यह घटना न केवल खेल के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के जन-जन के लिए भारी झटका थी।

BCCI का आधिकारिक बयान

बोर्ड ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "नाबालिग जीवन, विशेषकर प्रतिभाशाली अफ़ग़ान क्रिकेटरों का खोना हमारे लिए बहुत ही दु:खद है। यह केवल एक खेल का नुकसान नहीं, बल्कि मानवता का विनाश है।"

देवजित सैकिया ने आगे कहा, "हम अफ़ग़ान क्रिकेट बोर्ड, सभी क्रिकेट प्रेमियों और पीड़ित परिवारों के साथ एकजुट हैं। अंतरराष्ट्रीय खेल मंच को सुरक्षित रखने के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए।" यह बयान अंतरराष्ट्रीय मीडिया में व्यापक रूप से उद्धृत हुआ, और कई देशों ने इस वाक्य को समर्थन में दोहराया।

अफ़ग़ान क्रिकेट बोर्ड की प्रतिक्रिया और त्रि‑राष्ट्रीय श्रृंखला पर असर

अफ़ग़ान क्रिकेट बोर्ड ने तुरंत सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वह भारत‑पाकिस्तान‑श्रीलंका त्रि‑राष्ट्रीय श्रृंखला से बाहर हो रहा है, जो 5‑29 नवंबर 2025 तक लाहौर और रावलपिंडी में आयोजित होने वाली थी। इस फैसले के पीछे मुख्य कारण ‘विराम की प्रतीक्षा में खेल को सुरक्षा देना’ था।

अफ़ग़ान टीम के कप्तान रशीद ख़ान ने एक तीखी टिप्पणी में कहा, "ऐसी निडर हवाई गिरावटें हमारे खिलाड़ियों को मार देती हैं, यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।" उनके इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) का ध्यान आकर्षित किया और कुछ देशों ने इस मुद्दे पर सत्र अगला करने का प्रस्ताव रखा।

  • त्रि‑राष्ट्रीय श्रृंखला में 12 मिलियन डॉलर का अनुमानित राजस्व था, जो अब खो गया।
  • अफ़ग़ान की टीम को अब अगले दो महीनों तक किसी बड़े मंच पर खेलने का मौका नहीं मिलेगा।
  • ICC ने इस घटना को ‘खेल में सुरक्षा के प्रमुख जोखिम’ के रूप में वर्गीकृत किया।

खेल की सुरक्षा और अंतर‑राज्यीय राजनीति पर चिंतन

इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय खेलों में सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया। विशेषज्ञों का मानना है कि संघर्ष क्षेत्रों में आयोजित होने वाले मैचों को ‘सुरक्षा क्षेत्र’ घोषित कर, अंतरराष्ट्रीय नियमन लागू करने की जरूरत है।

​एक सुरक्षा विशेषज्ञ, डॉ. अरविंदर सिंह (भारत) ने कहा, "यदि एफ़जी में इस तरह की हिटलर‑सदृश कार्रवाई जारी रहती है, तो अंतर‑देशीय क्रिकेट टूर अब सिर्फ कल्पना बनकर रहेंगे।" उन्होंने सुझाव दिया कि संयुक्त राष्ट्र के खेल सुरक्षा मंच को सशक्त बनाया जाए और ‘खेल‑सुरक्षा समझौते’ पर हस्ताक्षर करवाए जाएँ।

दूसरी ओर, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि हवाई हमला ‘अंतिम उपाय’ था और इसमें कोई नागरिक नुकसान नहीं होना चाहिए था। यह बयान अंतरराष्ट्रीय टिप्पणीकारों द्वारा कड़ी निंदा का शिकार बना, क्योंकि वास्तविक छवियों ने स्पष्ट रूप से नागरिक घरों को लक्षित किया दिखाया।

आगे क्या हो सकता है?

अब तक, दोहा में चल रही वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों को ‘स्थायी शांति समझौता’ पर काम करना पड़ेगा। ICC ने आश्वासन दिया है कि वह भविष्य में ऐसे क्षेत्रों में आयोजित होने वाले मैचों के लिए ‘अतिरिक्त सुरक्षा नियम’ लागू करेगा। अफ़ग़ान क्रिकेटरों की स्मृति में, कई स्थानीय क्लब और स्कूलों ने दो साल के भीतर एक स्मृति‑टॉर्नामेंट आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस हवाई हमले से अफ़ग़ान क्रिकेटरों को क्या नुकसान हुआ?

हवाई हमले में तीन युवा खिलाड़ियों – कबीर अहा, सिबघतुल्लाह और हारून – की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए। उनका परिवार अब आर्थिक मदद और मानसिक समर्थन की मांग कर रहा है, और स्थानीय क्रिकेट क्लबों ने उनकी याद में स्मारक स्थापित करने की योजना बनाई है।

BCCI ने इस घटना पर क्या कहा और क्यों महत्वपूर्ण है?

BCCI के सचिव देवजित सैकिया ने इसे ‘निडर और भयानक’ कहा, जिससे खेल की अंतरराष्ट्रीय शुद्धता और सुरक्षा पर प्रकाश पड़ा। उनका बयान अन्य खेल संगठनों को भी इसी प्रकार की घटनाओं पर ठोस कार्रवाई करने का दबाव बनाता है।

त्रि‑राष्ट्रीय श्रृंखला को कैसे प्रभावित किया गया?

अफ़ग़ान ने अपनी टीम को वापस ले लिया, जिससे लाहौर‑रावलपिंडी में निर्धारित 12 मैचों में से केवल पाकिस्तान‑श्रीलंका के बीच के मैच ही खेले गए। इससे लगभग 12 मिलियन डॉलर का राजस्व खो गया और दर्शकों की अपेक्षा भी टूट गई।

इस संघर्ष का अंतर‑राज्यीय क्रिकेट संबंधों पर क्या असर पड़ेगा?

वैश्विक स्तर पर दोनों देशों के बीच भरोसा कम हो गया है, जिससे भविष्य में संयुक्त टूर और लीग प्रोजेक्ट्स में देरी या रद्दीकरण की संभावना बढ़ी है। ICC ने अब सुरक्षा प्रोटोकॉल को कड़ा करने की घोषणा की है।

विशेषज्ञों का इस प्रकार की स्थितियों में सुरक्षा उपायों पर क्या विचार है?

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि संघर्ष‑क्षेत्रों में मैचों के लिए ‘सुरक्षा‑जोन’ का प्रावधान होना चाहिए, और अंतरराष्ट्रीय बोर्डों को स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर जोखिम मूल्यांकन करना चाहिए। इसके अलावा, वे ‘खेल‑सुरक्षा समझौते’ की मांग कर रहे हैं, जिसमें सभी पक्षों की जिम्मेदारियां स्पष्ट हों।

14 टिप्पणि

Rana Ranjit
Rana Ranjit
अक्तूबर 20, 2025 AT 22:18

जब हम खेल और राजनीति को आपस में बांधते हैं, तो गहरी सच्चाई सामने आती है।
अफ़ग़ान के युवा क्रिकेटरों की मौत सिर्फ एक खेल‑क्षति नहीं, बल्कि मानवीय बर्बादी है।
ऐसे दर्दनाक घटनाओं में हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि खेल को किस हद तक सुरक्षा की कवच में लपेटा जाए।
समय के साथ हमें अंतर‑राष्ट्रीय मंच पर ऐसे प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू करना होगा।
वही तो असली खेल भावना है, जो जीवन को भी बचा सके।

Arundhati Barman Roy
Arundhati Barman Roy
अक्तूबर 22, 2025 AT 04:52

यह घटना वास्तव में दिल​ को छू लेती है, परन्तु हमें राजनीतिक​ जीव‑विज्ञान को समझना चाहिए।
बेसिकली, खेल को सुरक्षा के एक इंटरनॅशनल फ्रेमवर्क में रखना चाहिए।
मैं मानता हूँ कि यह नीतियां समय‑समय पर रिवीउ की जाऐँ।

yogesh jassal
yogesh jassal
अक्तूबर 23, 2025 AT 11:25

देखो, हम सब एक बड़े मैदान में खेल रहे हैं, लेकिन कभी‑कभी तो बॉल सरफ़िंग नहीं, बम सरफ़िंग बन जाता है।
हँसी तो ये है कि वही लोग जो खेल को शुद्ध कहते हैं, वही ज़मीनी हलचल को अनदेखा करते हैं।
फिर भी, आशा है कि भविष्य में इस तरह की त्रासदी कम होगी, और हम अपने बच्चों को बिना डर के खेलते देख पाएँगे।
वैसे, अगर अब भी कोई कहे कि यह सिर्फ “खेल” नहीं है, तो मैं मुंह‑भरी कर दूँगा-बिलकुल सरकस की तरह!
पर हिम्मत रखो, निराशा में भी हम एकजुट रहेंगे और आगे बढ़ेंगे।

Raj Chumi
Raj Chumi
अक्तूबर 24, 2025 AT 17:58

यार यार क्या सिचुएशन है भाई ये तो सीने में आग ले आया जैसे थर्मिनेटर ने ओवरड्राइव में धावा दे दिया सारा मैदान हिला दिया

mohit singhal
mohit singhal
अक्तूबर 26, 2025 AT 00:32

भारत को बचाना हमारा कर्तव्य है! 🇮🇳

pradeep sathe
pradeep sathe
अक्तूबर 27, 2025 AT 07:05

मैं पूरी तरह समझता हूँ तुम्हारा जोश, लेकिन हर खेल में सबसे पहले मानव जीवन को सम्मान देना चाहिए।
खिलाड़ी केवल खेल नहीं, वे हमारे सपने और आशाएँ हैं।
आइए, हम सभी मिलकर ऐसी नीतियों की ओर धकेलें जो सुरक्षित भविष्य की गारंटी दे।

ARIJIT MANDAL
ARIJIT MANDAL
अक्तूबर 28, 2025 AT 13:38

इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय बोर्ड को तुरंत सख्त सुरक्षा उपाय लागू करने चाहिए।
नहीं तो खेल का नाम ही नहीं रहेगा।

Aishwarya R
Aishwarya R
अक्तूबर 29, 2025 AT 20:12

सच बताऊँ तो इस तरह के हमलों को रोकना बहुत आसान है, बस सही डेटा शेयरिंग और स्थानीय इंटेलिजेंस को मिलाकर।
फिर भी, कई बार राजनैतिक बाधाएँ इसको रोक देती हैं।
समय पर कदम नहीं उठाए तो खेल ही नहीं, पूरे समुदाय की बर्बादी होगी।

Vaidehi Sharma
Vaidehi Sharma
अक्तूबर 31, 2025 AT 02:45

मैं भी यही सोचती हूँ, सुरक्षा बिन खेल अधूरा है 😊
उम्मीद है जल्द ही सभी बोर्ड सहयोग करेंगे।

Jenisha Patel
Jenisha Patel
नवंबर 1, 2025 AT 09:18

इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को देखते हुए, हमें यह निष्कर्ष निकालना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू किया जाना अनिवार्य है,;
विभिन्न देशों के खेल संघों को इस दिशा में समन्वय स्थापित करना चाहिए,;
साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी,;
अन्यथा भविष्य में ऐसे ही वियोगकारी घटनाएँ दोहराई जा सकती हैं।

Ria Dewan
Ria Dewan
नवंबर 2, 2025 AT 15:52

बिलकुल, क्योंकि बयानों में जितनी ज़्यादा अल्पविराम हों, उतनी ही सुरक्षा बढ़ती है, है न?
वास्तव में, यह सिर्फ कागज़ की चर्चा नहीं, बल्कि जमीन पर कदम रखने की जरूरत है।
नहीं तो हम सब भाषण‑सभाओं में ही फँस जाएँगे।

rishabh agarwal
rishabh agarwal
नवंबर 3, 2025 AT 22:25

अफ़ग़ान के युवा क्रिकेटरों की मौत का शोक हमें गहरा विचार करने पर मजबूर करता है।
खेल को हमेशा शांति और एकता का प्रतीक माना जाता रहा है, लेकिन वास्तविकता में यह कई बार राजनीति का शिकार बन जाता है।
पाकिस्तान‑अफ़ग़ान तनाव ने इस बात को स्पष्ट किया कि सीमा संघर्ष खेल के मैदान तक भी फैला सकता है।
इन तीन युवा खिलाड़ीयों की आकस्मिक मृत्यु ने संकेत दिया कि युवा प्रतिभा को सुरक्षित वातावरण नहीं मिल पा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बोर्डों को अब यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी टूर्नामेंट खतरनाक क्षेत्रों में आयोजित न हो।
सुरक्षा उपायों में स्थानीय सर्जनरी, एरियल रीकॉनिसेंस और तत्काल चिकित्सा सहायता शामिल होनी चाहिए।
अगर हम इस तरह की बुनियादी तैयारियों को नजरअंदाज करें, तो भविष्य में और भी बड़े दुरघटना हो सकते हैं।
इस घटना ने दिखाया कि खेल को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
खिलाड़ियों के परिवारों को आर्थिक और मनोवैज्ञानिक समर्थन प्रदान करना आवश्यक है।
साथ ही, मीडिया को sensationalism से बचते हुए तथ्यात्मक रिपोर्टिंग करनी चाहिए।
ICC को अब एक स्पष्ट सुरक्षा समझौता बनाना चाहिए, जिसमें सभी पक्षों की जिम्मेदारी निर्धारित हो।
इस समझौते में राष्ट्रों के बीच सहयोग, तथा संयुक्त राष्ट्र के खेल सुरक्षा मंच की भूमिका भी शामिल होनी चाहिए।
यदि यह उपाय लागू हो जाएँ तो हम ऐसे दुखद घटनाओं को रोके जा सकते हैं।
इस प्रकार, खेल का मूल उद्देश्य-आनंद और एकजुटता-फिर से स्थापित होगा।
आशा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस शोक को केवल वार्तालाप तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि ठोस कदम उठाएगा।
अंत में, हम सभी को मिलकर इस त्रासदी को स्मरण में रखकर भविष्य के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था बनानी चाहिए।

Apurva Pandya
Apurva Pandya
नवंबर 5, 2025 AT 04:58

ऐसे अपराधों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, हमें नैतिकता के साथ कठोर कार्रवाई करनी होगी।
प्रत्येक बोरड को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए, यह सिर्फ खेल नहीं बल्कि मानवता का प्रश्न है।😊

Nishtha Sood
Nishtha Sood
नवंबर 6, 2025 AT 11:32

आइए मिलकर ऐसी त्रासदियों को रोकने का संकल्प लें।

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