दिल्ली में तेज मानसून: बारिश से सड़कें फिसलन भरी, ट्रैफिक पर असर
अगर आप दिल्ली में रहते हैं या आने-जाने की सोच रहे हैं, तो छाता और वाटरप्रूफ जूते जरूर साथ रखें। मौसम का मिजाज इस हफ्ते अचानक बदलने जा रहा है, क्योंकि दिल्ली में भारी बारिश और तेज़ मानसून की दस्तक मिलने वाली है। 31 जुलाई 2025 के मौसम आंकड़े बताते हैं कि इस समय हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ रहे हैं, तापमान दिन में 30 डिग्री और रात में 27 डिग्री तक पहुंच रहा है। हवा में नमी 82% तक है, जिससे गर्मी और चिपचिपाहट महसूस हो रही है। बारिश की संभावना 95% है, यानि ज्यादातर इलाकों में पूरा दिन बादल छाए रहेंगे और आसमान खुलने का नाम ही नहीं लेगा।
भारतीय मौसम विभाग ने साफ तौर पर आगाह किया है कि इतनी ज्यादा नमी और पानी गिरने से सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं और नीची जगहों पर पानी भरना लगभग तय है। कई सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों ने ऑफिस जाने की बजाय घर से ही काम करने पर जोर दिया है, खासकर बारिश वाले दिनों में।
आने वाले पांच दिन: किस दिन होगी कितनी बारिश
इस बार का मानसून सामान्य से ज्यादा ताकतवर साबित हो रहा है। दिल्ली में इस सीजन में आमतौर पर जितनी बारिश होती है, उससे कहीं ज्यादा पानी गिर चुका है और आगे भी बारिश की रफ्तार कम होने के आसार नहीं दिखते। अगस्त की शुरुआत से ही मौसम अलग-अलग रंग दिखाएगा:
- 1 अगस्त: मध्यम बारिश, पारा 35 डिग्री तक जा सकता है।
- 2 अगस्त: बादल छाए रहेंगे लेकिन बारिश की उम्मीद कम।
- 3 अगस्त: हल्की छिटपुट बारिश का अनुमान।
- 4 अगस्त: फिर से मध्यम बारिश की वापसी।
- 5-6 अगस्त: लगातार बारिश, हफ्ते की शुरुआत भीगी-भीगी रहेगी।
इतनी ज्यादा बारिश के चलते ट्रैफिक जाम, जलभराव और सड़कों पर फिसलन जैसी समस्याएं बढ़कर सामने आ सकती हैं। घटती विजिबिलिटी के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बाकी महीनों के मुकाबले कुछ सुधरता जरूर है लेकिन लगातार पानी से तेज धूप नहीं मिल पाएगी, जिससे अल्ट्रावायलेट किरणों का असर भी घट जाता है।
पुराने मौसम डेटा कहते हैं कि जुलाई में औसतन दिल्ली का तापमान 35 डिग्री तक चला जाता है और बारिश करीब 220 मिलीमीटर रहती है। इस बार आंकड़े कहीं ज्यादा हैं और ये मानसून हर लिहाज से खास माना जा रहा है।
अगर आपको बाहर निकलना ही है तो बारिश की तैयारी करके निकलें—सड़क पर नजरें टिकाए रखें, जरुरी सामान साथ रखें और बेवजह जाम का हिस्सा ना बनें। वक्त रहते सतर्क रहकर आप बारिश के मजे ले सकते हैं और परेशानियों से भी बच सकते हैं।
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15 टिप्पणि
मौसम विभाग का डेटा सही है - दिल्ली में जुलाई का औसत बारिश 220mm के आसपास होता है, लेकिन इस बार 310mm+ पहले ही हो चुका है। नमी 82% के पार पहुँच गई है, जिससे बॉडी टेम्परेचर रेगुलेशन असफल हो रहा है। ये एक एक्सट्रीम हाइड्रोमेटियोरोलॉजिकल इवेंट है, न कि सामान्य मानसून।
कभी-कभी लगता है कि हम बारिश को एक बर्बरता की तरह देखते हैं... लेकिन ये तो पृथ्वी का एक शांत श्वास है। जब तक हम इसे नियंत्रित करने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक ये जीवन का एक असली तालमेल बना रहेगा।
सुबह बारिश में चाय पीते हुए खिड़की से बाहर देखना... अब तक का सबसे अच्छा मौका। ऑफिस बंद है, लेकिन दिल खुला है। इस तरह के दिनों में बस एक किताब और एक गरम कप चाहिए।
ये सब बेकार की बातें हैं। अगर आपकी सड़क फिसलन भरी है, तो सरकार को जिम्मेदार ठहराएं। बारिश तो हर साल होती है - बस इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करो।
बारिश हो रही है तो खुश हो जाओ 😎 जिंदगी तो एक बार मिलती है... और ये बारिश तो मुफ्त में आ रही है! बस बरस दो भैया, हम तैयार हैं! 🌧️
हमारे देश में बारिश होती है तो सब भाग जाते हैं। अगर अमेरिका या जापान में ऐसा होता तो वहां की सरकार इसे टेक्नोलॉजी से कंट्रोल कर लेती। हमारे देश में तो बारिश के बाद भी गंदगी बनी रहती है।
ये सब लोग बारिश के लिए डर रहे हैं? मैंने तो 5 साल पहले दिल्ली में 100mm बारिश देखी थी, तब तो कोई चिंता नहीं कर रहा था। आजकल लोग बहुत कमजोर हो गए हैं।
मैंने इस हफ्ते अपने बच्चे को बारिश में नहलाया - वो खुशी से चिल्ला रहा था। बारिश ने उसे बचपन वापस दे दिया। शायद हम सबको बस एक बार बच्चे की तरह बारिश में भीगना चाहिए।
मैं रोज सुबह 6 बजे बाइक से ऑफिस जाता हूँ। आज सुबह बारिश के बीच एक बूढ़ा आदमी बरसते हुए एक फूल तोड़ रहा था... उसकी आँखों में एक अजीब सी शांति थी। शायद उसे इस बारिश का असली मतलब पता है।
ये बारिश हमारे दिलों को धो रही है! ये बारिश हमारे गुमशुदा आत्मा को वापस ला रही है! ये बारिश हमें याद दिला रही है कि हम इंसान हैं - न कि मशीनें! बरसो भगवान, बरसो! 🌩️💧
इतनी बारिश हो रही है तो क्या अब हमारे लोग भी बारिश के बाद सड़कें साफ करेंगे? नहीं तो ये सब बकवास है। हमारे देश में तो हर चीज़ बर्बाद हो जाती है।
मैंने इस बारिश के लिए एक लुक बनाया है - लिनन की शर्ट, ब्लैक बूट्स, और एक ओवरकोट जो मैंने पेरिस से खरीदा था। अगर आपकी बारिश की फोटो में आपका आउटफिट नहीं दिख रहा, तो आप बारिश नहीं, बल्कि बर्बरता जी रहे हैं। 🌧️✨
मौसम विभाग के अनुसार, यह घटना एक अतिरिक्त जलवायु विचलन का परिणाम है। दिल्ली के लिए इस सीजन में औसत बारिश 220 मिमी है, जबकि वर्तमान राशि 312 मिमी है - यह एक गंभीर विसंगति है। यह नियंत्रण योग्य नहीं है, बल्कि जलवायु परिवर्तन का संकेत है।
मैंने अपने बॉस को बताया कि आज घर से काम करूंगा... और वो बोला, 'ठीक है, लेकिन अगर बारिश रुक गई तो तुम ऑफिस आ जाना।' ये दिल्ली का नियम है - बारिश के लिए तैयार हो जाओ, लेकिन फिर भी आना पड़ेगा।
बारिश तो हमारे अंदर के दर्द को बहा रही है... हम जो दबाकर रखते हैं, वो आज बादलों के रूप में बरस रहा है। ये बारिश केवल धरती के लिए नहीं, बल्कि हमारे अंदर के अंधेरे के लिए भी एक अभिषेक है।