
Navratri 2025 में फास्टिंग कैसे शुरू करें
22 सितंबर से शुरू होने वाले नववर्ष में Navratri फास्टिंग सिर्फ आध्यात्मिक अभ्यास नहीं, बल्कि शरीर को रीसेट करने का मौका है। सुबह उठते ही एक गिलास गर्म नींबू पानी पीएँ – यह मेटाबॉलिज्म को तेज़ करता है और पाचन को जागरूक बनाता है। फास्टिंग के दौरान मुख्य बात है हल्के, सात्विक भोजन को चुनना और सामान्य अनाज, प्याज़‑लहसुन तथा तेल‑भारी चीज़ों से दूर रहना।
आहार में कटौती नहीं, बल्कि बदलाव है। कुट्टू (बंगाब्ला), सिंघारा (जलजमीन), राजगिरा और साबूदाना को मुख्य कार्बोहाइड्रेट स्रोत बनाएँ। इनमें मौजूद फाइबर और ऊर्जा आपकी भूख को संतुष्ट रखेगी, जबकि वजन घटाने में मदद करेगी।

वजन घटाने के लिए मुख्य टिप्स और दैनिक रूटीन
1. जल‑पान पर ध्यान दें – दिन में 2‑3 लीटर पानी, नारियल पानी या हर्बल चाय पीएँ। बटरमिल्क (छाछ) भी पेट को हल्का रखता है और प्रोबायोटिक लाभ देता है।
2. छोटे‑छोटे भोजन – तीन बड़े भोजन की बजाय 5‑6 छोटे प्लेटों में खाएँ। इससे मेटाबॉलिज्म सक्रिय रहता है और ओवरईटिंग नहीं होती।
3. प्रोटीन का सही स्रोत – कम‑फ़ैट दही, पनीर, बादाम, अखरोट और चिया‑फ्लैक्स प्रयोग करें। ये मसल्स को बनाये रखते हैं और आपको देर तक भरपूर महसूस कराते हैं।
4. फाइबर‑रिच फल‑सब्ज़ी – सेब, पपीता, अनार, गजरा, शकरकंद और लौकी फास्टिंग में शामिल करें। ये पाचन को साफ़ रखते हैं और नॉबेल डिटॉक्स में मदद करते हैं।
5. रसोई के तरीके – तला‑भुना छोड़कर बेक, ग्रिल या एअर‑फ्राइंग करें। कम तेल से खाए गए खाने से कैलोरी घटती है, लेकिन स्वाद बरकरार रहता है।
6. मिठास का सही विकल्प – शहद या खजूर से मीठा करें, बलकि सामान्य चीनी या जलेबी से बचें। यह रक्त शर्करा को स्थिर रखता है।
7. अनुमत मसाले – इलायची, दालचीनी, लौंग, कोकम, इमली, जीरा, धनिया और अदरक का प्रयोग करें। ये खाने में स्वाद बढ़ाते हैं और पाचन में मददगार होते हैं।
8. हल्के व्यायाम – रोज़ाना 20‑30 मिनट योगा, स्ट्रेचिंग या सैर करें। तेज़ चलना रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और शरीर के डिटॉक्स को तेज़ करता है।
9. रोज़ाना प्रार्थना और ध्यान – प्रत्येक दिन माँ दुर्गा की एक रूप की पूजा और कुछ मिनटों का ध्यान मन को शांत रखता है, जिससे खाने की मनहाली कम होती है।
10. रोज़ाना फास्ट ब्रेक कैसे करें – फास्ट समाप्त होने पर हल्के सुपारे जैसे कुट्टू का उपमा, फल का सलाद या एक छोटा गिलास छाछ लें। तुरंत भारी भोजन न करें, जिससे पेट को अनुकूलन करने का समय मिले।
इन सभी बातों को एक साथ अपनाने से नववर्ष के नौ दिन केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि स्वास्थ्य‑उन्नति का भी आदर्श बन जाता है। फास्टिंग के दौरान भी शरीर को पर्याप्त विटामिन और खनिज मिलते हैं, जिससे ऊर्जा बनी रहती है और वजन घटाना प्राकृतिक रूप से होता है।
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