Bengaluru Weather: भारी बारिश से जलभराव, ट्रैफिक जाम और उड़ानों में अफरा-तफरी

Bengaluru Weather: भारी बारिश से जलभराव, ट्रैफिक जाम और उड़ानों में अफरा-तफरी

भारी बारिश से बेंगलुरु में अफरा-तफरी

2025 की पहली बड़ी बारिश ने Bengaluru बारिश का नजारा पूरी तरह बदल दिया। 22-23 मार्च की रात से शुरु हुई मूसलधार बारिश ने शहर में हर तरफ पानी-पानी कर दिया। शहर में औसतन 3.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई, जिसके साथ तेज़ तूफानी हवाएं और गरज-चमक भी देखी गई। कई इलाकों में इतना पानी भर गया कि सड़कें नजर आनी बंद हो गईं।

हुनसमरणाहल्ली, पिलकेशीनगर और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में पानी भरने से स्थानीय लोग घंटों परेशान रहे। ऑफिस जाने और लौटने वाले लोग ट्रैफिक में फंसे रहे। बारिश के दौरान तेज़ हवा में एक बड़ा पेड़ टूटकर गिर पड़ा, जिससे पिलकेशीनगर में तीन साल की बच्ची की मौत हो गई। ये हादसा पूरे शहर को झकझोर गया।

ट्रैफिक, एयरपोर्ट, और सिस्टम की पोल

सबसे ज्यादा असर केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जाने वाले रास्तों पर दिखा। वहां जाने वाली सड़कें पानी में डूब गईं जिस वजह से कई लोग घंटों तक एयरपोर्ट पहुंच ही नहीं सके। ट्रैफिक पुलिस को सोशल मीडिया और मेसेजिंग ऐप्स के जरिए तरह-तरह के डायवर्जन और एडवाइजरी जारी करनी पड़ीं ताकि लोग फंसें नहीं। लेकिन जमीनी हालात आसान नहीं थे।

हवाई यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी तब हुई जब मौसम बिगड़ने की वजह से कुल 19 उड़ानों को चेन्नई डायवर्ट करना पड़ा। इन फ्लाइट्स में 11 इंडिगो, 4 एयर इंडिया एक्सप्रेस, 2 आकासा और 2 एयर इंडिया की फ्लाइट शामिल थीं। कुछ यात्रियों की फ्लाइट्स घंटों देर से चलीं या फिर कैंसिल हो गईं। एयरलाइन काउंटर पर हंगामा तक हो गया।

शहर के बाहरी इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई। खासकर होसकोटे और बेंगलुरु रूरल जिले में कई जगह सड़कें बर्फ की सफेद चादर जैसी नजर आईं। मौसम विभाग ने 7 अप्रैल तक यलो अलर्ट जारी किया है, यानी अगले कुछ दिनों तक भी ऐसे ही बेमौसम और भारी बारिश की आशंका है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। BJP नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अब ट्रैफिक सिग्नल की जगह 'लाइटहाउस' और रोज़ के आने-जाने के लिए 'सबमरीन' चाहिए। सोशल मीडिया पर भी हैशटैग बन गए, जहां लोगों ने जलभराव और सालों से न सुलझने वाली ड्रेनेज प्रॉब्लम का मजाक उड़ाया। Bengaluru, जिसे IT City कहा जाता है, वहां हर साल यही हाल—लोगों ने वीडियो, जोक्स और मीम्स की बाढ़ ला दी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी ट्रैफिक जाम और रास्तों पर फैले पानी ने एक बार फिर शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर की पोल खोल दी है। बारिश थमने के बाद भरा पानी धीरे-धीरे उतर गया, लेकिन कई जगहों पर गंदगी और कीचड़ रह गई। अब मौसम विभाग की चेतावनी और सरकार की तैयारी पर सबकी नजरें टिकी हैं—क्या इस बार कुछ बदलेगा या फिर अगली बारिश में यही कहानी दोहराई जाएगी?

17 टिप्पणि

Ritu Patel
Ritu Patel
अप्रैल 19, 2025 AT 02:16

ये बारिश तो हर साल होती है, पर सरकार तो हर साल नई नई बातें करती है। ड्रेनेज का नाम लेना भी बंद कर दिया है। बस ट्वीट करते रहोगे, बच्ची की मौत पर कुछ नहीं होगा।

Sakshi Mishra
Sakshi Mishra
अप्रैल 19, 2025 AT 18:01

हर बारिश में, एक बच्ची की जान जाती है... और हर बारिश के बाद, हम सब अपने फोन पर मीम्स बनाते हैं... क्या हम इंसान हैं? या सिर्फ एक डिजिटल भीड़? क्या हमने कभी सोचा कि ये बारिश हमारी लापरवाही का परिणाम है? ये सिर्फ पानी नहीं, हमारी अपराधबोध की कमी है... जो धीरे-धीरे, बारिश के साथ, हमारे दिलों में भी बह रही है।

Chandu p
Chandu p
अप्रैल 21, 2025 AT 09:52

मैं बेंगलुरु का रहने वाला हूँ... ये सब तो बहुत पुरानी बात है... पर अगर हम अपने घर के आसपास की ड्रेनेज खुद साफ करने लगे, तो कुछ बदल सकता है। बस एक बाल्टी, एक झाड़ू, और एक दिल की जिम्मेदारी... ये बहुत कुछ बदल देता है। 🙏

Rajesh Sahu
Rajesh Sahu
अप्रैल 22, 2025 AT 11:50

कांग्रेस सरकार ने तो बस बारिश का इंतज़ार किया था ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर का नुकसान दिखे... अब देखो, क्या बात है? जो लोग बारिश के बाद मीम्स बनाते हैं, वो खुद ही इस शहर का विनाश कर रहे हैं। भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर इतनी कमजोर कैसे हो गई? ये शहर तो अब एक बड़ी गंदगी का बर्तन बन गया है!

Gopal Mishra
Gopal Mishra
अप्रैल 23, 2025 AT 21:51

इस तरह की घटनाओं के बाद जब लोग सिर्फ निंदा करते हैं, तो समाधान की ओर कोई कदम नहीं उठाता। ड्रेनेज सिस्टम की अपडेटिंग तो 2008 के बाद से नहीं हुई। अब जब बारिश होती है, तो हम सब बारिश को दोष देते हैं, जबकि ये तो हमारी अनदेखी का नतीजा है। एक शहर का विकास तभी संभव है जब नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे। बस इतना ही।

Swami Saishiva
Swami Saishiva
अप्रैल 24, 2025 AT 10:32

बच्ची की मौत? अच्छा, उसके माता-पिता कहाँ थे? बारिश में बाहर निकलना ही गलत था। इतनी बारिश में बाहर निकलना बेवकूफी है। ये सब लोग अपने घर में बैठे रहते तो ऐसा नहीं होता।

Swati Puri
Swati Puri
अप्रैल 25, 2025 AT 17:30

ड्रेनेज के लिए एचएसएम (हाई-स्पीड ड्रेनेज मॉडल) का उपयोग करने की आवश्यकता है, जिसमें ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर इंटीग्रेशन और लाइव ड्रेनेज मॉनिटरिंग सिस्टम शामिल हों। वर्तमान नेटवर्क में 68% कमी है।

pranya arora
pranya arora
अप्रैल 27, 2025 AT 09:19

हम सब इतने व्यस्त हैं कि किसी की मौत के बाद भी हम सिर्फ एक लाइक दे देते हैं... क्या हम इतने अकेले हो गए हैं कि एक बच्ची की मौत भी हमारे लिए सिर्फ एक ट्रेंड बन गई?

Arya k rajan
Arya k rajan
अप्रैल 27, 2025 AT 11:27

मैंने भी इसी रास्ते से गाड़ी चलाई थी... बारिश में एक बूढ़े आदमी को बाइक से गिरते देखा... मैंने उसे उठाया... उसने कहा - 'बेटा, ये शहर तो बस अपने आप को भूल गया है।' उस दिन मैंने सोचा - शायद वो सही है।

Sree A
Sree A
अप्रैल 27, 2025 AT 16:01

22 मार्च की बारिश के दौरान ड्रेनेज क्षमता 18% कम थी। एयरपोर्ट एक्सेस रोड पर जल स्तर 0.8 मीटर तक पहुंचा।

DEVANSH PRATAP SINGH
DEVANSH PRATAP SINGH
अप्रैल 27, 2025 AT 17:49

मैंने देखा कि कुछ लोग अपने घर के सामने की ड्रेन को साफ कर रहे हैं... ये छोटी बातें ही बड़े बदलाव लाती हैं। अगर हर घर एक ड्रेन साफ करे, तो शहर बदल जाएगा।

SUNIL PATEL
SUNIL PATEL
अप्रैल 28, 2025 AT 08:23

ये सब बकवास है। अगर तुम इतने बेकार हो तो शहर छोड़ दो। बेंगलुरु में रहने का फैसला तुमने खुद किया था। अब शिकायत क्यों कर रहे हो?

Avdhoot Penkar
Avdhoot Penkar
अप्रैल 28, 2025 AT 17:24

लेकिन अगर बारिश न होती तो तुम सब भूल जाते कि बेंगलुरु एक शहर है। बारिश तो एक याद दिलाती है कि ये जमीन अभी भी जीवित है। 😂

Akshay Patel
Akshay Patel
अप्रैल 29, 2025 AT 22:43

भारत के बाहर जाकर देखो... वहां कोई बारिश में फंसा नहीं है। हमारी सरकार बेकार है, हमारी शिक्षा बेकार है, हमारा सोचने का तरीका बेकार है। ये शहर तो एक बड़ी गलती है।

Raveena Elizabeth Ravindran
Raveena Elizabeth Ravindran
अप्रैल 30, 2025 AT 01:22

बारिश हुई तो बारिश हुई... इतना ही तो है। लोगों को फिर फिर करके फिल्म बनाने की जरूरत क्या है? ये सब लोग बस फेमस होना चाहते हैं।

Deepak Singh
Deepak Singh
मई 1, 2025 AT 16:53

ड्रेनेज की बात करने वाले, आपने कभी शहर के ड्रेनेज मैप को देखा है? 70% एरिया में ड्रेनेज लाइन्स गायब हैं। सरकार ने 2018 में एक डिजिटल ड्रेनेज डेटाबेस बनाया था, लेकिन उसे अभी तक अपडेट नहीं किया गया। ये नहीं कि बारिश हुई, ये तो जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है।

megha u
megha u
मई 2, 2025 AT 06:57

बारिश सिर्फ बारिश नहीं... ये सरकार का एक बड़ा एक्सपेरिमेंट है। वो जानते हैं कि जब बारिश होगी, तो लोग इंटरनेट पर चिल्लाएंगे... और उन्हें बस ये चाहिए कि लोग उनके बारे में बात करें। 🤫

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