दिल्ली विधानसभा मतदान में मनीष सिसोदिया की पराजय: 600 वोटों से हारे जंगपुरा सीट

दिल्ली विधानसभा मतदान में मनीष सिसोदिया की पराजय: 600 वोटों से हारे जंगपुरा सीट

जंगपुरा विधानसभा में सिसोदिया की हार

2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में दिलचस्प मोड़ आया जब मनीष सिसोदिया, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता, जंगपुरा से चुनाव हार गए। उन्हें भाजपा के तरविन्दर सिंह मारवाह ने 600 वोटों के मामूली फर्क से परास्त किया। सिसोदिया, जिन्होंने पहले लगातार तीन बार पाटपड़गंज से विजय प्राप्त की थी, ने इस बार जंगपुरा से खड़े होने का निर्णय लिया था। हालाँकि, यह निर्णय उनके लिए सफल नहीं साबित हुआ।

सिसोदिया की पराजय के कारणों पर उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के प्रयास सराहनीय रहे, लेकिन इस परिणाम का विश्लेषण आवश्यक है। जनता का समर्थन जीतने में विफलता का एक बड़ा कारण फरवरी 2023 में उनके पिछले गिरफ्तारी और दिल्ली की शराब नीति विवाद था, जिसके कारण उन्हें करीब 18 महीने का कारावास झेलना पड़ा। हालाँकि उन्हें 2024 के अंत में जमानत मिली, लेकिन इसका प्रभाव उनकी छवि पर पड़ा।

दिल्ली में भाजपा का दबदबा

दिल्ली में भाजपा का दबदबा

जंगपुरा की हार सिर्फ एक व्यक्तिगत हार नहीं थी, बल्कि यह आम आदमी पार्टी के लिए एक व्यापक झटका था। भाजपा की इस जीत ने उसे 45 सीटों के आकड़े तक पहुंचा दिया, जो 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए आवश्यक 36 सीटों के पार है।

इस बार के चुनावों में आम आदमी पार्टी के अन्य शीर्ष नेता, यहाँ तक कि अरविंद केजरीवाल, भी प्रमुख सीटों पर संघर्ष कर रहे थे। यह सभाएँ संकेत देती हैं कि दिल्ली की राजनीति में हवा का रुख बदल रहा है। सिसोदिया की हार ने पार्टी को आत्म-मंथन करने के लिए मजबूर कर दिया है, और यह जरूरी होगा कि वे जनता के हितों के साथ जुड़े रहें।

9 टिप्पणि

Akshay Patel
Akshay Patel
फ़रवरी 9, 2025 AT 21:07

ये सब लोग तो सिर्फ अपनी बात चलाते रहते हैं। सिसोदिया को गिरफ्तारी में डालने के बाद भी जनता ने उसे वोट नहीं दिया। ये सब नेता अपने घर बैठकर नीतियाँ बनाते हैं, लेकिन जब जनता का सामना करना होता है तो फेल हो जाते हैं।

Raveena Elizabeth Ravindran
Raveena Elizabeth Ravindran
फ़रवरी 10, 2025 AT 09:23

bhagwaan yeh kya ho rha h? siso dia toh sabse zyada smart tha... ab kya hoga ab? pata nhi kya soch ke ye sab log vote kiya

Krishnan Kannan
Krishnan Kannan
फ़रवरी 11, 2025 AT 15:08

इस हार का असली मतलब ये है कि लोग अब सिर्फ नाम या नेतृत्व नहीं देख रहे। वो देख रहे हैं कि आपके पास क्या बदलाव लाने की ताकत है। सिसोदिया के नेतृत्व में जो बदलाव आए थे, वो अच्छे थे, लेकिन उनकी व्यक्तिगत छवि ने उनके नेतृत्व को ढक दिया।

Dev Toll
Dev Toll
फ़रवरी 11, 2025 AT 17:43

कुछ लोग तो बस अपनी नीतियों के नाम पर देश को तबाह कर रहे हैं। शराब नीति ने तो दिल्ली के छोटे व्यापारियों को भी नुकसान पहुंचाया। अब ये हार तो स्वाभाविक थी।

utkarsh shukla
utkarsh shukla
फ़रवरी 13, 2025 AT 02:32

ये जीत दिल्ली के लोगों की आत्मा की जीत है! जो लोग अब तक बस बातों का नाटक करते रहे, अब वो असली काम करने वालों को वोट दे रहे हैं। भाजपा की ये जीत एक नई शुरुआत है, एक नए दिल्ली की!

Amit Kashyap
Amit Kashyap
फ़रवरी 13, 2025 AT 21:13

siso dia ke saath kya ho rha hai? abhi tak koi nahi bata pa rha ki ye log kaise 600 vote se haar gaye? kya yeh sab fake news hai? yeh sabhi log toh bas ghar baithe hokar bata rahe hain

mala Syari
mala Syari
फ़रवरी 15, 2025 AT 02:35

मुझे तो ये बात समझ में नहीं आती कि एक इंसान जो 18 महीने कारावास में रहा, उसकी छवि बनाने की कोशिश कैसे हो सकती है? ये तो बस एक नेता की नहीं, एक बदलाव की चाहत की हार है। 🤷‍♀️

Kishore Pandey
Kishore Pandey
फ़रवरी 16, 2025 AT 01:22

सिसोदिया की पराजय एक व्यक्तिगत असफलता नहीं, बल्कि एक राजनीतिक विफलता है। जनता ने स्पष्ट रूप से दर्शाया है कि वे नेतृत्व के बजाय निष्पक्षता, पारदर्शिता और निरंतरता की अपेक्षा करते हैं। इस निर्णय को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

Kamal Gulati
Kamal Gulati
फ़रवरी 16, 2025 AT 02:43

जब तक लोग अपने दर्द को नहीं सुनेंगे, तब तक ये सब नेता बस अपने अहंकार में खोए रहेंगे। सिसोदिया ने जो किया, वो अच्छा था, लेकिन उसने जनता के दिल को नहीं छूआ। और यही असली गलती है। बदलाव तब होता है जब तुम लोगों के दर्द को समझो।

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