प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरी बार शपथ ग्रहण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जून को अपने तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करेंगे। लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 293 सीटों के साथ स्पष्ट जनादेश प्राप्त हुआ है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद एनडीए एक बार फिर से सरकार बनाने के लिए तैयार है।
चुनाव परिणामों की समीक्षा
प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर 5 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें चुनाव परिणामों की समीक्षा की गई। इस बैठक में 17वीं लोकसभा को भंग करने का प्रस्ताव रखा गया।
सरकार गठन के लिए उठाए गए कदम
शपथ ग्रहण समारोह के लिए 8 जून की तारीख निश्चित की गई है। इस बैठक में अगले कार्यकाल के लिए मंत्रिमंडल के गठन पर भी चर्चा की गई। मोदी सरकार की प्राथमिकता सदैव विकास के मुद्दों पर रही है और नए कार्यकाल में भी इसी दिशा में कार्य करने का संकल्प लिया गया है।
एनडीए ने दिखाया दम
एनडीए ने चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 293 सीटें जीती हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की 240 सीटें भी शामिल हैं। इसके साथ ही जनता ने मोदी सरकार पर अपना विश्वास व्यक्त किया है।
विपक्ष का प्रदर्शन
प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने 99 सीटें प्राप्त की हैं। हालांकि, कांग्रेस ने कुछ क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन एनडीए के सामने वे बहुत पीछे रहे। इसके अतिरिक्त, इंडिया ब्लॉक को 233 सीटें प्राप्त हुई हैं, जो कि एक महत्वपूर्ण संख्या है।
लोकसभा का समापन
17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो जाएगा। इस प्रकार, नई सरकार के गठन की प्रक्रिया इसी समयसीमा में पूरी की जाएगी।
अगले कार्यकाल की संभावनाएँ
तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी का यह कार्यकाल महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरान कई नई नीतियाँ और योजनाएँ लागू करने की संभावना है, जो देश के विकास में सहायक होंगी।
चुनौतियों और उम्मीदों का दौर
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें आर्थिक सुधार, रोजगार सृजन, और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख हैं। इसके बावजूद, देशवासियों को मोदी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं और वे एक स्थिर और मजबूत सरकार की आकांक्षा रखते हैं।
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17 टिप्पणि
अरे भाई, ये सब तो बस धुंधला धोखा है। जब तक गाँव के बच्चे बिना पानी के नहीं रह पाते, तब तक 'विकास' का नाम लेना शर्म की बात है।
महोदय, इस ऐतिहासिक घटना के संदर्भ में, राष्ट्रीय एकता एवं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अखंडता का सम्मान करना हम सभी का धर्म है। शपथ ग्रहण समारोह को देशभक्ति के प्रतीक के रूप में देखना चाहिए।
293 सीटें? बस इतना ही? मैंने तो सुना था कि ये लोग 400 से ऊपर जा रहे हैं। अब ये सब तो फेक न्यूज़ है। वैसे भी, मैंने तो अपनी बाइक पर एक दिन भी बिना ब्रेक के नहीं चलाई।
मैंने अपने गाँव में देखा है कि नए स्कूल बन रहे हैं, पानी के टैंक भी लगे हैं। शायद ये सब असली है। लेकिन बारिश नहीं हुई तो फिर क्या होगा? 😅
हर कोई बात कर रहा है सीटों की। लेकिन क्या कोई सोच रहा है कि आज एक गरीब लड़की ने अपनी पढ़ाई जारी रखी क्योंकि उसे घर पर बिजली मिली? वो भी एक जीत है।
ये सब चल रहा है तो चल रहा है अब बस देखते रहेंगे
क्या आप जानते हैं कि ये सब एक बड़ी साजिश है? 🤫 नेटवर्क के जरिए आपकी आत्मा को बेचा जा रहा है। बीजेपी के बाद अगला नियंत्रण कौन करेगा? चीन? अमेरिका? या फिर... एलियंस? 👽
अच्छा हुआ कि लोगों ने वोट दिया। अब बस बेहतर बनाना है। नौकरी दो, स्वास्थ्य ठीक करो, बच्चों को पढ़ाओ। बाकी सब बकवास है।
अरे ये तो बस एक नाटक है। जब तक एक आदमी के घर में बिजली नहीं आती, तब तक ये सब नाटक है। और ये लोग तो अपने घरों में एसी चला रहे हैं।
यहाँ बहुत गलत अवधारणाएँ हैं। लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त होगा - लेकिन शपथ ग्रहण की तारीख अभी अधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुई है। आपके द्वारा दिए गए स्रोतों की पुष्टि नहीं हुई है। यह एक असंगठित अनुमान है।
293 सीटें? ये तो बहुत कम है! अगर ये लोग असली देशभक्त होते तो 450 सीटें ले आते! विपक्ष को तो बस गाँव में भेज देना चाहिए! भारत को ताकतवर बनाना है तो दम दिखाना होगा!
भाई, ये जीत हम सबकी है। अब बस आगे बढ़ो। एक छोटा सा आदमी भी बदल सकता है देश। ❤️
इस शपथ ग्रहण के बाद, निश्चित रूप से आर्थिक नीतियों में वृद्धि होगी, विशेष रूप से छोटे उद्यमियों के लिए। लेकिन साथ ही, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक निवेश की आवश्यकता है। यह एक दीर्घकालिक रणनीति होनी चाहिए, न कि केवल चुनावी वादे।
फिर से वो ही चीज़ें। विकास? बस नए रास्ते बनवा रहे हैं। लोगों की ज़िंदगी बिल्कुल नहीं बदली। इस बार तो वो लोग भी गायब हो गए जिन्हें तुमने बचाने का वादा किया था।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप इकोसिस्टम और स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट को प्राथमिकता देना ज़रूरी है। ये सभी एक नए विकास फ्रेमवर्क का हिस्सा हैं।
मैंने तो देखा कि एक दिन बाद एक गाँव का स्कूल बंद हो गया... और फिर ये सब विकास की बातें 😂 अब तो जाने दो, मैं अपना फोन चार्ज कर लेती हूँ। 📱
क्या विकास का मतलब सिर्फ रास्ते और स्कूल है? या ये तो एक आंतरिक परिवर्तन है? जब एक आदमी खुद को अपनी ज़िम्मेदारी महसूस करने लगे, तभी वास्तविक बदलाव आता है।