सिलीगुड़ी रेल हादसा: कांछनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी की भिड़ंत
सोमवार की सुबह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक बेहद दुःखद रेल हादसा हुआ। कांछनजंगा एक्सप्रेस, जो कि कोलकाता के सियालदह स्टेशन के लिए जा रही थी, एक मालगाड़ी से टकरा गई। यह दुर्घटना सुबह लगभग 9 बजे हुई, जब मालगाड़ी ने पास से गुजरती कांछनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी।
पीड़ितों की संख्या और बचाव कार्य
घटना में पांच लोगों की मौत हो गई और लगभग 25 लोग घायल हो गए। ट्रेन संख्या 13174, जो अगरतला से सियालदह जा रही थी, रांगापानी क्षेत्र में पटरी से उतरी। यह स्थान न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग सात किलोमीटर की दूरी पर है। प्रभाव इतना गंभीर था कि कांछनजंगा एक्सप्रेस की दो टक्कर के कारण डिब्बे पटरी से उतर गए।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
दार्जिलिंग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अभिषेक रॉय ने इस स्थिति को गंभीर बताया और हादसे की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस विभाग ने तत्काल कार्रवाई की और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिंता और राहत कार्य
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, डॉक्टरों और एम्बुलेंस को मौके पर भेजा है। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों के इलाज के निर्देश भी दिए हैं। इस बीच, उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे (NFR) ने दुर्घटना स्थल पर एक आपातकालीन मेडिकल टीम भी भेजी है।
आपातकालीन सेवाओं की तैनाती
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान भारी बारिश होने के बावजूद, सभी लोग बचाव कार्य में जुटे हैं। सियालदह स्टेशन पर एक विशेष हेल्पडेस्क स्थापित किया गया है, और अतिरिक्त हेल्पडेस्क नाइहाटी स्टेशन पर भी स्थापित की जा रही है। इन हेल्पडेस्कों का उद्देश्य यात्रियों और उनके परिवारों की सहायता करना है।
सियालदह डिवीजन पूरी तरह से स्थिति को संभालने और आवश्यक अपडेट प्रदान करने में जुटी हुई है। इस हादसे ने एक बार फिर रेलवे के सुरक्षात्मक उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं और इस बात की जरूरत को रेखांकित किया है कि रेलवे प्रशासन को और अधिक सतर्क और सक्षम होना चाहिए।
इस हादसे में घायल हुए लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उम्मीद की जाती है कि इस हादसे के पीछे के कारणों का पता चल सकेगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के उपाय किए जा सकेंगे।
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