मुंबई में भारी बारिश से हवाई अड्डे का संचालन प्रभावित, 50 उड़ानें रद्द

मुंबई में भारी बारिश से हवाई अड्डे का संचालन प्रभावित, 50 उड़ानें रद्द

मुंबई में भारी बारिश: हवाई अड्डा संचालन संकट में

सोमवार को मुंबई में मूसलाधार बारिश ने शहर के हवाई अड्डे के संचालन को गंभीर रूप से प्रभावित किया। भारी बारिश और कम दृश्यता के कारण हवाई अड्डे पर 50 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इनमें से 42 उड़ानें इंडिगो विमानन कंपनी की थीं, जिसमें से 20 प्रस्थान उड़ानें और शेष आगमन उड़ानें थीं। इसके अलावा, एयर इंडिया ने भी छह उड़ानें रद्द कीं, जिनमें तीन प्रस्थान और तीन आगमन उड़ानें शामिल थीं।

इस संकट का असर सरकारी एयरलाइन अलायंस एयर पर भी पड़ा, जिसे अपने एक प्रस्थान और एक आगमन उड़ान को रद्द करना पड़ा। परिस्थिति इतनी गंभीर हो गई कि रनवे संचालन को एक घंटे से भी अधिक समय तक निलंबित करना पड़ा, जिसके कारण लगभग 27 उड़ानें अहमदाबाद, हैदराबाद और इंदौर जैसे नजदीकी हवाई अड्डों पर मोड़ दी गईं। इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मुंबई में भारी बारिश का आंकड़ा

मुंबई में अधिकतम बारिश की सूचना मिली है। महानगर पालिका द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मुंबई के राज्य के विभिन्न हिस्सों ने भारी बारिश का अनुभव किया। औसत रूप से, पूरी मुंबई में 115.63 मिमी बारिश हुई, जबकि पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में क्रमशः 168.68 मिमी और 165.93 मिमी बारिश दर्ज की गई।

पूर्वी मुंबई का गोवंडी इलाका इस अतिवृष्टि का प्रमुख केंद्र रहा, जहां 315.6 मिमी बारिश हुई। इसके बाद पवई में 314.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। पश्चिमी क्षेत्रों में, अंधेरी के मालपा डोंगरी में 292.2 मिमी और चाकला में 278.2 मिमी बारिश हुई। राजधानी के द्वीप शहर के हिस्सों में, प्रतीक्षा नगर में 220.2 मिमी और सेवरी कोलीवाडा में 185.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।

यात्रियों की तकलीफ

यात्रियों की तकलीफ

इन परिस्थितियों के कारण यात्रियों को अनेकों दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाएं रद्द या पुनर्निर्धारित करनी पड़ीं। एयरलाइंस द्वारा यात्रियों को अबॉरडिंनिंग और दोबारा बुकिंग की प्रकिया को तेज किया गया, हालांकि इस बीच यात्रियों को लंबी कतारों और उड़ानों के स्थगन के कारण असुविधा झेलनी पड़ी।

ऐसे विपरीत मौसम में, हवाई अड्डे के कर्मचारियों और यातायात नियंत्रण ने अपनी ओर से पूरी कोशिश की कि यात्री सुरक्षित रहें और जल्द से जल्द अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। बड़े पैमाने पर सुरक्षा संचालन और यात्रियों की सहायता प्रदान करने के प्रयासों में पूरे हवाई अड्डे की टीम लगी रही।

भविष्य की चुनौतियाँ

मुंबई में हर साल मॉनसून के दौरान भारी बारिश एक प्रमुख समस्या बनी रहती है, जिससे न केवल आम जिंदगी प्रभावित होती है बल्कि हवाई अड्डे और अन्य बुनियादी ढांचे पर भी भारी दबाव पड़ता है। इस संस्थानिक चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए संबंधित एजेंसियों को स्थायी और प्रभावी व्यवस्थाओं की आवश्यकता है।

मॉनसून के दौरान हवाई अड्डे के संचालन की तैयारियों और आकस्मिक योजनाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। हवाई अड्डे पर जलभराव की समस्या को हल करने के लिए विकासशील तकनीकों और उपायों पर काम किया जाना चाहिए ताकि यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

मुंबई में भारी बारिश के कारण हवाई अड्डे का संचालन प्रभावित होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार की स्थिति ने स्थिति की गंभीरता को सामने रखा है। यह जरूरी है कि संबंधित विभाग और एजेंसियां इस प्रकार की आपातकालीन स्थितियों का सामना करने के लिए और अधिक तैयार रहें। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि वे सुरक्षित और सुचारू रूप से अपने यात्रा का आनंद ले सकें।

17 टिप्पणि

Sukanta Baidya
Sukanta Baidya
जुलाई 10, 2024 AT 21:50

फिर से यही कहानी... मुंबई का हवाई अड्डा तो बारिश के आगे बच्चों का खिलौना है। इतने पैसे खर्च करके भी कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना पाया।

Adrija Mohakul
Adrija Mohakul
जुलाई 12, 2024 AT 16:31

मैंने अपनी फ्लाइट रद्द होते देखा था... लोगों को बस बताया गया कि 'मौसम खराब है'... कोई रियल टाइम अपडेट नहीं, कोई विकल्प नहीं। ये बस एक बार फिर बर्बरता है।

Khagesh Kumar
Khagesh Kumar
जुलाई 13, 2024 AT 20:32

मुंबई में बारिश का मुद्दा सालों से है। लेकिन हवाई अड्डे की ड्रेनेज सिस्टम तो 1980 के दशक में बनी है। अब तक कोई अपग्रेड नहीं हुआ। ये नजरअंदाजी अपराध है।

shruti raj
shruti raj
जुलाई 14, 2024 AT 02:37

ये सब जानबूझकर हो रहा है। जब तक ये अड्डा अपनी बुनियादी चीज़ें नहीं बदलेगा, तब तक लोगों को बर्बाद किया जाएगा। सरकार ने ये सब इसलिए छिपाया है कि वो अपने ब्रह्मांडीय लाभों के लिए तैयार हैं। 😒

shyam majji
shyam majji
जुलाई 14, 2024 AT 17:02

बारिश हुई तो उड़ानें रद्द हो गईं। बस इतना ही। कोई जटिल बात नहीं।

Rajesh Sahu
Rajesh Sahu
जुलाई 15, 2024 AT 00:14

अब तक भारत के हवाई अड्डों की तकनीक कितनी अच्छी है? अगर ये एक अमेरिकी शहर होता तो इस बारिश के बाद 24 घंटे में सब चल रहा होता। हमारी बेकारी का ये नतीजा है।

Govind Ghilothia
Govind Ghilothia
जुलाई 15, 2024 AT 06:04

मुंबई के हवाई अड्डे की निर्माण योजना में जल निकासी के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया। यह एक गंभीर डिज़ाइन विफलता है। भविष्य के लिए इसे एक अलग आधार पर फिर से डिज़ाइन किया जाना चाहिए।

Chandu p
Chandu p
जुलाई 15, 2024 AT 08:13

यात्री तो बस बेचारे हैं... लेकिन जिन लोगों ने इस अड्डे के लिए रात भर जागकर काम किया, उनका सम्मान करना चाहिए। वो भी इंसान हैं। ❤️

Gopal Mishra
Gopal Mishra
जुलाई 17, 2024 AT 01:19

मुंबई में बारिश के समय जलभराव की समस्या तो सिर्फ हवाई अड्डे तक सीमित नहीं है। यह शहर के हर कोने में है। लेकिन यहाँ एयरपोर्ट के लिए तो बेहतर नियोजन की जरूरत है। विकासशील तकनीकों जैसे स्मार्ट ड्रेनेज, जल संचयन टैंक और डिजिटल वॉचडॉग सिस्टम लागू करने की आवश्यकता है। इससे न केवल उड़ानें बचेंगी, बल्कि शहर का अन्य भाग भी सुरक्षित रहेगा।

Swami Saishiva
Swami Saishiva
जुलाई 17, 2024 AT 04:57

इस तरह की बेकारी के बाद भी कोई नहीं जिम्मेदार ठहराया गया। ये तो बस एक और दिन है जब भारत की बेकारी का नाम लिया गया।

Swati Puri
Swati Puri
जुलाई 18, 2024 AT 15:25

हवाई अड्डे के लिए एक अलग जल निकासी एरिया की आवश्यकता है, जिसमें ग्राउंड वॉटर रिचार्ज और एक्सेसिबिलिटी दोनों शामिल हों। यह एक सिस्टमिक एंट्री पॉइंट है जिसे डिजिटल डैशबोर्ड के साथ इंटीग्रेट किया जाना चाहिए।

megha u
megha u
जुलाई 19, 2024 AT 17:49

इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है... बारिश को फर्जी बनाकर लोगों को घबराया जा रहा है। ये सब ताकि नए एयरपोर्ट के लिए पैसे निकाले जा सकें। 🤫

pranya arora
pranya arora
जुलाई 20, 2024 AT 03:12

क्या हम सिर्फ बारिश के बारे में बात कर रहे हैं? या हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि हमारी सामाजिक व्यवस्था किस तरह अस्थायी समाधानों पर टिकी है? जब तक हम अपनी ज़िम्मेदारियों को नहीं समझेंगे, तब तक ये चक्र जारी रहेगा।

Arya k rajan
Arya k rajan
जुलाई 21, 2024 AT 20:48

यात्रियों को जो असुविधा हुई, वो बहुत दर्दनाक है। लेकिन इसके बाद भी जो लोग वहां काम कर रहे हैं, उन्हें शुक्रिया कहना चाहिए। वो भी अपनी जिम्मेदारी के साथ लड़ रहे हैं।

Sree A
Sree A
जुलाई 23, 2024 AT 09:15

ड्रेनेज क्षमता बढ़ाने के लिए ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्मियेबल पेविंग जरूरी है। इसके बिना ये समस्या दोबारा आएगी।

Deepak Singh
Deepak Singh
जुलाई 24, 2024 AT 11:23

यहाँ तक कि एक बच्चा भी जानता है कि बारिश के दौरान जलभराव होता है। फिर भी हवाई अड्डे के डिज़ाइनरों ने इसे नजरअंदाज किया? ये निष्क्रियता नहीं, ये अपराध है।

Ritu Patel
Ritu Patel
जुलाई 24, 2024 AT 19:57

इतनी बारिश के बाद भी अगर कोई यह कहे कि ये एक आम बात है, तो वो या तो बहुत बेवकूफ है या फिर इसे छिपाना चाहता है। ये तो बस एक और दिन है जब भारत की बेकारी दिख गई।

एक टिप्पणी लिखें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी.