23 सितंबर को अबू धाबी के Z क्रिकेट स्टेडियम में एशिया कप 2025 के सुपर फोर चरण में एक यादगार मुकाबला हुआ। पाकिस्तान ने 134 रन का लक्ष्य चुराकर श्रीलंका को 133/8 पर सीमित कर जीत दर्ज की। दोनों टीमों के लिए यह जीत बेहद मायने रखती थी, क्योंकि सुपर फोर में अब तक कोई भी टीम जीत नहीं पा रही थी।
मैच के प्रमुख मोड़ और खिलाड़ी प्रदर्शन
टॉस जीतने के बाद कप्तान सलमान अलीआगा ने गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। मैदान थोड़ा सूखा और कठोर था, लेकिन घास की हल्की परत ने मदद की – ऐसे परिस्थितियों में तेज़ बॉलर अक्सर फायदा उठाते हैं। पाकिस्तान की बॉलिंग यूनिट ने तभी खेल को अपना बना लिया। शहीन अफ़रीदी ने तीन विकेट लेकर शुरुआती पिज़ को तोड़ दिया, जबकि हुसैन तालाब और हारिस रौफ़ ने दो‑दो विकेट करके दांव को और आगे बढ़ाया। कुल मिलाकर, सात विकेटों के साथ टीम ने श्रीलंका की बैटिंग लाइन‑अप को जड़ता में धकेल दिया।
श्रीलंका ने अपनी बल्लेबाज़ी के लिए पथुम निसांका, कुशल मेन्डिस और कुशल पेरेरा को ओपनर के रूप में भेजा। शुरुआती ओवरों में ही विकेट गिरने से उनका एक बड़ा साझेदारी बनाना मुश्किल हो गया। वे 133 स्कोर पर 8 विकेट ले कर सभी आउट हो गए, जो उनके अद्भुत ऐतिहासिक औसत से काफी नीचे था।
दूसरी ओर, पाकिस्तान की बैटिंग लाइन‑अप भी तनाव को संभालती दिखी। सैम आयुब ने शान्त शुरुआत की, फिर फख़र ज़मान ने तेज़ी से रन बनाते हुए लक्ष्य को चुराने में मदद की। अंत में 135 रन बनाकर टीम ने 4 वकेट की कमी के साथ जीत सुरक्षित की।
परिणाम और आगे की संभावनाएँ
यह जीत पाकिस्तान के लिए सिर्फ एक अंक नहीं, बल्कि सुपर फोर में आगे बढ़ने की नई आशा भी लाती है। अब तक उनका टेबल पर प्रदर्शन औसत रहा, लेकिन इस जीत से फर्नेज़ी फाइनल तक पहुंचने की संभावना फिर से जीवित हुई। दूसरी ओर, इस हार के बाद श्रीलंका की फाइनल की राह लगभग समाप्त हो गई, क्योंकि उनके पास बाकी मैचों में बहुत कम अंक बचे हैं।
मैच के बाद दोनों टीमों के कोच और कप्तान ने मैदान की स्थिति की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिच ने बॉलर्स को पर्याप्त सहायता दी, पर बैंटिंग करने वाले खिलाड़ियों को भी धैर्य और योजना बनाकर खेलना पड़ा। शहीन अफ़रीदी की तेज़ बॉल ने इस पिच पर बड़ा प्रभाव डाला, और उनकी यह तीन‑विकेट वाली परफ़ॉर्मेंस अभी तक की सबसे यादगार बॉलिंग इम्प्रेशन में से एक बन गई।
आगे के सत्र में पाकिस्तान को अभी भी दो मैच बाकी हैं – एक वर्सेस भारत और दूसरा वर्सेस पाकिस्तान के खिलाफ। इन दोनों मैचों में जीत हासिल करने से उन्हें फाइनल में जगह पाने की दर अधिक हो जाएगी। जबकि श्रीलंका को अब अपनी स्थिति सुधारने के लिए एक जल्रुक्त प्रदर्शन करना पड़ेगा, लेकिन समय कम है।
सारांश में कहा जा सकता है कि एशिया कप 2025 का यह सुपर फोर मुकाबला बॉलिंग का मंच बन गया, और पाकिस्तान ने इस मोड़ पर अपने हाथों में जीत की कुंजी रख ली।Asia Cup 2025 के इस चरण में उनकी बॉलिंग ने मैच की दिशा बदल दी, और अब उनके फैन बेस को फिर से उम्मीदों की लहर महसूस हो रही है।
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9 टिप्पणि
शहीन अफ्रीदी की बॉलिंग तो बस फिल्मी सी लगी। उसने जो लाइन डाली वो बिल्कुल जादू जैसा था। श्रीलंका के ओपनर्स तो बस बैठ गए जैसे कोई रोबोट चलाना भूल गया हो।
पाकिस्तान ने जीत ली ठीक है लेकिन ये पिच बहुत बॉलर फ्रेंडली थी। बल्लेबाज़ों के लिए बहुत कठिन थी।
अरे भाई ये सब राजनीति है ना? 😒 श्रीलंका को जानबूझकर हारने दिया गया ताकि पाकिस्तान को फाइनल में जगह मिल जाए। अब देखो भारत के खिलाफ क्या होता है। ये सब फेक है बस। 🤫
अच्छा मैच था। शहीन ने अच्छा किया। फख़र ने भी अच्छा बल्लेबाजी की। अब भारत के खिलाफ देखना होगा।
हर कोई पाकिस्तान की बॉलिंग की तारीफ कर रहा है लेकिन श्रीलंका की बैटिंग तो बेकार थी। इतनी कमजोर टीम को लेकर इतना धमाल क्यों? ये टीम तो फाइनल में भी नहीं पहुंच पाएगी।
यहाँ कुछ गलतियाँ हैं: 'फर्नेज़ी फाइनल' का अर्थ स्पष्ट नहीं है; 'जल्रुक्त प्रदर्शन' शब्द व्याकरणिक रूप से अशुद्ध है; और '133/8 पर सीमित करके जीत' का वाक्यांश तार्किक रूप से असंगत है-क्योंकि जीत का अर्थ लक्ष्य पूरा करना होता है, न कि विपक्ष को सीमित करना।
पाकिस्तान ने फिर से भारत के दिमाग में चीर डाला! श्रीलंका को तो बस एक जिल्लत था, अब भारत का मुकाबला करेगा और वो भी तोड़ देगा! भारत के फैन अब रोएंगे! 🇵🇰🔥
ये मैच देखकर बहुत अच्छा लगा। शहीन अफ्रीदी तो अब देश के लिए गर्व की बात बन गए। भारत के खिलाफ भी ऐसा ही खेलना होगा। जय हिन्द, जय पाकिस्तान! 🙏
मैच का विश्लेषण करें तो पाकिस्तान की बॉलिंग यूनिट ने बेहतरीन काम किया है, खासकर शहीन अफ्रीदी की फास्ट बॉलिंग ने शुरुआती ओवरों में ही मैच का रुख बदल दिया। घास की हल्की परत और सूखी पिच का संयोग बॉलर्स के लिए आदर्श था, जिसे पाकिस्तान ने बेहतरीन तरीके से उपयोग किया। फख़र जमान की बैटिंग भी अच्छी रही, लेकिन उनकी शुरुआत धीमी थी, जिसे सैम आयुब ने संभाला। श्रीलंका के ओपनर्स की बैटिंग में असमर्थता देखी जा सकती है, जिसका कारण या तो दबाव था या फिर पिच के खिलाफ अनुकूलन की कमी। अगर यही बॉलिंग भारत के खिलाफ भी दिखती है, तो फाइनल की ओर कदम बढ़ाना संभव है। लेकिन ध्यान रखना होगा कि भारत के बल्लेबाज़ अधिक अनुभवी हैं और दबाव में भी खेल सकते हैं। अगर पाकिस्तान अपनी बॉलिंग की लगातार अच्छी प्रदर्शन को बनाए रखता है, तो यह टूर्नामेंट में एक बड़ा अपराधी बन सकता है।