किलियन एम्बाप्पे की स्वीकारी असफलता: यूरो 2024 से फ्रांस की हार

किलियन एम्बाप्पे की स्वीकारी असफलता: यूरो 2024 से फ्रांस की हार

यूरो 2024 फुटबॉल चैंपियनशिप के सेमी-फाइनल में स्पेन से हारने के बाद किलियन एम्बाप्पे ने साफ शब्दों में स्वीकार किया कि फ्रांस इस टूर्नामेंट में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाई। टूर्नामेंट में उनकी टीम से उम्मीदें बहुत ज्यादा थीं, लेकिन उन्होंने हर मोर्चे पर संघर्ष किया और अंतत: उन्हें स्पेन से हार का सामना करना पड़ा। यह हार फ्रांस के फुटबॉल प्रेमियों के लिए काफी निराशाजनक थी।

फ्रांस की टीम से उम्मीद की जा रही थी कि वे इस बार खिताब जीतकर ही वापसी करेंगे। फ्रांस को टूर्नामेंट का प्री-फेवरेट माना जा रहा था, लेकिन वे प्रतियोगिता के दौरान अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए। सेमी-फाइनल में रांडल कॉलो मुआनी ने फ्रांस के लिए पहला गैर-पेनल्टी गोल किया, लेकिन यह बढ़त उन्हें लंबे समय तक संभालने नहीं दी गई। स्पेन की टीम ने लमिना यामाल और दानी ओल्मो के गोल की मदद से मुकाबले का पासा पलट दिया।

दूसरे हाफ में फ्रांस ने कई मौके बनाए, लेकिन वे उन मौकों को भुना नहीं सके और अंत में उन्हें 2-1 से हार का सामना करना पड़ा। किलियन एम्बाप्पे ने टूर्नामेंट में 23 शॉट्स लिए लेकिन एक भी गैर-पेनल्टी गोल नहीं कर पाए, जो 2004 में डेको के बाद सबसे खराब रिकॉर्ड था। एम्बाप्पे ने अपनी नाक की हाल ही में टूटी हुई हड्डी के बावजूद खेला और उन्होंने कहा कि यह उनकी असफलता का कारण नहीं था।

एम्बाप्पे ने सेमी-फाइनल में बिना उस सुरक्षात्मक मास्क के खेला जो उन्होंने पिछले मैचों में पहना था। हालांकि, उनकी टीम ने अपने अन्य खिलाड़ियों के साथ मिलकर भी उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। यह हार फ्रांस के लिए यूरो 1996 के बाद पहली बड़ी टूर्नामेंट में सेमी-फाइनल हार थी।

फ्रांस की टीम ने पूरे टूर्नामेंट में संघर्ष किया और उनकी असफलता के पीछे कई वजहें रहीं। कई महत्वपूर्ण खिलाड़ी अपनी फार्म में नहीं थे और इसके साथ ही टीम की रणनीति और संयोजन में भी कमी आई। कोच और मैनेजमेंट ने अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को चुनने और उन्हें सही समय पर सही पोजिशन पर खेलने के निर्णय में भी व्यर्थ हो गए।

फ्रांस के फुटबॉल प्रेमियों के लिए यह बड़ी निराशा है कि उनकी टीम टूर्नामेंट के महत्वपूर्ण मोड़ पर जूझती नजर आई। एक समय पर जहां टीम को खिताब का दावेदार माना जा रहा था, वही टीम आज सेमी-फाइनल में हार का सामना कर रही है। ऐसे में टीम के खिलाड़ियों और मैनेजमेंट को अपनी कमियों को समझकर भविष्य में सुधार करने की आवश्यकता है।

16 टिप्पणि

Dhananjay Khodankar
Dhananjay Khodankar
जुलाई 11, 2024 AT 13:42

एम्बाप्पे ने जो किया, वो कोई आम खिलाड़ी नहीं कर पाता। नाक टूटी हुई, मास्क नहीं पहना, फिर भी 23 शॉट्स लगाए... ये जुनून है। हार टीम की है, उसकी नहीं।
फ्रांस का फुटबॉल अब बस एम्बाप्पे पर टिका हुआ है। बाकी सब बस घूम रहे हैं।

shyam majji
shyam majji
जुलाई 11, 2024 AT 16:45

ये टूर्नामेंट फ्रांस के लिए बस एक बड़ा झूठ था

shruti raj
shruti raj
जुलाई 12, 2024 AT 18:15

मैंने तो बता दिया था कि ये सब फेक है! एम्बाप्पे की नाक टूटना कोई बीमारी नहीं, ये एक साजिश है! 😤
फ्रांस के खिलाड़ी ड्रग्स ले रहे हैं, वरना इतनी बेकारी कैसे? वो मास्क भी नहीं पहने क्यों? क्योंकि उनके अंदर कोई दिल नहीं था! 😭
मैंने इसके बारे में एक यूट्यूब वीडियो देखा जहाँ एक आदमी ने कहा कि स्पेन के कोच ने एम्बाप्पे के जूतों में जादू डाल दिया! 🤫

Ritu Patel
Ritu Patel
जुलाई 13, 2024 AT 16:33

क्या आप लोग इसे खेल का नतीजा समझ रहे हैं? नहीं। ये फ्रांस के फुटबॉल सिस्टम का अंत है।
2018 में जब वो विश्व कप जीते, तो वो बस एक जादू था। अब जादू खत्म हो गया।
एम्बाप्पे को अकेले जिम्मेदार ठहराना बेकार है। उनके आसपास के सब लोग बस टीवी पर दिखने के लिए खेल रहे थे।
ये टीम बनाने के लिए बस खिलाड़ियों को इकट्ठा कर दिया गया, बाकी सब बस नाम और फेम था।
कोच को बस एक बार टीम के लिए रणनीति बनानी चाहिए थी, लेकिन वो तो बस एम्बाप्पे को बाएं फ्लैंक पर भेजता रहा।
फ्रांस का फुटबॉल अब बस एक टीवी शो है। जहाँ हर खिलाड़ी अपनी फैन बेस बढ़ाने के लिए खेल रहा है।
मैंने तो सोचा था कि फ्रांस इस बार विश्व कप जीतेगा, लेकिन अब लगता है वो अपने खुद के नाम के लिए भी नहीं जीत पाएंगे।

Deepak Singh
Deepak Singh
जुलाई 14, 2024 AT 01:37

यहाँ एक विश्लेषण: फ्रांस की टीम के लिए एम्बाप्पे की असफलता का आंकड़ा, 23 शॉट्स में शूटिंग प्रभावशीलता 0% है, जो यूरोपीय चैंपियनशिप के इतिहास में दूसरे सबसे खराब रिकॉर्ड है।
इसके अलावा, फ्रांस की टीम की एक्टिव बॉल पॉजिशनिंग और फिल्टरिंग सिस्टम में 37% की कमी दर्ज की गई है, जिसका अर्थ है कि वे गेम के 63% समय तक बेकार बॉल को ट्रैक नहीं कर पा रहे थे।
स्पेन की टीम के विपरीत, जिसने 89% पासिंग एकuracy बनाए रखी, फ्रांस की टीम की औसत पासिंग एकuracy केवल 71% थी।
यह अंतर निर्णायक था।
इसलिए, यह एम्बाप्पे की असफलता नहीं, बल्कि पूरे टीम सिस्टम की विफलता है।

Rajesh Sahu
Rajesh Sahu
जुलाई 14, 2024 AT 17:58

हमारे देश के खिलाड़ी अगर इतना खेलते तो दुनिया भर में गाने गाते! फ्रांस के लोग बस बोलते हैं, खेलते नहीं!
इन्होंने तो गोल करने की जगह टीवी कैमरे के लिए पोज देने का फैसला कर लिया! 😤
इनकी टीम में तो बस एम्बाप्पे का नाम ही बचा है, बाकी सब नाम के लिए खेल रहे हैं!

Chandu p
Chandu p
जुलाई 16, 2024 AT 13:42

दोस्तों, ये फ्रांस की हार नहीं, ये एक सबक है।
एम्बाप्पे ने अपनी नाक टूटी हुई हड्डी के साथ भी खेला, अगर ये आपके देश के खिलाड़ी ऐसा करते तो हम उन्हें देश का नाम दे देते।
हम भारतीय खिलाड़ियों को भी ऐसा जुनून देना चाहिए।
हमारे खिलाड़ी तो बस बातें करते हैं, लेकिन एम्बाप्पे तो खेलता है।
ये टीम नहीं, ये एक इंसान था जो अपने दिल से खेला।
हमें भी इसी तरह खेलना सीखना होगा।

Gopal Mishra
Gopal Mishra
जुलाई 18, 2024 AT 04:22

एम्बाप्पे की असफलता को अकेले एक खिलाड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराना गलत है।
यह एक सिस्टम की विफलता है।
फ्रांस के फुटबॉल फेडरेशन ने लंबे समय तक एकल ताकत पर निर्भरता बनाई, जबकि अधिकांश सफल टीमें टीमवर्क और सामंजस्य पर आधारित होती हैं।
एम्बाप्पे के लिए आदर्श समर्थन नहीं था।
उनके आसपास के खिलाड़ियों को न तो गोल करने का अवसर मिला, न ही उन्हें गेम के लिए बनाया गया।
टीम की रणनीति बेहद अस्थिर थी, और इसका नतीजा यह हुआ कि जब एक खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, तो बाकी टीम उसके साथ नहीं चल पाई।
यह एक बड़ी शिक्षा है: एकल ताकत अस्थायी है, लेकिन टीम का सामंजस्य स्थायी होता है।
हमें भारतीय फुटबॉल में भी इसी बात को समझना होगा।

Swami Saishiva
Swami Saishiva
जुलाई 18, 2024 AT 10:26

एम्बाप्पे का नाम लेना बेकार है। फ्रांस की टीम में सब बेकार थे।
कोच भी बेकार, फेडरेशन भी बेकार, ये सब बस टीवी पर दिखने के लिए खेल रहे थे।
हार का नाम लेना है तो टीम का नाम लो।

Swati Puri
Swati Puri
जुलाई 18, 2024 AT 17:55

फ्रांस की टीम के लिए यह एक बहुत बड़ा रिस्क-रिवॉर्ड सिस्टम था।
उन्होंने एकल स्टार के ऊपर भार डाला, जिसके कारण टीम का ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी लुप्त हो गया।
एम्बाप्पे की ड्रिबलिंग एंगल्स और स्पीड डेटा को देखें, वो एक एल्गोरिदम की तरह थे, लेकिन उनके आसपास के खिलाड़ियों का डेटा बेतरतीब था।
यह एक इंजीनियरिंग फेलियर है।
उन्हें एक नेटवर्किंग फुटबॉल सिस्टम बनाना चाहिए था, न कि एक सिंगल पॉइंट ऑफ फेलियर।

megha u
megha u
जुलाई 20, 2024 AT 05:11

मैंने तो बता दिया था कि ये टूर्नामेंट फेक है 😅
एम्बाप्पे की नाक टूटी हुई थी? ये तो बस एक फिल्मी ड्रामा है!
क्या आपने देखा कि उसके बाद वो अपने बाल बदल रहा था? ये ट्रांसफॉर्मेशन है, ये नहीं कि वो खेल रहा है 😏

pranya arora
pranya arora
जुलाई 20, 2024 AT 08:10

क्या हम असफलता को बस एक खिलाड़ी के नाम पर लिख देते हैं?
या यह एक बड़े सवाल का जवाब है - क्या हम असली जीत को बस ट्रॉफी के रूप में ही देखते हैं?
एम्बाप्पे ने अपनी नाक टूटी हुई हड्डी के साथ भी खेला।
क्या यह असफलता नहीं, बल्कि एक अद्भुत आत्मबल का प्रमाण है?
हम अक्सर जीत को ही मापते हैं, लेकिन क्या हम कभी इंसानियत को मापते हैं?
फ्रांस ने ट्रॉफी नहीं जीती, लेकिन क्या एम्बाप्पे ने अपने दिल की जीत नहीं दिखाई?

Arya k rajan
Arya k rajan
जुलाई 20, 2024 AT 10:35

मैंने ये मैच देखा, और मुझे लगा कि एम्बाप्पे ने अपने दिल से खेला।
उसकी नाक टूटी थी, लेकिन वो खेलता रहा।
हमारे देश के खिलाड़ियों को भी ऐसा जुनून चाहिए।
हम तो बस बातें करते हैं, लेकिन वो खेलता है।
हार नहीं, लेकिन इंसानियत जीत गई।

Sree A
Sree A
जुलाई 22, 2024 AT 08:58

एम्बाप्पे के शॉट्स का एक्टिव टारगेट रेंज 12.3 मीटर था, जो लीग एवरेज से 1.8 मीटर अधिक था।
इसका मतलब है कि वो बहुत ज्यादा दूर से शूट कर रहा था।
स्पेन की डिफेंस ने उसकी ड्रिबलिंग पैटर्न को 94% तक अनलॉक कर दिया।
ये एक डेटा-ड्रिवन फेलियर है।

DEVANSH PRATAP SINGH
DEVANSH PRATAP SINGH
जुलाई 23, 2024 AT 20:05

मैं तो सोच रहा था कि एम्बाप्पे को फ्रांस के लिए इतना भार देना बहुत ज्यादा है।
क्या हम इतने एकल खिलाड़ियों पर टीम बना रहे हैं?
हमारे देश में भी ऐसा होता है - एक खिलाड़ी को सब कुछ देने की कोशिश की जाती है।
लेकिन फुटबॉल एक टीम खेल है।
इसलिए, इस हार को एक सबक के रूप में लेना चाहिए।

Dhananjay Khodankar
Dhananjay Khodankar
जुलाई 25, 2024 AT 11:58

ये बात तो सच है - एम्बाप्पे के लिए ये टीम बस एक बोझ थी।
लेकिन अगर वो नहीं होता तो फ्रांस का ये टूर्नामेंट तो बस एक बोरिंग फिल्म हो जाता।
हम उसे नहीं बर्बाद कर सकते।

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