जब Mithun Manhas, पूर्व दिल्ली कप्तान, अध्यक्ष बनें BCCI के, तो यह खबर भारत के क्रिकेट अभिभावकों में हलचल मचा दी। उनका चुनाव वार्षिक आम बैठक में नई दिल्ली के मुख्यालय में हुआ।
इतिहास में तीसरा पूर्व‑क्रिकेटर अध्यक्ष
डिलाइट के तौर पर, यह केवल दूसरा नहीं, बल्कि तीसरा ऐसा मामला है जहाँ एक अनुभवी खिलाड़ी ब्रीफ़िंग टेबल पर बैठा है। पहले सौरव गांगुली ने 2019‑2022 में बोर्ड के शीर्ष पद को संभाला, और उसके बाद रॉजर बिन्नी ने अगस्त 2025 तक सेवा दी। अब Mithun Manhas की बारी है, और दर्शकों को आशा है कि उनका मैदान‑से‑ऑफ़िस अनुभव इस बार भी काम आएगा।
वेतन‑भत्ता संरचना: किसे क्या मिल रहा है?
सरकार‑के‑जैसे बँड‑ऑफ़ नहीं है—अध्यक्षता एक सम्मान पद है, पैसे का नहीं। BCCI ने कृत्रिम वेतन की जगह विविध भत्ते और सुविधाएँ तय की हैं। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- देशी बैठकों में दैनिक भत्ता: INR 40,000 प्रति दिन।
- विदेशी बैठकों में दैनिक भत्ता: USD 1,000 (लगभग INR 89,000) प्रति दिन।
- देशी यात्रा के लिये दैनिक यात्रा भत्ता: INR 30,000।
- विमान – घरेलू यात्रा में बिज़नेस क्लास, अंतरराष्ट्रीय में फर्स्ट या बिज़नेस क्लास।
- आवास – आधिकारिक मुलाक़ातों के लिये प्रीमियम होटल सुइट।
ये आंकड़े द इकॉनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट से लिये गये हैं, इसलिए भरोसेमंद माना जाता है। नोट करना ज़रूरी है कि ये भत्ते केवल तभी लागू होते हैं जब अध्यक्ष औपचारिक रूप से उपस्थित होते हैं—घर‑बैठक या निजी मुलाक़ात में नहीं।
नई प्रशासनिक टीम के चेहरे
सिर्फ अध्यक्ष नहीं, बल्कि पूरी टॉप‑लेवल टीम का चयन भी उसी बैठक में हुआ। प्रमुख सदस्य इस प्रकार हैं:
- उपाध्यक्ष: राजीव शुक्ला (उत्तर प्रदेश)।
- सचिव: देवजित सैकिया (असम)।
- सहायक सचिव: प्रभतेज सिंह भाटिया (छत्तीसगढ़)।
- कोषाध्यक्ष: रघुराम भट्ट (कर्नाटक)।
- IPL चेयरman: अरुण सिंह धूमाल (हिमाचल प्रदेश)।
- IPL ग्रैंड कमिटी सदस्य: मामोन मज़ुमदार (मिज़ोरम)।
- एपेक्स काउंसिल सदस्य: जैदेव शाह (सौराष्ट्र)।
इनमें से कई लोग पहले भी विभिन्न कॉमीशनों में शामिल रहे हैं, इसलिए अनुभव की कमी नहीं रहने वाली।
खिलाड़ी‑कम्युनिटी और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएँ
बोर्ड के भीतर कई वरिष्ठ खिलाड़ी इस बदलाव को "समय की माँग" बता रहे हैं। एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय बॉलर, जिसने नाम नहीं बताया, ने कहा, "मिथुन की कप्तानी की समझ और मैदान के अंदर की बढ़त, अब प्रशासन में लाने का समय आया है।" वहीं, खेल विश्लेषक सुरेश बर्मन ने इशारा किया कि "उच्च भत्ते तो आकर्षक हैं, पर असली चुनौती टीम‑बिल्डिंग और घरेलू‑विदेशी कैलेंडर का संतुलन है।"
क्या यह बदलाव भारतीय क्रिकेट को नई दिशा देगा?
बिल्कुल। मिथुन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वे भारत की घरेलू लीग (जैसे IPL), अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला और युवा विकास कार्यक्रमों को एक साथ समेटें। उनके पहले 12‑महीने में देखे जाने वाले दो प्रमुख संकेतक होंगे:
- राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन में स्थिरता – खासकर टेस्ट‑सीरीज़ में जीत प्रतिशत।
- उप‑उम्र के लिए संरचना – एसीए और पैडॅब‑लीग में प्रतिभा की खोज।
यदि इन बिंदुओं पर सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, तो यह साबित करेगा कि BCCI का यह नया मॉडल—एक अनुभवी खिलाड़ी के साथ, लेकिन पारदर्शी भत्ता‑सिस्टम—भविष्य की बुनियाद हो सकता है।
आगे क्या उम्मीद की जा सकती है?
अगले कुछ हफ्तों में बोर्ड कई प्रमुख निर्णय लेगा: आगामी विदेश दौरे के शेड्यूल, घरेलू टुर्नामेंट में तकनीकी सुधार और नई विज्ञापन‑सहयोगी समझौते। साथ ही, अध्यक्ष की दैनिक यात्रा भत्ते का उपयोग कैसे किया जाता है, इसपर एक स्वतंत्र ऑडिट भी आने की संभावना है, ताकि सार्वजनिक भरोसा बना रहे।
Frequently Asked Questions
Mithun Manhas के राष्ट्रपति पद से भारतीय क्रिकेट को क्या फायदा होगा?
मिथुन ने दिल्ली टीम को कई बार जीत दिलाई है, इसलिए वह दबाव में शांत रहने और रणनीतिक निर्णय लेने में निपुण हैं। उसके पास युवा खिलाड़ियों की पहचान करने का अनुभव भी है, जिससे भारत‑विदेशी टूर और घरेलू लीग दोनों में संतुलन बना रहेगा।
BCCI के अध्यक्ष को मिलने वाला दैनिक भत्ता कितना है?
देशी बैठकों में INR 40,000, विदेश में USD 1,000 (लगभग INR 89,000) तथा घरेलू यात्रा के लिये INR 30,000 दैनिक भत्ता allotted है। ये रकम केवल आधिकारिक कार्य के लिये लागू होती हैं।
क्या BCCI अध्यक्ष को कोई स्थायी वेतन मिलता है?
नहीं। यह पद पूरी तरह से सम्मान‑आधारित है, इसलिए कोई महीनावार या वार्षिक वेतन नहीं दिया जाता। केवल दैनिक भत्ता और यात्रा‑सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
नए प्रशासनिक ढाँचे में कौन-कौन से प्रमुख पद भरें गये?
उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, सचिव देवजित सैकिया, सहायक सचिव प्रभतेज सिंह भाटिया, कोषाध्यक्ष रघुराम भट्ट, IPL चेयरमैन अरुण सिंह धूमाल, और कई अन्य प्रमुख सदस्य इस नई टीम में शामिल हुए हैं।
अगले 12 महीने में BCCI किन चुनौतियों का सामना करेगा?
राष्ट्रीय टीम की लगातार जीत बनाये रखना, घरेलू लीग में नई रणनीतियों का प्रयोग, और युवा प्रतिभा के विकास के लिए संरचनात्मक सुधार प्रमुख चुनौती होंगी। इनसे निपटने में अध्यक्ष की लीडरशिप पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।
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6 टिप्पणि
मिथुन का चुनाव अच्छा हुआ, वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपनी कप्तानी से दिल्ली को बचाया था। अब बोर्ड में उनकी वही रणनीति चाहिए-कम शोर, ज्यादा काम। भत्ते तो ठीक हैं, लेकिन उनका उपयोग पारदर्शी होना चाहिए। अगर वो टीम को टेस्ट में जीत दिला दें, तो ये सब बस ब्यौरा हो जाएगा।
ये सब भत्ते बस धोखा है। एक अध्यक्ष को दिनभर में 1.3 लाख रुपये क्यों? ये बोर्ड तो अब एक क्लब बन गया है जहाँ खिलाड़ी बैठकों में बैठकर बैंगलोर के रिसॉर्ट्स में छुट्टियाँ मनाते हैं।
अरे भाई ये सब लोग तो अपनी जेब भरने के लिए बैठे हैं 😒 अगर मिथुन ने इतना पैसा कमाया तो अब उसका बेटा भी बोर्ड में आएगा 😂
इस देश में जब तक खिलाड़ी बोर्ड में नहीं आएंगे, तब तक क्रिकेट बर्बरी में डूबा रहेगा। लेकिन इतना भत्ता? ये लोग अपनी नौकरी के लिए तो जीवन बर्बाद कर देते हैं। अगर ये वाकई देश के लिए काम कर रहे हैं, तो घर बैठे बैठे ये सब भत्ते नहीं मिलने चाहिए। ये जो बिजनेस क्लास और फर्स्ट क्लास की बात है, वो तो बस शोहरत का नाम है।
ये सब लोग तो बस अपना पैसा कमा रहे hai... mithun kaun hai? kya kisi ne use dekha hai? IPL ke liye toh arun singh hi kaam karega na? 😴
सच बताऊँ तो मैं इस बदलाव से उम्मीद कर रहा हूँ। मिथुन को खेल की असली दुनिया का पता है-जहाँ युवा खिलाड़ी अपने घर के बाहर भी गेंद फेंकते हैं, न कि फिल्म स्टूडियो में। अगर वो IPL के लिए राज्यों को बराबर अवसर दे सकते हैं, तो ये बहुत बड़ी बात होगी। मैंने देखा है, कर्नाटक के युवा खिलाड़ी बहुत तेज हैं, लेकिन उन्हें जगह नहीं मिलती। अगर अब एसीए और पैडॅब-लीग में ट्रायल बढ़ जाएं, तो हमें अगली पीढ़ी के बल्लेबाज़ मिल जाएंगे। और हाँ, भत्ते तो हैं, लेकिन अगर उनका उपयोग ऑडिट हो रहा है, तो वो बेहतर है। बस एक बात-अगर वो टेस्ट टीम के लिए असली रणनीति बनाएं, तो ये सब बस एक शो नहीं, बल्कि एक विकास की कहानी बन जाएगी।