मैच की मुख्य झलकियां
19 जुलाई, 2025 को लंदन के ग्राउंड में भारत और इंग्लैंड महिलाओं की तीन मैचों की ODI श्रृंखला का दूसरा खेल हुआ। बरसात के कारण खेल में रुकावट आई और डकवर्थ-लेविस-स्टर्न (DLS) विधि अपनाई गई। भारत ने पहले 29 ओवर में 143/8 बनाकर लक्ष्य निर्धारित किया, जबकि England Women ने 116/2 का लक्ष्य 21 ओवर में ही हासिल कर जीत दर्ज की।
भारतीय बैटिंग लाइन‑अप ने शुरुआती ओवरों में ही संघर्ष किया। स्मृति मंडाना, हरमांप्रीत कौर और हरलीन डोल ने बड़े साझेदारी नहीं बना पाए। मंडाना का शॉट गलत हो गया और चार्लोट डीन ने उसे कवर पर पकड़ा, कौर को इक्लेस्टोन ने साफ़ कट शॉट पर बॉल कर दिया और डोल को रिटर्न कैच में इक्लेस्टोन ने पकड़ लिया। सबसे प्रभावी गेंदबाज रही Sophie Ecclestone, जिन्होंने केवल 6 ओवर में 3 विकेट लिए और रन सिर्फ 27 देकर दबाव बना दिया।
इंग्लैंड की ओपनिंग बैटिंग ने भी तुरंत असर दिखाया। एमी जोन्स ने 57 गेंदों पर 46 रन बनाकर मैच का क्रिकेटी बनना तय किया, जबकि सोफिया डंकली ने 9 गेंदों पर 9 रन जोड़े। इस तेज़ी ने भारतीय पिचर पर अतिरिक्त दबाव डाला, जिससे वे सीमित रन ही दे सके। भारतीय गेंदबाज़ों में कृष्णी गौड ने 3 ओवर में 1/29 और अरुंधती रेड्डी ने 5 ओवर में 0/21 जैसे इकोनॉमिक पर्फॉर्मेंस दिखाए, लेकिन विजयी विकेट नहीं ले पाईं।
मैच के बाद इंगलैंड की कप्तान नेट स्कीवर‑ब्रंट ने अपनी टीम की बॉलिंग को “बेहतर लेंथ” और “लगातार प्रेशर” के कारण सराहा। उन्होंने कहा कि ओपनर की शुरुआती आक्रमण ने लक्ष्य हासिल करने में आसान बना दिया। Sophie Ecclestone को पारर्याप्त प्रदर्शन के लिए खिलाड़ी‑ऑफ़‑द‑मैच घोषित किया गया।
आगे का रास्ता और विश्व कप की तैयारियां
इस जीत के साथ तीन‑मैच की श्रृंखला 1‑1 पर आती है, और आगे का डेसीडर दोनों टीमों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है। दोनों पक्ष जल्द आने वाले ICC महिला ODI विश्व कप की तैयारी में इस द्विपक्षीय श्रृंखला को एक बड़ा अभ्यास मान रहे हैं। भारतीय टीम को अब अपनी बैटिंग स्थिरता और छोर के खेल को सुधारना होगा, जबकि इंग्लैंड की बॉलिंग लाइन‑अप को इस फॉर्म को बनाए रखने की चुनौती है।
यदि भारत अपनी अटेक्टिव पार्टनरशिप को पुनः स्थापित कर सके तो अगला मैच बहुत रोचक हो सकता है। वहीं इंग्लैंड को अपने बॉलिंग डिपार्टमेंट को और भी सख्त बनाते रहना पड़ेगा, क्योंकि कुछ विकेटों के बिना भी वे आसानी से लक्ष्य चुरा सकते हैं। इस बिंब में दोनों टीमों के युवा खिलाड़ी भी चमक दिखा रहे हैं, जो इस बड़े टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
समग्र तौर पर, यह मैच भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को थोड़ी निराशा और इंग्लैंड के समर्थकों को उत्साह का मिश्रण प्रदान करता है। अब बचे हुए निर्णायक मुकाबले की प्रत्याशा बढ़ गई है, और दोनों टीमों की रणनीतियों का परीक्षण इस शर्त पर होगा कि कौन अपनी शक्ति को सही ढंग से इस्तेमाल कर सकता है।
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14 टिप्पणि
इंग्लैंड की बॉलिंग ने तो बस दिल जीत लिया। एक्लेस्टोन का गेंदबाजी तो बिल्कुल बाज़ीगर था। भारत की बैटिंग तो बिल्कुल फिसल गई।
क्या ये बैटिंग लाइनअप है या बल्लेबाजी का बर्बादी का शो? शुरुआती तीनों बल्लेबाज़ एक-एक करके इतनी आसानी से क्यों आउट हो गए? कोई रणनीति तो थी?
हरमांप्रीत और स्मृति का जोड़ा तो पिछले तीन मैचों से चल रहा है। अगर ये दोनों नहीं खेल पाएंगे तो भारत के लिए विश्व कप में बहुत मुश्किल होगा।
ये इंग्लैंड वाले तो बस बाहर के बाहर हैं। हमारी टीम को तो बस एक बार अच्छा लग गया तो वो चले गए। भारत की बैटिंग तो बर्बर थी। फिर भी जीत देने वाली टीम को बधाई देता हूँ।
इंग्लैंड के खिलाफ भारत की बैटिंग बिल्कुल निराशाजनक थी। ये खिलाड़ी तो विश्व कप के लिए तैयार नहीं हैं। इनमें से किसी को भी बेस्ट 11 में नहीं रखना चाहिए।
मैच के बाद कप्तान के बयान में लगातार प्रेशर का जिक्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारतीय टीम को अब बैटिंग की स्थिरता और बल्लेबाजी के अंतर्गत रणनीति को पुनर्मूल्यांकन करना होगा।
ये सब कुछ भाग्य का खेल है। जब तक हम अपने खिलाड़ियों को नहीं समझेंगे, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। जीत या हार, अंदर की बात तो बहुत गहरी है।
एक्लेस्टोन ने जो किया, वो बहुत अच्छा था। भारत के लिए अब युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए। बूढ़े खिलाड़ियों के ऊपर भरोसा नहीं कर सकते।
इंग्लैंड ने जीत ली तो क्या हुआ बड़ी बात है? भारत तो अभी तक नहीं खेला बस बारिश के कारण रुक गया था ये सब बकवास है
इस तरह के मैच देखकर लगता है कि हमारी टीम के लिए विश्व कप एक सपना है और इंग्लैंड के लिए एक नियमित अभ्यास।
क्या हम अपनी बैटिंग टैक्टिक्स को बदलने के लिए तैयार हैं? या फिर हम बस यही सोचते रहेंगे कि बारिश ने हमारी जीत छीन ली? यहाँ बारिश का दोष नहीं, हमारी बैटिंग का दोष है।
अगर इंग्लैंड के लिए ये आसान था, तो भारत के लिए ये एक बड़ी सीख है। अगला मैच बदल जाएगा, मैं यकीन करता हूँ।
यह मैच हमारी राष्ट्रीय गरिमा के लिए एक बड़ा आह्वान है। हमारे खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपनी तैयारी को फिर से निर्धारित करना चाहिए।
क्या ये सब बस एक बारिश का बहाना था? इंग्लैंड की टीम तो बस अपने आप को बहुत बड़ा समझती है। भारत की टीम ने तो बस अपना दिमाग भूल दिया।