Sanstar का IPO: एक निराशाजनक शुरुआत
Sanstar कंपनी का प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) शुक्रवार, 26 जुलाई, 2024 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट हुआ। कंपनी का इश्यू प्राइस 240 रुपये प्रति शेयर था, लेकिन इसके शेयर 14.7% प्रीमियम पर 275 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुए। यह वृद्धि अपने आप में काफी मामूली मानी जा रही है।
यह IPO 1,272 करोड़ रुपये जुटाकर आया था और इसे निवेशकों से मिली प्रतिक्रिया काफी ठंडी थी। इश्यू की कुल सब्सक्रिप्शन 1.02 गुना ही हो पाई, जो दर्शाता है कि बाजार में इसे लेकर बहुत अधिक उत्साह नहीं था।
IPO की संरचना
Sanstar के इस IPO में 600 करोड़ रुपये का नया इश्यू और 672 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल था। कंपनी ने जुटाए गए फंड का उपयोग अपने कर्ज को चुकाने और कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करने की योजना बनाई है।
शेयर बाजार में प्रदर्शन
शेयर बाजार में भी Sanstar के शेयरों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। NSE पर कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के चलते, केवल 15.75 लाख शेयर ही ट्रेड हो पाए। इससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार में इस कंपनी के प्रति निवेशकों की दिलचस्पी फिलहाल कम है।
Sanstar का बाजार पूंजीकरण लिस्टिंग के समय 4,343 करोड़ रुपये था। वहीं, इस समय बाजार की अस्थिरता का भी असर देखने को मिला, क्योंकि Nifty 50 इंडेक्स 0.6% गिरकर 17,300 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था।
IPO के लीड मैनेजर्स और उनकी भूमिका
Axis Capital, ICICI Securities और JM Financial इस IPO के लीड मैनेजर्स थे। उनकी भूमिका इस इश्यू को निवेशक तक पहुँचाने और सब्सक्रिप्शन हासिल करने में महत्वपूर्ण रही, लेकिन बाजार की परिस्थिति और अन्य आर्थिक कारकों ने भी इस IPO की सफलता पर प्रभाव डाला।
बाजार की वर्तमान स्थिति
वर्तमान समय में साझा बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू आर्थिक स्थिति, वैश्विक बाजारों की चर्चाएँ और अन्य वित्तीय संकेतकों का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। ऐसे में IPO का लिस्टिंग प्रदर्शन न केवल कंपनी की प्रतिष्ठा बल्कि बाजार की मौजूदा स्थिति को भी दर्शाता है।
Sanstar का भविष्य
अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि Sanstar अपने जुटाए गए फंड का उपयोग कैसे करती है और अपने कर्ज चुकता करने के साथ कार्यशील पूंजी को कैसे मजबूत करती है।
एक निराशाजनक शुरुआत के बावजूद, कंपनी के पास पुनः उभरने की संभावनाएँ हैं, बशर्ते कंपनी अपने व्यवसायिक योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू कर सके।
आदित्य शर्मा द्वारा रिपोर्ट किया गया।
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8 टिप्पणि
इस IPO का रिजल्ट तो बहुत ही सामान्य रहा है। बाजार में अभी कोई बड़ा उत्साह नहीं है, और ऐसे में 14.7% प्रीमियम भी अच्छा ही माना जा सकता है। कंपनी का बिजनेस मॉडल तो ठीक है, बस अब देखना होगा कि वो फंड कैसे यूज़ करती है।
कुछ लोग कहते हैं कि इसका नाम भी थोड़ा अजीब है - Sanstar? लगता है किसी फिल्म का नाम है।
1.02x सब्सक्रिप्शन? ये तो बिल्कुल बेसिक है। जब तक कोई कंपनी अपना फाइनेंशियल्स और ग्रोथ प्लान स्पष्ट नहीं करती, लोग इसमें पैसा नहीं डालेंगे। इस वक्त Nifty भी गिर रहा है, तो इसका रिजल्ट तो अपेक्षित था।
ये जो लिस्टिंग हुई, वो तो बस एक शुरुआत है! अगर ये कंपनी अपने कर्ज़ चुका देती है और ऑपरेशन्स में एफिशिएंसी लाती है, तो अगले 12 महीने में शेयर 400+ तक जा सकता है। बाजार अभी सो रहा है, लेकिन जागेगा तो Sanstar बड़ा नाम बन जाएगा। ये तो बस बैकग्राउंड म्यूजिक है - अभी तो बैंड ने गाना शुरू किया है!
भारतीय इन्वेस्टर्स अभी भी ट्रेडिंग के बजाय गूगल पर देखने की आदत रखते हैं। अगर ये कंपनी अपना बिजनेस भारत में कर रही है, तो उसका सपोर्ट भारतीय लोगों को चाहिए। अगर आप इसे बॉलीवुड की तरह देख रहे हैं, तो आपको शेयर बाजार नहीं आना चाहिए। ये नहीं कि हर कंपनी को 50% प्रीमियम चाहिए! बस अच्छा बिजनेस करो, बाकी सब खुद हो जाएगा।
Sanstar? वास्तव में क्या ये नाम किसी नए ब्रांड के लिए बनाया गया है या फिर एक फेक कंपनी है? इतनी बड़ी कंपनी का नाम इतना अनोखा और बेसिक? इस तरह के IPOs को लेकर निवेशकों को बेहद सावधान रहना चाहिए। ये तो बिल्कुल बाजार का फेक फैशन है। 🤷♀️
इस IPO की सफलता का मापदंड केवल लिस्टिंग प्रीमियम नहीं है। वास्तविक मापदंड है - कार्यशील पूंजी में सुधार, ऋण अनुपात में कमी, और आय के स्रोतों की विविधता। इन तीनों का विश्लेषण नहीं किया गया है। यहाँ तक कि लीड मैनेजर्स की रिपोर्ट भी अधूरी है। बाजार अभी भी बहुत अनुभवहीन है।
मैं तो सोचता हूँ कि क्या ये सब बस एक बड़ा नाटक है? जब तक लोग निवेश करते हैं, तब तक कंपनियाँ अपना बिजनेस नहीं बदलतीं। ये IPO तो बस एक बड़ी भावनात्मक आवश्यकता का प्रतीक है - एक ऐसी उम्मीद जो बाजार में जन्म लेती है और फिर टूट जाती है। शायद हम सब अपने भीतर के डर को निवेश के नाम पर छुपा रहे हैं।
क्या कोई जानता है कि Sanstar के CEO का नाम क्या है? क्या वो कभी अपने बच्चों के साथ खेलते हैं? ये सब भी निवेश का हिस्सा है।
अच्छा हुआ कि इसमें कोई बड़ा प्रीमियम नहीं लगा। अगर ये 50% प्रीमियम पर लिस्ट होता, तो अब तक शेयर डूब चुका होता। इस तरह की शुरुआत बेहतर है - धीरे-धीरे बनता है, बड़ा नहीं।