अप्रैल में तीन दिन बाजार बंद: तारीखें, सेगमेंट और टाइमिंग्स
अप्रैल 2025 में घरेलू शेयर बाजार—BSE और NSE—तीन अलग-अलग दिनों पर बंद रहेंगे। ये स्टॉक मार्केट हॉलिडे अप्रैल 2025 सिर्फ इक्विटी तक सीमित नहीं, डेरिवेटिव, करेंसी और कई मामलों में कमोडिटी सेगमेंट को भी प्रभावित करेंगे। अगर आप शॉर्ट-टर्म ट्रेड करते हैं, साप्ताहिक एक्सपायरी का खेल खेलते हैं, या IPOs/म्यूचुअल फंड में पैसे लगा रहे हैं, तो कैलेंडर संभालकर रखिए।
10 अप्रैल 2025 (गुरुवार) — महावीर जयंती: BSE और NSE में सभी सेगमेंट (इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव, SLB) बंद। करेंसी डेरिवेटिव भी बंद रहते हैं। कमोडिटी में MCX अक्सर सुबह बंद/शाम खुला मॉडल अपनाता है, लेकिन अंतिम टाइमिंग एक्सचेंज सर्कुलर से तय होती है—ब्रोकरेज नोटिफिकेशन देख लें।
14 अप्रैल 2025 (सोमवार) — डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती: BSE/NSE सभी सेगमेंट बंद। अधिकतर बैंकों में भी अवकाश रहता है, इसलिए फंड ट्रांसफर, पेऑउट/पे-इन और म्यूचुअल फंड प्रोसेसिंग अगले कारोबारी दिन पर जा सकती है। MCX की शाम सत्र स्थिति सर्कुलर-आधारित होती है।
18 अप्रैल 2025 (शुक्रवार) — गुड फ्राइडे: BSE, NSE और MCX तीनों पर ट्रेडिंग बंद। वैश्विक कमोडिटी एक्सचेंज भी इस दिन बड़े पैमाने पर बंद रहते हैं, इसलिए घरेलू कमोडिटी बाजार में भी पूर्ण अवकाश सामान्य है।
6 अप्रैल 2025 (रविवार) राम नवमी है, इसलिए वह स्वाभाविक वीकेंड अवकाश है और अलग से ट्रेडिंग शेड्यूल नहीं बदलता।
ये तारीखें वार्षिक हॉलिडे कैलेंडर के तहत आती हैं। एक्सचेंज जरूरत पड़ने पर सर्कुलर जारी कर टाइमिंग/सेगमेंट में बदलाव कर सकते हैं।
निवेशकों के लिए असर: सेगमेंट-वाइज गाइड, सेटलमेंट, एक्सपायरी और प्लानिंग
छुट्टियां सिर्फ “बाजार बंद” तक सीमित नहीं रहतीं। सेटलमेंट, एक्सपायरी, फंड मूवमेंट, IPO सब्सक्रिप्शन और जोखिम प्रबंधन—सब पर असर आता है। यहां एक प्रैक्टिकल गाइड है:
इक्विटी/डेरिवेटिव ट्रेडिंग: सामान्य कारोबारी दिन में प्री-ओपन 9:00–9:15 और नियमित ट्रेडिंग 9:15–15:30 रहती है। छुट्टी वाले दिन कोई सत्र नहीं होगा। ब्लॉक डील विंडो (सुबह 8:45–9:00; दोपहर 14:05–14:20) भी बंद रहेगी।
साप्ताहिक एक्सपायरी शिफ्ट: 10 अप्रैल (गुरुवार) को छुट्टी है, इसलिए उस दिन तय किसी भी इंडेक्स/स्टॉक के वीकली एक्सपायरी कॉन्ट्रैक्ट आम तौर पर पिछले कारोबारी दिन एक्सपायर हो जाते हैं। यानी संबंधित एक्सपायरी 9 अप्रैल (बुधवार) पर खिसक सकती है। अंतिम पुष्टि के लिए एक्सचेंज नोटिस देखें—लेकिन ट्रेडिंग प्लान इसी मानकर बनाएं।
मंथली एक्सपायरी: अप्रैल की मासिक F&O एक्सपायरी अंतिम गुरुवार को होती है। इस महीने अवकाश 10, 14 और 18 को है; मासिक एक्सपायरी पर सीधा असर नहीं है, लेकिन बीच के हफ्तों में वोलैटिलिटी पैटर्न बदल सकता है।
करेंसी और इंटरेस्ट-रेट डेरिवेटिव: ये सेगमेंट RBI/एक्सचेंज हॉलिडे लिस्ट फॉलो करते हैं। 10, 14 और 18 अप्रैल को करेंसी डेरिवेटिव ट्रेडिंग बंद रहेगी। इंट्राडे कैरीओवर और हेजिंग की जरूरत हो तो छुट्टी से पहले पोजिशन ट्यून करें।
कमोडिटी (MCX): गुड फ्राइडे को MCX पर पूर्ण अवकाश रहेगा। भारतीय अवकाशों (10 और 14 अप्रैल) पर MCX अक्सर शाम के सत्र में खुल सकता है, पर यह डेट-टू-डेट बदलता है। आर्बिट्राज या हेज पोजिशन वाले ट्रेडर्स शाम सत्र की स्थिति ब्रोकरेज अलर्ट/सर्कुलर से जरूर मिलाएं।
T+1 सेटलमेंट—कैलेंडर इफेक्ट: भारत में इक्विटी का मानक सेटलमेंट T+1 है। छुट्टी बीच में पड़ने पर ‘T’ के अगले कारोबारी दिन को सेटलमेंट माना जाता है। उदाहरण: 9 अप्रैल (बुध) को खरीदा शेयर 10 अप्रैल छुट्टी के कारण 11 अप्रैल (शुक्र) को सेटल होगा। 11 अप्रैल (शुक्र) के सौदे 14 अप्रैल छुट्टी होने से 15 अप्रैल (मंगल) को सेटल होंगे। यह कैश/कॉलैटरल की प्लानिंग के लिए अहम है।
क्लियरिंग और पे-इन/पे-आउट: क्लियरिंग कॉर्पोरेशन छुट्टी पर काम नहीं करती। मार्जिन शॉर्टफॉल, पेनल्टी अवॉइडेंस और सिक्योरिटीज पे-इन/पे-आउट की तारीखें अगले कारोबारी दिन पर शिफ्ट हो सकती हैं।
मार्जिन, प्लेज/अनप्लेज: CDSL/NSDL और बैंकों की छुट्टी होने पर सिक्योरिटी प्लेज/अनप्लेज अनुरोध प्रोसेसिंग अगले कारोबारी दिन होगी। अगर आपको छुट्टी के तुरंत बाद बड़ी पोजिशन लेनी है तो मार्जिन पहले से तैयार रखें।
फंड ट्रांसफर और पेआउट्स: बैंक हॉलिडे की वजह से IMPS/NEFT/RTGS की उपलब्धता और ब्रोकरेज पेआउट शेड्यूल प्रभावित हो सकता है। UPI आम तौर पर काम करता है, पर ब्रोकरेज क्रेडिटिंग/रिडेम्प्शन ‘नॉन-बिजनेस डे’ होने पर अगले कारोबारी दिन पोस्ट कर सकता है।
म्यूचुअल फंड NAV और प्रोसेसिंग: एक्सचेंज/बैंक हॉलिडे पर फंड हाउसेज उस दिन का NAV स्टैम्प नहीं करतीं। SIP कट, स्विच, रिडेम्प्शन और लार्ज ट्रांजैक्शन अगले बिजनेस डे पर शिफ्ट हो सकते हैं। अगर आप किसी फंड में ‘आज का NAV’ चाहते हैं तो कट-ऑफ टाइम से पहले और छुट्टी से एक दिन पहले ऑर्डर दें।
IPOs और UPI मैंडेट: पब्लिक इश्यू की ‘वर्किंग डेज’ गिनती में बाजार/बैंक हॉलिडे नहीं गिने जाते। छुट्टी के बीच IPO खुला हो तो वह दिन काउंट नहीं होगा। UPI मैंडेट ऑथराइजेशन और बैंकिंग कन्फर्मेशन अगले कारोबारी दिन तक खिसक सकते हैं। अलॉटमेंट/लिस्टिंग टाइमलाइन भी एक-दो दिन आगे खिसक सकती है।
ग्लोबल मार्केट्स और गैप रिस्क: 10 और 14 अप्रैल को भारत बंद रहेगा पर अमेरिका/यूरोप/एशिया के कई बाजार खुले होंगे। बीच के दिनों में कोई बड़ा ग्लोबल इवेंट हुआ तो अगले सत्र में घरेलू बाजार गैप-अप/गैप-डाउन खुल सकते हैं। गुड फ्राइडे को US/EU के प्रमुख बाजार भी बंद रहते हैं, इसीलिए कमोडिटी में वैश्विक वॉल्यूम पतला रहता है।
वोलैटिलिटी और ऑर्डर प्रबंधन: छुट्टी से पहले/बाद वाले सत्रों में अक्सर वॉल्यूम और वोलैटिलिटी दोनों बढ़ते हैं। स्टॉप-लॉस टाइट रखें, OI/डेल्टा एक्सपोजर मॉनिटर करें और ओवरनाइट रिस्क लिमिट्स तय रखें। प्राइस गैप के लिए बफर मार्जिन रखें।
सिस्टम/ब्रोकरेज ऑपरेशंस: कॉल-एंड-ट्रेड, RMS सपोर्ट, और फंडिंग डेस्क छुट्टियों में सीमित हो सकते हैं। अगर आपको बड़े ऑर्डर या कस्टडी मूवमेंट करने हैं तो उन्हें छुट्टी से पहले निपटा लें।
कैलेंडर की प्लानिंग आसान करने के लिए अप्रैल के बाद के प्रमुख मार्केट हॉलिडे भी ध्यान रखें: 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), 27 अगस्त (गणेश चतुर्थी), 2 अक्टूबर (गांधी जयंती), 21–22 अक्टूबर (दिवाली-संबंधित अवकाश), 5 नवंबर (गुरु नानक जयंती) और 25 दिसंबर (क्रिसमस)। ये तारीखें वार्षिक सूची में हैं—जरूरत पर एक्सचेंज अपडेट जारी करते हैं।
संक्षेप में, तीन अवकाश—10, 14 और 18 अप्रैल—आपके ट्रेड फ्लो, सेटलमेंट, कैश मैनेजमेंट और रिस्क हैंडलिंग पर असर डालेंगे। साप्ताहिक एक्सपायरी शिफ्ट, T+1 कैलेंडर, और बैंकिंग निर्बंधों को ध्यान में रखकर प्लान बनाएंगे तो अनचाहे गैप और फोर्स्ड डी-लिवरेज से बचा जा सकता है।
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18 टिप्पणि
अप्रैल में तीन दिन बंद हो रहे हैं, लेकिन अगर आपने अभी तक T+1 सेटलमेंट को समझ लिया है तो कोई बड़ी बात नहीं। मैंने पिछले साल भी ऐसा ही किया था-9 अप्रैल को शेयर खरीदे, 11 को सेटल हुए, और बिल्कुल ठीक रहा। बस ब्रोकर के नोटिफिकेशन चेक कर लेना चाहिए।
ये सब लिखा क्यों है? बस तारीखें दे देते तो चल जाता। लोगों को पढ़ने का टाइम ही नहीं है।
ये बाजार बंद होने की बात सुनकर मेरा दिल धड़क रहा है! अगर आपने अभी तक अपने F&O कॉन्ट्रैक्ट्स को रीव्यू नहीं किया, तो आज ही कर लीजिए। एक दिन की गलती आपकी पूरी महीने की कमाई उड़ा सकती है। जागो भाई, बाजार रुकता नहीं!
महावीर जयंती पर बंद? अच्छा तो अब हिंदू लोगों के लिए बंद तो हो गया पर मुस्लिम ट्रेडर्स का क्या? अब इसी तरह ईद पर बंद होगा तो फिर क्या होगा? ये सब नहीं बदलना चाहिए क्या?
इतना लंबा आर्टिकल लिखकर भी आपने MCX की शाम के सत्र के बारे में एक भी स्पष्ट निर्देश नहीं दिया। ये लोग तो बस अपनी बुद्धिमानी दिखाने आते हैं। आपको जो बताना है, वो बताएं, नहीं तो बस छोड़ दें।
क्या हम वाकई इतने अलग-अलग धर्मों के अनुसार बाजार को बंद करने के लिए तैयार हैं? यह एक आर्थिक निर्णय है, या एक सांस्कृतिक समझौता? जब हम बाजार को धर्म के नाम पर रोकते हैं, तो क्या हम अपनी आर्थिक स्वतंत्रता को बेच रहे हैं?
मैंने तो बस एक बार इस आर्टिकल को पढ़ा, और फिर देखा कि एक दिन बाद बाजार बंद है। बाकी सब बिल्कुल बेकार लगा।
अंबेडकर जयंती पर बंद होना तो बिल्कुल सही है, पर महावीर जयंती पर बंद होना अब बहुत ज्यादा हो गया है। ये लोग तो अपने धर्म के नाम पर हर चीज़ पर अपना दावा जमा रहे हैं। बाजार तो राष्ट्रीय है, न कि किसी धर्म का।
इस आर्टिकल में उल्लिखित तथ्यों की व्याख्या व्यापक रूप से वैध है, लेकिन इसकी भाषा अत्यधिक अनौपचारिक है। एक आर्थिक निर्देशिका में इतना अनौपचारिक टोन अनुचित है। आपको अपनी भाषा को औपचारिक और शुद्ध रखना चाहिए।
मैंने अपने सिप को 8 अप्रैल को डाला था, और अब लग रहा है कि ये 11 अप्रैल को ही प्रोसेस होगा। ब्रोकर ने भी कुछ नहीं बताया, तो मैंने खुद इस आर्टिकल को पढ़ा। अच्छा लगा, अब मैं अगली बार एक दिन पहले ही ऑर्डर दूंगी।
मैंने तो 10 अप्रैल को एक बड़ा ऑर्डर दे दिया था, और अब लग रहा है कि ये अगले दिन तक नहीं चलेगा। ब्रोकर का नोटिफिकेशन भी नहीं आया। अब मैं इसके लिए बैंक को गुस्सा देने वाला हूँ।
अगर आप बाजार को बंद कर रहे हैं, तो क्यों नहीं सभी दिनों को बंद कर देते? फिर एक दिन में सारा काम कर लो। बाकी दिन आराम कर लो। ये तीन दिन क्यों? बस एक दिन बंद कर दो, और सब ठीक हो जाएगा।
यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें भारतीय आर्थिक इकोसिस्टम की संवेदनशीलता और सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व किया गया है। बाजार के बंद होने के ये दिन, न केवल व्यापारिक निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि हमारी सामाजिक एकता के प्रतीक भी हैं।
मैंने तो बस अप्रैल की तारीखें देखीं और अपने ट्रेड्स को रीप्लान कर लिया। बाकी सब बहुत ज्यादा लगा। बस बताओ कि कब बंद है, और बाकी तो खुद समझ लेना चाहिए।
क्या हम अपने आप को इतने छोटे त्योहारों के लिए बाजार बंद करने के लिए तैयार कर रहे हैं? क्या हमारी आर्थिक व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि एक दिन के बंद होने से डर जाए? हमें अपनी शक्ति पर विश्वास करना चाहिए।
बस एक बात बताओ: अगर मैंने 13 अप्रैल को शेयर खरीदे, तो वो कब सेटल होंगे? इसका जवाब तो आर्टिकल में नहीं है।
ये सब लोग बाजार के बंद होने की बात कर रहे हैं, पर किसी ने बताया नहीं कि अगर मैं इन दिनों में एक नया फंड खोलूं तो क्या होगा? बस इतना ही लिख दिया, बाकी तो खुद समझो।
मैंने इस आर्टिकल को पढ़ा, और मैं बहुत दुखी हूँ। ये बाजार के बंद होने के दिन एक अपमान हैं। हमारे देश में इतने त्योहार हैं, और हमारी आर्थिक गतिविधि इतनी कमजोर है कि हर दिन कुछ न कुछ बंद हो जाता है।