IPL 2024 में हरशित राणा का असाधारण प्रदर्शन
भारत के युवा गेंदबाज हरशित राणा ने IPL 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए शानदार प्रदर्शन किया, जिससे उनकी टीम को महत्वपूर्ण मुकाबलों में जीत मिली। खासकर फाइनल मुकाबले में उनकी गेंदबाजी ने सबको चौंका दिया। उनकी धीमी गेंदों और गुप्त तरीके से गेंदबाजी का तरीका विरोधी बल्लेबाजों के सामने चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। उन्होंने अपनी गेंदबाजी से बड़े-बड़े बल्लेबाजों को चकमा दिया और उन्हें आउट किया।
गौतम गंभीर का मेंटरशिप
हरशित राणा ने अपने इस जबरदस्त प्रदर्शन का श्रेय दो बार IPL जीतने वाले कप्तान और KKR के वर्तमान मेंटर गौतम गंभीर को दिया। गंभीर की सतर्क निगरानी और व्यक्तिगत मार्गदर्शन ने राणा के आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। गंभीर के साथ काम करने का अनुभव राणा के लिए बहुमूल्य साबित हुआ है। गंभीर, जिन्होंने पहले ही क्रिकेट का लम्बा और सफल सफर तय किया है, उन्होंने राणा को न सिर्फ तकनीकी अनुशासन सिखाया, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से मजबूत भी बनाया।
गंभीर का अनुभव और उनके द्वारा दिए गए सुझाव उच्च दबाव वाले मैचों में राणा के प्रदर्शन को और भी उम्दा बनाने में कारगर सिद्ध हुए हैं। गंभीर ने राणा के अंदर की असली ताकत को पहचाना और उसे परिपक्व किया।
उच्च दबाव में प्रदर्शन
हरशित राणा ने गंभीर की सलाह और अपनी मेहनत के बल पर उच्च दबाव वाली परिस्थितियों में भी अच्छा प्रदर्शन किया। उनकी गेंदबाजी का अनूठा तरीका, जिसमें धीमी गेंदों का उपयोग प्रमुख था, ने उन्हें दूसरे खिलाड़ियों से अलग बनाया। इसके अलावा, गंभीर के साथ की गई निरंतर प्रैक्टिस ने उनके आत्मविश्वास को और भी बढ़ावा दिया।
उन्होंने अंतिम मुकाबले में अपनी टीम के लिए अहम किरदार निभाया, जहां उनकी गेंदबाजी ने विरोधी टीम के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को असमंजस में डाला। इस शानदार प्रदर्शन के बाद राणा को आगामी T20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में भी शामिल किया गया है।
भविष्य की उम्मीदें
ICC T20 विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करना हरशित राणा के लिए गर्व की बात है। यह चयन इस बात का प्रमाण है कि उनकी मेहनत रंग ला रही है और गंभीर का मार्गदर्शन उन्हें सही दिशा में ले जा रहा है। आगामी समय में, राणा पर न सिर्फ भारतीय क्रिकेट टीम के बल्कि पूरे देश की उम्मीदें टिकी हुई हैं।
हरशित राणा का यह सफर कई अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है। वह गंभीर के मार्गदर्शन में और भी ऊचाइयां छूना चाहते हैं और भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि वह भविष्य में और भी बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे और भारतीय क्रिकेट के सितारे बनेंगे।
समाप्ति
हरशित राणा और गौतम गंभीर की जोड़ी ने IPL 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए एक अद्वितीय दृष्टांत पेश किया है। उनकी सफलता की कहानी क्रिकेट के मैदान पर ही नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन और आत्मविश्वास के महत्व को रेखांकित करती है। हरशित राणा का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है और क्रिकेट प्रेमी उनकी आगामी उपलब्धियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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19 टिप्पणि
गौतम गंभीर का मेंटरशिप एकदम सही था। हरशित की स्पिन टेक्निक में डिस्कशन बॉल का यूज बहुत स्मार्ट था। फाइनल में 3 ओवर में 2 विकेट, जिसमें डेविड वॉर्नर और रिशभ पंत दोनों को आउट किया। ये जो गेंदबाजी हुई, वो टी20 के लिए बिल्कुल परफेक्ट एडवांस्ड डिज़ाइन था।
मैंने भी देखा था वो मैच। गंभीर ने राणा को बस एक बात समझाई थी - 'अपनी गति बदलने की जगह, एक्सीडेंटल लुक दे।' और वो ही काम कर गया। बल्लेबाज़ सोचते हैं ये धीमी है, पर असल में वो डिस्कशन बॉल है। बहुत बढ़िया मार्गदर्शन।
ये सब बकवास है। राणा को गंभीर का श्रेय देना बेकार है। अगर वो अपनी क्षमता से नहीं खेलता तो कोई भी मेंटर उसे चैंपियन नहीं बना सकता। इस देश में हर कोई किसी का श्रेय देकर अपनी नाक ऊंची करता है।
गंभीर तो बस एक बूढ़ा है, राणा ने अपनी मेहनत से किया 😎
इस देश में युवा खिलाड़ियों को बाहरी मार्गदर्शन की जरूरत ही क्यों है? अगर हमारे खिलाड़ी अपने अंदर की ताकत को नहीं ढूंढ पा रहे, तो ये नहीं कि हम बाहरी लोगों के नाम लगा रहे हैं। भारतीय खिलाड़ी अपने आप में बहुत ताकतवर हैं।
haa bhai ye sab kuchh likha hai lekin kya asli mein kuchh hua? maine dekha toh sirf 2 wicket hi gaye... aur phir bhi sab kuchh hype kardiya 😴
मैं भी एक युवा गेंदबाज हूं, और मैंने गंभीर के एक इंटरव्यू में एक बात सुनी थी - 'जब तुम बल्लेबाज के सामने आते हो, तो उसे लगे कि तुम भी डर रहे हो।' राणा ने यही किया। उसकी आंखों में डर था, पर उसकी गेंदों में नहीं। वो जो बोला, वो बस एक बात थी: 'अपने आप को नहीं, बल्कि अपनी गेंद को डराओ।'
गंभीर के बारे में तो सब कुछ बहुत अच्छा लगा। लेकिन एक बात सोचने लायक है - अगर राणा को इतना मार्गदर्शन चाहिए था, तो उसके बाद के युवा खिलाड़ियों को क्या करना होगा? क्या हम सबको अपने लिए एक गंभीर चाहिए?
ये देखो! भारत का एक नया सितारा बन रहा है! राणा की गेंदबाजी ने मैदान को बदल दिया! जब उसने वो लास्ट ओवर में विकेट लिया, तो मैं उठ खड़ा हुआ! ये कोई खिलाड़ी नहीं, ये एक जादूगर है! गंभीर के बिना ये असंभव था! भारत की गर्व की बात! 🇮🇳🔥
गंभीर ने राणा को सिखाया तो ठीक है, पर अब ये लोग सबको गंभीर का श्रेय दे रहे हैं। अगर राणा का दिमाग नहीं होता तो गंभीर क्या कर पाते? ये सब भारतीय खिलाड़ियों की कमजोरी है। हमें अपने आप पर भरोसा करना होगा।
मुझे लगता है कि ये सब बहुत ज्यादा ड्रामा है। एक युवा खिलाड़ी ने अच्छा खेला, और अब सब इसे एक फिलॉसफी की कहानी बना रहे हैं। ये जैसे कोई बच्चा ने एक अच्छा स्केच बनाया, और अब उसे म्यूजियम में लगा दिया गया।
यह घटना अत्यंत प्रशंसनीय है। गौतम गंभीर के अनुभव और राणा की युवा ऊर्जा का संगम भारतीय क्रिकेट के लिए एक आदर्श उदाहरण है। यह न केवल खेल के बारे में है, बल्कि जीवन के नैतिक मूल्यों के बारे में है।
क्या तुमने कभी सोचा कि गंभीर को भी किसी ने बताया था? जब वो खेल रहे थे, तो किसने उन्हें समझाया? शायद वो भी किसी के शिक्षक का शिष्य थे। ये सब एक श्रृंखला है। आत्मविश्वास नहीं, विरासत है।
मैंने गंभीर को एक इंटरव्यू में देखा था। उन्होंने कहा था - 'मैं किसी को बदलने की कोशिश नहीं करता, मैं उसे अपने आप को ढूंढने में मदद करता हूं।' राणा ने अपने आप को ढूंढ लिया। गंभीर ने बस दरवाजा खोल दिया।
गंभीर ने राणा को बस एक बात बताई थी - गेंद को नहीं देखो बल्कि बल्लेबाज की आंखों को देखो और फिर उसके बाद गेंद फेंको और देखो क्या होता है 😎
क्या आप जानते हैं कि राणा के पहले तीन मैचों में उसकी इकोनॉमी रेट 10.5 थी? और अब वो 6.8 है। ये बदलाव किसने किया? गंभीर ने। ये नहीं कि राणा ने अचानक जादू किया। ये एक योजना थी। एक बड़ी योजना।
आत्मविश्वास... यह एक ऐसी चीज है जो बाहर से नहीं, बल्कि अंदर से आती है। गौतम गंभीर ने राणा को एक दर्पण दिया - जिसमें राणा ने अपने अंदर के विश्वास को देखा। यह एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिसमें खेल केवल एक उपकरण है।
हां, गंभीर बहुत अच्छे हैं, पर क्या तुमने कभी सोचा कि अगर राणा ने गंभीर की बजाय रोहित शर्मा को चुना होता, तो क्या होता? ये सब एक बहुत बड़ा लॉटरी है। किसी का नाम आ गया, और अब सब उसकी तारीफ कर रहे हैं।
यह एक ऐसा उदाहरण है जो भारतीय संस्कृति के गुरु-शिष्य परंपरा की अमरता को दर्शाता है। गौतम गंभीर, जैसे विद्वान गुरु, ने राणा को न केवल क्रिकेट का ज्ञान, बल्कि जीवन के गहरे सत्यों का ज्ञान भी प्रदान किया। यह भारत के आध्यात्मिक और खेल के एकीकरण का प्रतीक है।